कैप्टन प्रशासनिक सुधारों के मामले में पंजाब को पहले से 20वें स्थान पर लाए: अयाली
punjabkesari.in Friday, Sep 11, 2020 - 06:02 PM (IST)
मुल्लांपुर दाखा(कालिया): साढ़े 3 साल पहले पंजाब की सत्ता संभालते ही मुख्यमंत्री कैप्टन अमरेन्द्र सिंह ऐसे एकांतवास में चले गए जहां पर उनके विधायक तो क्या, कैबिनेट मंत्री भी जरूरत पडऩे पर उन्हें ढूंढ न सकें। ऐसे में जन पक्षीय कार्य, खासकर प्रशासनिक सुधार बैकफुट पर चले गए। ज्यादातर सुविधा केन्द्र बंद हो गए, लोगों का रोजगार खत्म हो गया और प्रशासनिक सुधारों के मामले में तो कैप्टन पंजाब को पहले से 20वें स्थान पर ले आए। ये विचार विधायक मनप्रीत सिंह अयाली ने प्रैसवार्ता में व्यक्त किए।
उन्होंने कहा कि अकाली-भाजपा गठबंधन के शासन दौरान पंजाब में सिंगल विंडो पॉलिसी लागू की गई थी जिसमें उद्यमियों को बिना परेशान हुए हर किस्म की एन.ओ.सी. मिल रही थी जिस कारण 43,396 करोड़ के प्रोजैक्ट लामबंद थे जो अब घटकर 8644 करोड़ के (कुल प्रोजैक्ट 106) रह गए हैं। ऐसा नहीं है कि पंजाब में उद्यमी औद्योगिक इकाइयां नहीं लगाना चाहते बल्कि सहूलियतें न होने के कारण अलग-अलग विभागों से एन.ओ.सी. लेने में हो रही परेशानी के कारण वे मुंह मोड़कर बैठे हैं। यदि पंजाब में निवेश की बात करें तो उद्यमियों की रुचि के मामले में राज्य अभी भी 9वें नंबर पर है।
पंजाब का विकास करने की जगह कैप्टन सरकार ने अपने विधायकों और हलका इंचार्जों के निजी विकास की तरफ ध्यान दिया जिसका सबूत भू- माफिया, रेत माफिया, शराब माफिया तो है ही, अनुसूचित जातियों के विद्यार्थियों के वजीफे का घोटाला करके एक नया शिक्षा माफिया खड़ा कर दिया गया है।
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