महानगर के 12 घरानों पर CBI कर सकती है कार्रवाई!

punjabkesari.in Saturday, Nov 16, 2019 - 03:44 PM (IST)

लुधियाना(सेठी) : बैंकों से लोन लेकर, विदेशों में सैटल व लग्जरी लाइफ जीवन व्यतीत कर रहे है, बैंक डिफॉल्टर्स। गत दिवस सैंट्रल ब्यूरो ऑफ इन्वैस्टीगेशन (सी.बी.आई.) की टीम द्वारा बैंकों से लोन लेकर वापस नहीं करने वाले कुछ औद्योगिक घरानों पर दबिश दी थी। जिसके बाद कारोबारियों व बैंको से डिफॉल्ट कर चुके (डिफॉल्ट्स) में अफरा-तफरी का माहौल है, साथ ही महानगर के कुछ ऐसे घराने हैं जिहोंने बैंक से लोन लेकर उसका दुरपयोग कर फंड डिवर्जन कर एन.पी.ए. होकर विदेशों में सैटल हो रहे हैं।

यहीं नहीं, एस.ई.एल. व बजाज एंड कंपनी (मालिक) पर हुई एफ.आई.आर. में कई बैंकों के सीनियर अधिकारी भी डरे हुए हैं और ऐसे घरानों को आश्रय देने की बजाए आगे आकर शिकायत व डिफॉल्टर्स के खिलाफ जानकारी पहुंचा रहे है। जिसके बाद ऐसे डिफॉल्टरों पर शिकंजा कसना तय है। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार एजैंसियां जल्द महानगर के 12 अन्य बैंक डिफॉल्टर्स के खिलाफ कार्रवाई कर सकती हैं, जबकि गत दिवस बैंक ऑफ महाराष्ट्र के 113.55 करोड़ व स्टेट बैंक ऑफ इंडिया के 73.41 करोड़ रुपए के डिफाल्ट एस.ई. एल. ग्रुप व बजाज के खिलाफ सी.बी.आई. में मामला दर्ज करवाया। नतीजा सी.बी.आई. ने दोनों कंपनियों के तमाम रिकार्ड को अच्छी तरह खंगाला। सूत्रों से मिली जानकारी से ये पता चला कि दोनों ने बैंकों से लोन लेकर अन्य कंपनियों पर मनी डिवर्जन कर, मुख्य कंपनी को दिवालिया घोषित किया गया था। उस पैसे से विदेशों में कारोबार स्थापित कर रहे हैं। सूत्रों से मिली जानकारी में ये भी पता चला है कि दोनों के पासपोर्ट जब्त किए हैं ताकि माल्या व नीरव मोदी की तरह ये भी विदेश न चले जाए। एक इंडस्ट्रलिस्ट ने तो अपना सारा कारोबार ही स्विट्जरलैंड में स्थापित कर दिया है जबकि कुछ समय पूर्व उक्त इंडस्ट्रलिस्ट ने अपने बच्चों की शादी भी स्विट्जरलैंड में करवाई। विभाग लग्जरी लाइफ, क्विक रिच, फंड डिवर्जन कर एन.पी.ए. घोषित कर बैंक फ्रॉड करने वाले घरानों पर सख्त कार्रवाई करेगा। 

जानकारी के अनुसार यदि किसी ने बैंक से लोन लिया है और अदा नहीं कर रहा है तो बैंक  लोगों की जासूसी करवा रही है। बैंक खुफिया एजैंट नियुक्त कर ऐसे डिफॉल्टर्स का पता, ठिकाना और संपत्तियों का ब्यौरा जान रही है। लोन डिफॉल्टर्स के अलावा उनके गारंटर्स का भी जासूसों के जरिए पता लगाया जा रहा है। ये भी पता चला है कि अगर किसी भी वजह से बैंक का लोन नहीं अदा कर रहा है तो मुमंकिन है कि जासूस उसका पीछा कर रहे हों। बैंक लापता, भगोड़े, डिफॉल्टर्स और गारंटर्स तक पहुंचने के लिए उनके काम काज की जासूसी करवा रहे हैं, अगर डिफॉल्टर्स ने लोन लेते वक्त बैंक  से सम्पत्ति छिपाई है, तो उसका भी पता लगाया जाएगा। जिन डिफॉल्टर्स की मौत हो चुकी है उनके कानूनी वारिस और विरासत में मिली सम्पत्ति पर भी बैंकों की नजर है। लोन चालू रहते सम्पतियों की खरीद-बिक्री की जानकारी भी जुटाई जा रही है। लोन के पैसों का हेर-फेर कर नई सम्पत्ति खरीदी तो उसे भी खोजा जाएगा। 50 करोड़ रुपए से अधिक लोन पर पासपोर्ट का ब्यौरा जमा करवाया जाएगा, साथ ही उसकी फौरेंसिक ऑडिट भी करवाई जाएगी।

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