ऑनलाइन अटैंडैंस सिस्टम को शुरूआती झटका, बिना तैयारी के प्रोजैक्ट किया शुरू

punjabkesari.in Friday, Mar 23, 2018 - 11:33 AM (IST)

लुधियाना(विक्की): शिक्षा विभाग द्वारा सरकारी स्कूलों में स्टाफ की बायोमीट्रिक अटैंडैंट्स सिस्टम शुरू करने की प्रक्रिया के पहले चरण को झटका लगता दिखाई दे रहा है, क्योंकि विभाग ने जल्दबाजी में बिना तैयारी किए इस प्रोजैक्ट को राज्य भर के 900 स्कूलों के लिए शुरू तो करवा दिया है लेकिन कई महिला अध्यापिकाएं ऐसी हैं जिनकी आधार कार्ड डिटेल मिसमैच होने की तकनीकी खामियों के चलते उनकी अटैंडैंस नहीं लग पा रही। इस बात का खुलासा उस समय हुआ जब आर.एस. माडल स्कूल शास्त्री नगर में आयोजित ट्रेनिंग दौरान कई स्कूलों की प्रिंसीपलों व अध्यापिकाओं ने शिकायत की कि मशीन उनकी अटैंडैंस नहीं उठा रही है। महिला स्टाफ की शिकायत को सुनकर एम.आई.एस. कोआर्डीनेटर विशाल कुमार ने स्पष्ट किया कि कुछ महिला स्टाफ का आधार कार्ड डाटा मिस मैच होने के कारण यह समस्या आ रही है। तकनीकी विशेषज्ञों की टीमें इस दिक्कत को दूर कर रही हैं और जल्दी ही स्कूल के पूरे स्टाफ की अटैंडैंस मशीन से लगेगी। 


पहले चरण में 89 स्कूलों में शुरू हुआ पायलट प्रोजैक्ट 
विभाग की ओर से पंजाब भर में चुने गए कुल 900 स्कूलों में लुधियाना के 89 स्कूलों में पायलट प्रोजैक्ट के तहत बायोमीट्रिक अटैंडैंस डिवाइस के जरिए हाजिरी लगाने का सिस्टम शुरू किया गया है। आर.एस. माडल स्कूल में आयोजित मीटिंग दौरान डी.ई.ओ. स्वर्णजीत कौर, ए.ई.ओ. विक्रम भनोट व अन्य विभागीय अधिकारी उपस्थित रहे। 2 चरणों में रखी इस मीटिंग में चयनित 89 स्कूलों के पिं्रसीपलों व स्टाफ को ट्रेङ्क्षनग के लिए बुलाया गया था। इस दोरान उन्हें डिवाइस भी दी गई। 


आई.ओ.एस. फोन पर अपलोड नहीं होगी एप
बताया गया कि बायोमीट्रिक अटैंडैंस सिस्टम के तहत स्कूल प्रमुख के अलावा अन्य 2 अध्यापकों को अपने मोबाइल पर एप डाऊन लोड करनी होगी। अब यहां बता दें कि फिलहाल यह एप एंड्रॉयड पर ही अपलोड होगी जबकि आई.ओ.एस. फोन पर एप को डाऊनलोड करवाने के लिए काम चल रहा है।


डी.ई.ओ. आफिस में लगी दोनों मशीनें फिलहाल बंद
विभाग ने स्कूलों में अध्यापकों की हाजिरी पर नजर रखने के लिए यह सिस्टम शुरू किया है लेकिन बात अगर डी.ई.ओ. सैकेंडरी व डी.ई.ओ. एलीमैंट्री के दफ्तरों की करें तो वहां लगाई गई बायोमीट्रिक हाजिरी मशीनें पिछले काफी समय से बंद पड़ी हैं। इन मशीनों के जरिए अटैंडैंस लगाने को लेकर वाईफाई कनैक्टीविटी की समस्या आ रही है। अभी तक इस समस्या का समाधान नहीं खोजा जा सका। जिस जगह मशीन को लगाया गया है अब वहां ताला लगा हुआ है। 


दूर-दराज क्षेत्रों से आने वाले अध्यापकों के लिए दिक्कत
जिन स्कूलों के लिए इस प्रोजैक्ट को शुरू किया गया है, वहां कई ऐसे अध्यापक भी हैं जो दूसरे जिलों से पढ़ाने आते हैं। इस सिस्टम में सबसे अधिक परेशानी उनके लिए पैदा होगी। अगर स्कूल में स्टाफ की गिनती अधिक है तो स्कूल समय से 15 मिनट पहले भी पहुंचने के बावजूद उन्हें अपने से पहले आए अध्यापकों के पीछे लाइन में लगकर बायोमीट्रिक हाजिरी लगाने का इंतजार करना होगा। अब सवाल यह है कि हाजिरी लगाते समय अगर टाइम 5 मिनट अधिक हो गया तो क्या स्कूल लगने से 15 मिनट पहले पहुंचे अध्यापकों को लेट माना जाएगा? यह सवाल अध्यापकों की जुबान पर है। 


कहां से लगी अटैंडैंस लोकेशन भी पता चलेगी
एम.आई.एस. कोआर्डीनेटर विशाल कुमार ने बताया कि बायोमीट्रिक डिवाइस से लगने वाली अटैंडैंस ई-पंजाब के साथ ङ्क्षलक होगी। ई-पंजाब पर अध्यापकों की डिटेल के साथ स्कूलों की लोकेशन भी अपलोड है। ऐसे में बायोमीट्रिक डिवाइस से जब हाजिरी लगेगी तो बाकायदा पोर्टल पर यह भी पता चलेगा कि हाजिरी स्कूल परिसर के अंदर से लगी है या बाहर से। उन्होंने उदाहरण देते हुए कहा कि हाजिरी अगर स्कूल के बाहर से भी लगती है तो उसे मान्य करार नहीं दिया जाएगा। 


स्कूल खुलने व छुट्टी के समय लगानी होगी अटैंडैंस
पिं्रसीपलों व स्टाफ को बताया गया कि डिवाइस की संभाल की पूरी जिम्मेदारी स्कूल प्रमुख की होगी। जिन स्कूलों में स्टाफ की गिनती 40 से अधिक है उनमें डिवाइस ज्यादा दी जाएंगी ताकि हाजिरी के लिए स्टाफ को लंबा इंतजार न करना पड़े। विशाल ने बताया कि सुबह स्कूल आने व छुट्टी के समय इस सिस्टम के तहत हाजिरी लगानी लाजिमी है। 


 

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