आधार में तकनीकी त्रुटियों के सुधार व नए आवेदन को छाननी पड़ रही सरकारी कार्यालयों की खाक

punjabkesari.in Monday, May 14, 2018 - 05:24 PM (IST)

लुधियाना(खुराना): बच्चों की स्कूल में एंट्री, घरेलू गैस की सबसिडी राशि, आटा-दाल योजना का लाभ व बैंक खाता तक खुलवाने जैसे कई महत्वपूर्ण कार्यों के लिए केंद्र सरकार द्वारा आधार कार्ड होना लाजिमी कर दिया है। आज हालात यह हैं कि संबंधित विभागों की लचर कार्यशैली के कारण आम जनता को अपने पहले से बने आधार कार्डों में हुई तकनीकी त्रुटि को सुधारने व नए कार्ड जारी करवाने के लिए सरकारी कार्यालयों की खाक छाननी पड़ रही है, जो आवेदनकत्र्ताओं के लिए जी-का-जंजाल बनता जा रहा है।

हैरानीजनक बात यह है कि आधार कार्ड सेवा में को-आर्डीनेटर की भूमिका अदा करने वाले खाद्य एवं आपूर्ति विभाग के आलाधिकारियों तक को भी यह बात मालूम नहीं है कि मौजूदा समय में शहरभर के कौन-कौन से सरकारी विभागों के कार्यालयों, सेवा केंद्रों, बैंकों में आधार में संशोधन व नए कार्ड के आवेदन संबंधी मशीनें लगी हैं। यहां बताना अनिवार्य होगा कि सरकार द्वारा आधार कार्ड में संशोधन करने व आवेदन के लिए जो केंद्र बनाए गए हैं उनमें से कुछ सेवा केंद्रों, सरकारी बैंकों व डाकघरों आदि को यह जिम्मेदारी सौंपी गई है कि वे जनता के उक्त महत्वपूर्ण सरकारी दस्तावेज में हुई त्रुटि को सुधारने समेत नए कार्ड जारी करें ताकि हर कोई आधार कार्ड का लाभ प्राप्त कर सके।
 

ये हैं सेवा केंद्र 
-एम.बी.डी. सेवा केंद्र 
-जनता नगर
-सराभा नगर लैयर वैली पार्क
-कचहरी परिसर
-ताजपुर रोड सेवा केंद्र
-जालंधर बाईपास दाना मंडी
-अरोड़ा पैलेस दाना मंडी में इस बाबत विशेष तौर पर अधिकारियों द्वारा लोगों को मुफ्त जानकारी मुहैया करवाई जा रही है।

कहां-कहां पर चल रहा कार्ड आवेदन का काम 
विभागीय कर्मी द्वारा दी गई जानकारी के मुताबिक मौजूदा समय में पी.एन.बी., एस.बी.आई., इलाहाबाद बैंक, ओरिएंटल बैंक, यूको बैंक आदि समेत शहरभर के करीब 10 सेवा केंद्रों में नए आधार कार्ड बनाने का काम चल रहा है, जबकि कार्ड में तकनीकी त्रुटियां सुधारने के लिए डाकघरों में मशीनें लगाई गई हैं।
 

नया कार्ड फ्री तो संशोधन की फीस 30 रुपए
सरकार द्वारा नए आधार कार्ड बनाने के लिए जहां आवेदनकत्र्ताओं को फ्री सुविधा मुहैया करवाई जा रही है, वहीं कार्ड में संधोशन करवाने की फीस जी.एस.टी. समेत 30 रुपए रखी गई है। बावजूद इसके लोगों को फीस भरने की प्रक्रिया से गुजरने के बाद भी कार्ड में संशोधन करवाने के लिए मारे-मारे फिरना पड़ रहा है, जो सिस्टम को कोसते दिखाई देते हैं। 

क्या है जरूरत 
आम जनता द्वारा इस मुद्दे को लेकर सरकार के आगे रखी गई मांग की बात की जाए तो उनका मानना है कि सरकार प्रत्येक वार्ड में पड़ते किसी भी धार्मिक स्थल, पार्कों अथवा जंजघरों में जागरूकता आधार कैम्प लगाकर लोगों को यह सुविधा प्रदान करे। जहां पर ऐसे सभी परिवारों के आधार बनाने एवं संशोधन का काम किया जाए ताकि आम जनता को आधार सेवा से जुडऩे के लिए दर-दर की खाक न छाननी पड़े।

बुजुर्गों का आधार बनाने को दी जाती है स्पैशल ट्रेनिंग 
आमतौर पर आधार कार्ड बनवाने के लिए सैंटरों पर पहुंचने वाले बुजुर्गों को मशीनों पर तैनात कर्मचारियों द्वारा यह कहकर लौटा दिया जाता है कि बुजुर्ग अवस्था के कारण उनके हाथों व पांव आदि की लकीरें फीकी पड़ जाने से मशीन उन्हें कैच नहीं कर पाती है। इसलिए अधिकतर बुजुर्गों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है। इसके जवाब में उक्त विभागीय सूत्रों ने बताया कि असल में बुजुर्गों के आधार कार्ड बनाने के लिए एक विशेष ट्रेनिंग कर्मचारियों को दी जानी अनिवार्य है, जिसकी जानकारी अधिकतर कर्मियों को न होने के चलते ऐसी समस्याएं सामने आती रहती हैं। उन्होंने दावा किया कि किसी भी उम्र के बुजुर्ग का आधार नहीं बन पाया है, वह उसे बिना किसी परेशानी के बना सकते हैं।

आधार में संशोधन की जिम्मेदारी डाकघरों की 
जानकारी के मुताबिक नए आधार कार्ड बनवाने के लिए सरकार द्वारा जहां बैंकों व सेवा केंद्रों के कर्मचारियों की ड्यूटी तय की है, वहीं आधार में संशोधन की जिम्मेदारी डाकघरों की तय की गई है, जिसमें जहां आम लोगों को ऐसी कोई भी जानकारी न होने के कारण मुसीबतें उठानी पड़ रही हैं। चुनिंदा डाकघरों में कर्मियों की कमी होना बताया जा रहा है, जिसके चलते आम जनता को अपने आधार कार्ड में हुई त्रुटियों को सुधारने के लिए कई प्रकार की परेशानियां आ रही हैं।

 

क्या हो रही है परेशानी
अधिकतर सरकारी बैंकों में यह बात आमतौर पर देखने व सुनने को मिलती है कि इन्हीं बैंकों के खाताधारकों को कई प्रकार की परेशानियां उठानी पड़ती हैं। और तो और बैंकों में 2 शनिवार व प्रत्येक रविवार को अवकाश रहने के साथ अन्य सरकारी छुट्टियों के कारण आम पब्लिक की परेशानियां एकाएक बढ़ जाना स्वाभाविक है। इससे पहले सरकार द्वारा नियुक्त किए गए प्राइवेट सैंटरों में सप्ताह के सातों दिन आधार कार्ड बनवाने की सेवा का लाभ उठाने समेत आवेदनकत्र्ताओं पर सरकारी समय 10 से शाम 5 बजे तक का भी कोई बोझ नहीं होता था। ऐसे में नौकरीपेशा व्यक्ति व महिलाएं अपनी सुविधा के अनुसार जब दिल चाहे जाकर प्राइवेट केंद्रों पर आधार कार्ड अप्लाई करने सहित उसमें संशोधन करवाने जैसी सुविधा का लाभ उठा लेते थे, जो अब असम्भव है।

पहले 1500 थे मशीन केंद्र, अब 150 पर सिमटा आंकड़ा 
विश्वसनीय सूत्रों के मुताबिक जब आधार कार्ड बनाने की जिम्मेदारी प्राइवेट सैंटरों की रही तब लुधियाना जिले में मशीनों के केंद्रों की संख्या 1500 से अधिक थी, जबकि मौजूदा समय में यह आंकड़ा 150 केंद्रों तक सिमटकर रह गया है। उन्होंने बताया कि उक्त सभी सरकारी कार्यालयों में शाम 4 बजे के बाद आधार संबंधी कामकाज पूरी तरह से ठप्प कर दिया जाता है। इससे पहले यही काम प्राइवेट सैंटरों में शाम 7 बज तक भी किया जाता रहा है। 

Vatika