प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने नगर निगम को जारी किया नोटिस

punjabkesari.in Friday, Jun 21, 2019 - 03:56 PM (IST)

लुधियाना(हितेश): बुड्ढे नाले के प्रदूषण को लेकर पी.पी.सी.बी. ने सख्त रुख अख्त्यार कर लिया है, जिसके तहत सीवरेज ट्रीटमैंट प्लांटों का सही संचालन न करने के आरोप में नगर निगम को नोटिस जारी किया गया है। यहां बताना उचित होगा कि बुड्ढे नाले में साफ किए बिना सीधे तौर पर सीवरेज का पानी गिराने के लिए नगर निगम द्वारा ट्रीटमैंट प्लांटों की कैपेसिटी कम होने का हवाला दिया जाता है। मगर अगर सीवरेज ट्रीटमैंट प्लांटों के जरिए साफ करके बुड्ढे नाले में गिराए जा रहे पानी की बात करें तो वह भी निर्धारित मापदंडों पर खरा नहीं उतर रहा है। इसका खुलासा पी.पी.सी.बी. द्वारा नगर निगम को जारी नोटिसों से हुआ है, जिसके लिए अफसरों द्वारा सीवरेज ट्रीटमैंट प्लांटों पर चैकिंग करके करवाई गई सैंपङ्क्षलग को आधार बनाया गया है। इसे लेकर प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के चेयरमैन व मैंबर सैक्रेटरी द्वारा की गई निजी सुनवाई में नगर निगम अधिकारियों द्वारा संतोषजनक जवाब नहीं देने पर पी.पी.सी.बी. ने नोटिस जारी कर दिया है।

ये हो सकती है कार्रवाई
पी.पी.सी.बी. ने अपने नोटिस में साफ लिखा है कि रैगुलर मॉनीटरिंग में यह बात सामने आई है कि नगर निगम द्वारा एस.टी.पीज का संचालन सही ढंग से न करने सहित एक तरह से उनको आप्रेट ही नहीं किया जा रहा। यहां तक कि पानी को साफ किए बिना व एस.टी.पी. की वेस्टेज को सीधा नाले में गिराया जा रहा है। इस संबंधी बार-बार चेतावनी देने के बावजूद हालात में कोई सुधार नजर नहीं आ रहा है। इसे लेकर जुर्माना लगाने व अफसरों पर कार्रवाई की जा सकती है। 

ये हो रहा है नुक्सान
पी.पी.सी.बी. के मुताबिक नगर निगम द्वारा सीवरेज या एस.टी.पी. के जरिए साफ किए बिना जो पानी बुड्ढे नाले में गिराया जा रहा है। वह पानी सतलुज के रास्ते राजस्थान तक जाकर पीने के प्रयोग में लाया जाता है और लोगों की सेहत के लिए हानिकारक साबित हो रहा है। यहां तक कि इस पानी की वजह से बुड्ढे नाले के साथ लगते इलाकों में रहने वाले लोगों पर भी असर हो रहा है। 


एन.जी.टी. ने लगाया है 50 करोड़ जुर्माना
बुड्ढे नाले को प्रदूषण मुक्त बनाने के मामले में गंभीरता न दिखाने को लेकर नैशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल द्वारा पंजाब सरकार को 50 करोड़ रुपए का जुर्माना लगाया जा चुका है। इसके अलावा नदियों-नालों के प्रदूषण की समस्या का हल करने के लिए मॉनीटरिंग कमेटी का गठन भी किया गया है, जिसके द्वारा भी एस.टी.पीज पर विजिट करने के दौरान उसकी हालत को लेकर असंतोष जताया जा चुका है।

200 एम.एल.डी. पानी ओवरफ्लो होने का भी हुआ खुलासा
पी.पी.सी.बी. के नोटिसों में नगर निगम के सीवरेज ट्रीटमैंट प्लांट पर 200 एम.एल.डी. पानी ओवरफ्लो होने का खुलासा भी हुआ है, क्योंकि नगर निगम द्वारा लगाए गए सीवरेज ट्रीटमैंट प्लांटों की कैपेसिटी 466 एम.एल.डी. है और वहां 661 एम.एल.डी. पानी पहुंच रहा है। इसे लेकर पी.पी.सी.बी. ने साफ कहा कि ओवरफ्लो पानी को साफ किए बिना ही बुड्ढे नाले में गिराया जा रहा है। 


आप्रेटर कंपनी को पेमैंट जारी करने पर उठाए गए सवाल
नगर निगम द्वारा सीवरेज ट्रीटमैंट प्लांटों के संचालन का काम प्राइवेट कंपनी को दिया हुआ है, जिसके बावजूद साफ किए गए पानी के मापदंड पूरे नहीं हो रहे हैं। इसे लेकर पी.पी.सी.बी. ने ऑप्रेटर कंपनी को पेमैंट जारी करने पर सवाल उठाए हैं।


प्लांटों का काम अपने हाथों में ले सकती है पी.पी.सी.बी., मांगी 25 लाख बैंक गारंटी
नगर निगम द्वारा सीवरेज ट्रीटमैंट प्लांटों से पानी साफ करने में नाकाम साबित होने के मद्देनजर पी.पी.सी.बी. सीवरेज ट्रीटमैंट प्लांटों के संचालन का काम अपने हाथों में ले सकती है, जिसके संकेत पी.पी.सी.बी. द्वारा नगर निगम से 25 लाख की बैंक गारंटी मांगने से हुआ है। इसके साथ ऑप्रेटर को हर महीने दी जा रही पेमैंट के मुकाबले राशि जमा करवाने के लिए बोला गया है। 

ये दिए गए हैं निर्देश
-15 दिन में ठीक किया जाए एस.टी.पी. का संचालन।
-एस.टी.पी. में से निकलने वाली गंदगी को नाले में गिरना रोककर उसके रख/रखाव का प्रबंध एक महीने में किया जाए।
- 2 महीने में बनाकर दिया जाए एस.टी.पी. की कैपेसिटी बढ़ाने का एक्शन प्लान।

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