100 प्रतिशत दिव्यांग होने के बावजूद भी, इस युवक की तरफ नहीं गया सरकार का ध्यान

punjabkesari.in Friday, Nov 03, 2017 - 01:33 PM (IST)

गिद्दड़बाहा (संध्या): समय की सरकारें भले अपने आप को कितना ही गरीब हितैषी कहलाने के दावे करती हों परंतु सच्चाई कुछ और है। गरीबों को मिलने वाली सुविधाएं सिर्फ लीडरों के चहेतों के जानकारों को ही मिलती हैं।

100 प्रतिशत दिव्यांग होने के बावजूद भी आज तक पैंशन भी नहीं मिली, नौकरी तो क्या मिलनी है। यह कहना है हुसनर चौक में बने कोर्ट कॉम्पलैक्स की कैंटीन में बर्तन धोने वाले एक नौजवान का जिसके पास स्वास्थ्य विभाग द्वारा जारी 100 प्रतिशत दिव्यांग होने का सर्टीफिकेट भी है परंतु आज तक इस नौजवान को पैंशन नहीं मिली। अधिक जानकारी देते हुए हरदविंद्र सिंह पुत्र सुरजीत सिंह ने बताया कि वह जन्म से ही दिव्यांग है उसके पिता दिहाड़ी करते हैं, उसकी माता घर में काम करती है। एक बड़ी बहन है व एक छोटा भाई है।

वह प्योरी रोड के नजदीक लभू का डेरा के पास रहता है। सरकारी स्कूल से 7वीं तक पढ़ा। गरीबी के कारण उसे पढ़ाई छोड़कर कोर्ट कॉम्पलैक्स में बनी कैंटीन में बर्तन धोने का काम करना पड़ा। साल 12.10.2006 में उसका स्वास्थ्य विभाग द्वारा 100 प्रतिशत दिव्यांग होने का सर्टीफिकेट भी जारी कर दिया गया है। पैंशन लेने के लिए वह जगह-जगह ठोकरें खाकर अंत में थक हार कर जूठे बर्तन धोने की नौकरी कर परिवार व अपना पेट पाल रहा है। उसने बताया कि आज तक न तो उसकी पैंशन बंध पाई और न ही किसी ने उसकी सुध ली।


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