साइबर सैल ने दबोचे इंश्योरैंस के बहाने ठगने वाले 4 आरोपी

punjabkesari.in Friday, Oct 18, 2019 - 12:57 PM (IST)

लुधियाना(ऋषि): दिल्ली में कॉल सैंटर बना भोले-भाले लोगों को ज्यादा रिटर्न मिलने का लालच दे इंश्योरैंस करवाने के  बहाने ठगी करने वाले 4 एजैंट लुधियाना साइबर सैल पुलिस के हत्थे चढ़े हैं। पुलिस ने 2 भाइयों व 1 युवती सहित उक्त 4 लोगों के कब्जे से 20 हजार लोगों का डाटा और 12 मोबाइल फोन बरामद किए हैं जिनका प्रयोग लोगों को अपने जाल में फंसाने के लिए किया जाता था। 

पुलिस के अनुसार इस खेल का मास्टर माइंड 8 वर्षों में लगभग 1 हजार लोगों के साथ 100 करोड़ रुपए का फ्रॉड कर चुका है। उपरोक्त जानकारी पुलिस कमिश्नर राकेश अग्रवाल, ए.डी.सी.पी. सचिन गुप्ता, ए.सी.पी. अमनदीप सिंह बराड़, ए.सी.पी. रूपिंद्र कौर भट्टी ने दी। उन्होंने बताया कि पकड़े गए आरोपियों की पहचान योगेश कुमार भाई आकाश कुमार, सुनील कुमार और महिला मोसमी के रूप में हुई है। सभी दिल्ली के रहने वाले हैं। पुलिस ने 1 वर्ष पहले थाना सराभा नगर में जगदेव सिंह की शिकायत पर ठगी के आरोप में अज्ञात आरोपियों के खिलाफ केस दर्ज किया था जिसने पुलिस को दी शिकायत में बताया था कि इंश्योरैंस करवाने के बहाने उससे 3 करोड़ 40 लाख रुपए की ठगी हुई है जिसके बाद उच्चाधिकारियों द्वारा केस दर्ज कर सॉल्व किया गया है। पुलिस के अनुसार मास्टरमाइंड की तलाश में लगातार छापेमारी की जा रही है,वहीं आरोपियों को अदालत में पेश कर रिमांड पर गहनता से पूछताछ करेगी। अब तक की जांच में सामने आया है कि प्रत्येक ठगी का मास्टरमाइंड की तरफ से इन्हें 30 प्रतिशत दिया जाता था।  

3 से 5 रुपए में खरीद रहे प्रत्येक व्यक्ति का डाटा
सी.पी. अग्रवाल के अनुसार जांच दौरान सामने आया है कि शातिरों की तरफ से इंश्योरैंस कंपनियों के स्टाफ से सैटिंग कर ऐसे लोगों का डाटा खरीदा जाता था जिन्होंने विभिन्न इंश्योरैंस कपंनियों में पालिॅसी करवाई हो। प्रत्येक व्यक्ति के & से 5 रुपए दिए जाते जिसके बाद उन्हें नंबर पर फोन कर पहले विश्वास बनाने के लिए पालिॅसी नंबर, फिर घर का पता, नाम बताया जाता जिसके बाद उन्हें ’यादा रिटर्न मिलने का लालच देकर बातों में लगाकर ठगा जाता। जिन कंपनियों के अधिकारियों की तरफ से इन्हें डाटा मुहैया करवाया जा रहा था, पुलिस उनकी भी लिस्ट तैयार कर रही है। 


यू.पी.-बिहार के आई.डी. प्रूफ पर नंबर, वहीं के अकाऊंट में डलवा रहे पैसे
ए.डी.सी.पी. सचिन गुप्ता के अनुसार आरोपियों द्वारा लोगों को ठगने के लिए जितने भी नंबर यूज किए जाते, वे सभी जाली आई.डी. प्रूफ पर लिए जाते थे। सभी नंबर यू.पी.,बिहार के पते पर लिए जाते। इतना ही नहीं, जिन अकाऊंट्स में पैसे डलवाते, वे भी यू.पी.-बिहार के रहने वाले लोगों के नाम पर खुलवाते जाते। 

शक होने पर झूठ बोलकर करवाते सही पालिसी, लेते कमीशन
ए.सी.पी. बराड़ के अनुसार अगर किसी को इन पर शक होता तो वह किसी भी कंपनी में उनकी सही पॉलिसी करवा देते, जहां से एजैंट होने के चलते खुद कमीशन ले लेते और लोगों को गलत प्लान बताते। उनकी बातों में आकर कई बार लोग अपनी पहले चल रही पॉलिसी ’यादा रिटर्न मिलने के चक्कर में बंद करवा उनके पास खुलवा लेते लेकिन बाद में उन्हें किस्तें जमा न करवाने पर पॉलिसी बंद हो जाने पर ठगी का पता चलता। 

’यादा लालच में फंसने की बजाय हों सावधान : राकेश अग्रवाल
सी.पी. राकेश अग्रवाल ने लोगों से अपील करते हुए कहा कि ’यादा लालच के चक्कर में फंसने की बजाय सावधान हों, क्योंकि इंश्योरैंस कंपनियों की तरफ से ज्यादा से ज्यादा 7 से 8 प्रतिशत तक रिटर्न दी जाती है। अगर कोई आपको इससे ज्यादा रिटर्न देने की बात कहे तो खुद ही फ्रॉड होने की बात समझ लें। इतना ही नहीं, जिस कंपनी में इंश्योरैंस करने की बात कर रहे हैं, उसकी पहले जानकारी हासिल करें, ऑनलाइन ट्रांसफर करने से गुरेज करें।  

दिल्ली में चल रहे ऐसे कई कॉल सैंटर
पुलिस के अनुसार दिल्ली और गुरुग्राम में ऐसे कई कॉल सैंटर हैं जहां पर सुबह से शाम तक लोगों को ठगा जाता है। पुलिस के अनुसार लुधियाना के लोगों से हुई ऐसी ठगी के सभी मामलों की साइबर सैल द्वारा जांच की जा रही है।

Vatika