जिले के 109 सर्कल छोड़ेंगे पटवारी,किसके भरोसे होगा 500 गांवों का जमीनी रिकार्ड

punjabkesari.in Friday, Nov 24, 2017 - 10:41 AM (IST)

अमृतसर (नीरज): पंजाब सरकार और विजीलैंस विभाग द्वारा पटवारियों के प्राइवेट कारिन्दों को बाहर निकाले जाने का नोटिस जारी किए जाने के बाद जहां समूह पटवारियों ने अपने प्राइवेट कारिन्दों को बाहर निकाल दिया है वहीं जिला प्रशासन द्वारा पटवारियों की मांगों को पूरा नहीं किए जाने के चलते द रैवैन्यू पटवार यूनियन ने 27 नवम्बर से सभी एडीशनल पटवार सर्कल छोडऩे का भी ऐलान कर दिया है। द रैवेन्यू पटवार यूनियन के प्रांतीय अध्यक्ष निर्मलजीत सिंह बाजवा, जिला प्रधान हरजीत सिंह सैदोलहल, महासचिव जिला चानन सिंह खैहरा व समूह तहसीलों के अध्यक्षों ने बैठक के दौरान ऐलान किया है कि सभी पटवारी 27 नवम्बर को अपने-अपने एडिशनल सर्कल छोड़ देंगे और एक पटवारी सिर्फ एक पटवार सर्कल पर ही काम करेगा।

पटवार सर्कल पर नजर डालें तो पता चलता है कि जिला अमृतसर में 109 से ज्यादा पटवार सर्कल लावारिसहो जाएंगे और लगभग 500 से ज्यादा गांवों का जमीनी रिकार्ड लावारिस हो जाएगा क्योंकि जिला प्रशासन के पास इन एडिशनल सर्कल पर तैनात करने के लिए पटवारी नहीं रहेगा। प्रांतीय अध्यक्ष निर्मलजीत सिंह बाजवा ने बताया कि पटवारियों को अपने राजस्व विभाग के काम के साथ-साथ अन्य सरकारी ड्यूटियों जैसे चुनावी ड्यूटी, नीले कार्ड, बुढ़ापा व अन्य पैंशनों के काम में तैनात कर दिया जाता है।

एक पटवारी मुश्किल से ही अपने पटवार सर्कल का काम कर पाता है। यदि पटवारियों ने एक-दो प्राइवेट कर्मचारी रखे हुए हैं तो वे सरकार का काम करने के लिए रखे हुए हैं न कि अपने प्राइवेट कामों के लिए रखे हैं। सिर्फ पटवारी ही नहीं बल्कि अन्य सरकारी विभागों में भी यही हाल है। सरकार रिक्त पदों को भर नहीं रही है और एक-एक पटवारी को 4-4 पटवार सर्कल का काम करना पड़ रहा है। यूनियन ने सरकार को अपील की है कि पटवारियों के सर्कल छोटे किए जाएं लेकिन वह भी नहीं किया जा रहा है। अब जैसा कि 15 दिसम्बर तक पटवारियों को चुनावी ड्यूटी में तैनात किया गया है तो पटवारी एक ही काम कर सकते हैं या तो चुनावी ड्यूटी कर लें या फिर राजस्व विभाग का काम कर लें।

पंजाब में पटवारियों के 5500 पद खाली
राजस्व विभाग में पटवारियों के रिक्त पदों की बात करें तो पता चलता है कि इस समय पंजाब के सभी जिलों में रिक्त पदों को देखा जाए तो पटवारियों के 5500 के करीब पद खाली हैं। पिछले वर्ष को छोड़ दिया जाए तो 40 वर्षों से पटवारियों की नई भर्ती नहीं की गई है जिसके चलते पटवारियों को अतिरिक्त दबाव में काम करना पड़ रहा है। पूर्व अकाली-भाजपा गठबंधन सरकार की तरफ से 500 के करीब पटवारियों को भर्ती किया गया जो अभी ट्रेनिंग ले रहे हैं। पटवारियों की मानें तो सरकार का यह कदम ऊंट के मुंह में जीरा देने जैसा है। सरकार को 5500 से ज्यादा पटवारियों की तुरंत भर्ती करने की सख्त जरूरत है लेकिनऐसा किया नहीं जा रहा है।

ठेके पर रख लिए जाएं प्राइवेट कारिंदे
कुछ सीनियर पटवारियों ने पंजाब सरकार को यह भी सुझाव दिया था कि अन्य सरकारी विभागों की भांति पटवारखानों में काम करने वाले प्राइवेट कारिंदों को भी ठेके पर रख लिया जाए क्योंकि ऐसा करने से जहां प्राइवेट कारिंदों की रोजी-रोटी चलती रहेगी वहीं पटवारियों को भी हैल्पर के रूप में सरकारी काम करने में मदद मिलेगी। सरकार को इस काम पर कोई ज्यादा खर्च भी नहीं करना पड़ेगा लेकिन फिलहाल इस सुझाव पर कोई कार्य नहीं हो रहा है।

एक पटवारी के पास एक से ज्यादा पटवार सर्कल
राजस्व विभाग में एक-एक पटवारी जिसमें विशेष रूप से देहाती इलाकों के पटवारियों के पास एक से अधिक सर्कल का काम है। एक सर्कल में ही कई गांव आ जाते हैं जिससे पटवारियों को अपना सरकारी काम को चलाने के लिए प्राइवेट कारिंदों की मदद लेनी पड़ती है बेशक कानूनन यह गैर-कानूनी है लेकिन काम तो सरकार ही किया जा रहा है, यह पटवारियों का यह दावा है।

ऐसा भी नहीं है कि सरकारी विभागों में सिर्फ पटवारियों ने ही प्राइवेट कारिंदे रखे हुए हैं, जबकि दर्जनों ऐसे सरकारी विभाग हैं जो प्राइवेट कारिंदों की मदद से चल रहे हैं। इसका मुख्य कारण सरकार की तरफ से कर्मचारियों की खाली सीटों को नहीं भरना है। जितनी रफ्तार में कर्मचारी जिसमें पटवारी भी शामिल हैं, रिटायर हो रहे हैं, उस रफ्तार से भर्ती नहीं की जा रही है।


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