70 वर्ष बाद भी पटियाला को नहीं जोड़ा गया सीधे तौर पर अमृतसर से

punjabkesari.in Saturday, Dec 09, 2017 - 08:42 AM (IST)

पटियाला (बलजिन्द्र) : देश को आजाद हुए 70 साल हो गए पर सिख धर्म के सबसे बड़े धार्मिक स्थान श्री हरिमंदिर साहिब जोकि अमृतसर में स्थित है, के लिए आज तक  सीधे तौर पर कोई सड़क नहीं बनाई गई। दरबार साहिब जाने के लिए पटियाला निवासियों को पहले सरहिंद जाना पड़ता है। इसके बाद अमृतसर के लिए मेन जी.टी. रोड मिलती है। 17 दिसम्बर को भले ही चुनाव नगर निगम के लिए हो रहे हैं लेकिन पटियाला में यह मुद्दा बड़े स्तर पर उठने लगा है।  

पटियाला से अमृतसर जाने के लिए जी.टी. रोड पर चढऩे के लिए भी 35 किलोमीटर का रास्ता तय करना पड़ता है जोकि आज भी टू लेन होने के कारण किसी बड़े रिस्क से कम नहीं है।  पटियाला से सरहिंद जाने के लिए टू लेन सड़क होने के कारण यहां आए दिन बड़े सड़क हादसे होते हैं।  पंजाब व हरियाणा हाईकोर्ट द्वारा नियुक्त किए गए ट्रैफिक एडवाइजर नवनीत हसीजा ने हाल ही में पटियाला के ट्रैफिक संबंधी एक रिपोर्ट भी जारी की, जिसमें सबसे अधिक हादसे इस सड़क पर ही हुए पाए गए हैं क्योंकि पटियाला-जीरकपुर रोड निर्माणाधीन होने के कारण अधिकतर लोग चंडीगढ़ व मोहाली जाने के लिए भी इसी सड़क का प्रयोग करते हैं। 

सालों से उठा रहा फोरलेन का मुद्दा

दूसरा पटियाला से लुधियाना, जालंधर, अमृतसर, वाघा बार्डर, श्री नयना देवी, श्री वैष्णो देवी, जम्मू-कश्मीर समेत प्रमुख स्टेशनों को जाने के लिए यही एक सड़क है पर सरकार द्वारा दरबार साहिब को जाने वाली इस रोड को आज तक फोरलेन नहीं किया गया। इस संबंधी कई बार अलग-अलग संगठनों द्वारा मांगें भी की गईं और प्रदर्शन भी किए गए पर सरकार द्वारा इस महत्वपूर्ण सड़क बारे कोई विचार नहीं किया गया।

2 महीने पहले जिला प्रशासन द्वारा हालांकि यह ऐलान किया गया है कि इस सड़क को फोरलेन किया जाएगा पर आज तक उस पर कोई कार्रवाई शुरू नहीं हुई। सबसे हैरान करने वाली बात यह है कि पटियाला के विधायक कैप्टन 2 बार मुख्यमंत्री भी रह चुके हैं पर आज तक  अमृतसर जैसे महत्वपूर्ण स्टेशन जाने के लिए पटियाला  को उससे सीधे तौर पर नहीं जोड़ा गया। पटियाला के रहने वाले लोग आज भी वाया सरङ्क्षहद होकर ही श्री दरबार साहिब जाते हैं।


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