नहीं पूरी हुई राणा गुरजीत की वापसी बारे कैप्टन की जिद

punjabkesari.in Monday, Apr 23, 2018 - 11:38 AM (IST)

लुधियाना(हितेश): पंजाब कैबिनेट के 1 वर्ष से भी ज्यादा समय से लटके विस्तार को लेकर चल रही तमाम अटकलें अब खत्म हो गई हैं। इस सारे घटनाक्रम से जुड़ी अंदर की बातें सामने आने लगी हैं। इसके तहत सबसे बड़ी बात यह है कि राणा गुरजीत सिंह की कैबिनेट में वापसी को लेकर कैप्टन अमरेंद्र सिंह की जिद पूरी नहीं हो पाई है और राणा गुरजीत सिंह सोढी को शामिल करवाने को कई समझौते करने पड़े हैं।
 

यह बात किसी से छिपी नहीं है कि कैप्टन के करीबियों की लिस्ट में राणा गुरजीत का नाम काफी ऊपर आता है। यही वजह रही कि उनको बिजली व सिंचाई जैसे महत्वपूर्ण विभाग दिए गए थे। यहां तक कि रेत खदान के मामले में नाम आने के बावजूद इस्तीफा लेने की जगह जांच आयोग के गठन के नाम पर समय निकाला गया लेकिन आप नेता सुखपाल खैहरा द्वारा सबूत पेश करने के बाद राहुल गांधी के आदेश के चलते राणा गुरजीत का इस्तीफा लिया गया। अब जांच आयोग की रिपोर्ट में राणा गुरजीत को क्लीनचिट मिलने के बाद उसे विधानसभा में मंजूरी मिल चुकी है, उसे आधार बनाकर कैप्टन ने राणा गुरजीत की वापसी बारे सिफारिश कर दी लेकिन राहुल गांधी किसी कीमत पर तैयार नहीं हुए।

राणा गुरजीत की वापसी के लिए लोगों के पास क्या दलील दी जाएगी, जिस पर कैप्टन को बैक फुट पर आना पड़ा और दोआबा खासकर जालंधर को कोई मंत्री नहीं मिल पाया। इसके अलावा एक और मामला राणा गुरजीत सिंह सोढी के नाम का था, जिस पर पंजाब कांग्रेस के प्रधान सुनील जाखड़ ने एतराज लगाया, क्योंकि राणा गुरजीत सिंह सोढी पर फिरोजपुर लोकसभा चुनाव में जाखड़ का विरोध करने का आरोप लगता है। जिसे लेकर हाईकमान के कुछ और लोग भी राणा गुरजीत सोढी के विरुद्ध अलाप रहे थे लेकिन कैप्टन ने राणा सोढी के नाम पर स्टैंड ले लिया। इसके बदले उन्हें मंत्री पद के नाम तय करने के लिए कुछ नामों पर समझौता भी करना पड़ा। 

अम्बिका सोनी के कोटे से लगी सुंदर शाम की लॉटरी
पंजाब मंत्रिमंडल के विस्तार के तहत शामिल किए जा रहे अधिकतर मंत्री तो कैप्टन कैम्प के ही हैं, जबकि भारत भूषण आशु व विजयइंद्र सिंगला को राहुल गांधी के कोटे से शामिल किया गया है। इनमें सबसे ज्यादा हैरानीजनक नाम होशियारपुर के विधायक सुंदर शाम अरोड़ा का है, जो अपने एरिया के सीनियर विधायक संगत सिंह का पत्ता काटकर बने हैं, उनकी एडजस्टमैंट के लिए दोआबा का कोई भी मंत्री नहीं बनाया गया है, जिसकी वजह अरोड़ा को अम्बिका सोनी का आशीर्वाद होने के रूप में सामने आई है। 

कैबिनेट के सबसे युवा मंत्री होंगे आशु
वैसे तो पंजाब कैबिनेट के पुराने स्ट्रक्चर में चरणजीत सिंह चन्नी, नवजोत सिंह सिद्धू, मनप्रीत सिंह बादल को युवा मंत्री का नाम दिया गया था। अब इस कैटागरी में भारत भूषण आशु, विजयइंद्र सिंगल व गुरप्रीत कांगड़ को शामिल किया गया है। अगर आयु/वर्ग की बात करें तो सभी मंत्रियों में से आशु ही सबसे कम उम्र के हैं।

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