आखिर कब तक नौजवान नहरों में छलांग लगा कर जीवन लीला समाप्त करते रहेंगे ?

punjabkesari.in Monday, Jun 04, 2018 - 01:12 PM (IST)

दोराहा(सूद): स्थानीय शहर के दक्षिणी बाईपास के साथ लगती नहर में आए दिन शहर व क्षेत्र के गांवों के लोग अपनी जीवन लीला समाप्त करने के लिए चुन रहे हैं। जिसके निष्कर्ष पर लोग इस नहर में छलांग लगा कर आत्महत्या कर लेते हैं। यदि पिछले समय की बात की जाए तो इस नहर में नौजवानों के साथ-साथ बुजुर्ग और अधेड़ उम्र के व्यक्ति छलांग लगा कर इस नहर को दिनों-दिन खूनी नहर बना रहे हैं। ऐसे लोग नहर में छलांग लगा कर अपना जीवन समाप्त कर लेते हैं, जिनकी खबरें मीडिया की सुर्खियों में आ रही हैं। बुद्धिमान लोग यह सोचने पर मजबूर हो गए है कि आज के लोगों में सहन शक्ति बिल्कुल ही खत्म हो गई है।

प्रेम प्यार में फेल होने वाले नौजवान नहरों मे कर रहें हैं आत्महत्या
आज कल सोशल मीडिया के माध्यम या फिर कई और साधनों से नौजवान लड़के-लड़कियां पहले तो एक दूसरे को अ‘छी तरह जानने लग जाते हैं, फिर वे धीरे-धीरे अपने घर वालों व जान पहचान वालों से चोरी छिपे एक दूसरे से मिलना शुरू कर देते हैं परन्तु जब उनके परिवार वाले या सगे संबंधी इनके प्यार में रुकावट बन जाते हैं तो वे एक दूसरे के लिए जीने और मरने की कस्में खाकर नहरों में छलांग लगा कर आत्महत्या कर लेते हैं। जिसकी मिसाल पिछले साल गुरथली पुल के पास नौजवान लड़के-लड़की द्वारा नहर में छलांग लगाने से मिलती है। 


नौजवानों को आत्महत्याएं करने से रोकने के लिए सरकार जल्द कड़े कदम उठाएगी : विधायक  
 आजकल नौजवान लड़के-लड़कियों की तरफ से नहरों आदि में आत्महत्या करने बारे जब हलका विधायक लखवीर सिंह लक्खा के साथ बात की तो उन्होंने कहा कि पंजाब सरकार नौजवानों को आत्महत्याएं करने से रोकने के लिए गंभीर है और सरकार की तरफ से इसके बारे में जागरूक करने के लिए गांवों और शहरों में जल्दी ही नौजवानों को प्रशिक्षण दिया जाएगा। विधायक लक्खा ने कहा कि वह क्षेत्र के स्कूलों-कालेजों के प्रबंधकों के साथ मिल कर नौजवानों को आत्महत्याएं करने से रोकने के लिए सैमीनार आदि लगाने का यत्न भी करेंगे। उन्होंने कहा कि पंजाब सरकार रा’य में नशों का खात्मा करके और बैरोजगारी को दूर करके नौजवान लड़के-लड़कियों को नौकरियां देगी ताकि कोई भी नौजवान गलत रास्ता न चुने। उन्होंने कहा कि सरकार नौजवानों और आम लोगों के बेहतर भविष्य के लिए वचनवद्ध है। 

नशे भी बन रहे आत्महत्या करने का मुख्य कारण
आज के मॉडर्न जमाने में नौजवान पढ़ते समय कई बार शरारती तत्वों के संपर्क में आने से नशे आदि करने लग जाते हैं, जिसकी शुरूआत वह छोटे नशे से करते हैं परन्तु धीरे-धीरे उनकी नशे करने की आदत इस कद्र बढ़ जाती है कि उनका नशे किए बिना रहना मुश्किल हो जाता है। कई बार जब पैसों की कमी या किसी और कारण से ऐसे नौजवानों को नशा नहीं मिलता है तो वे दिमागी बीमारियों का शिकार होकर अपने आपको खत्म करने का प्रयास करते हैं। ऐसे नौजवान नहरों आदि को ही अपना आखिरी रास्ता चुनते हैं। 

सरकार को कड़े कदम उठाने की जरूरत 
 शहर और क्षेत्र के बुद्धिमान लोगों का यह मानना है कि हमारी सरकारों और प्रशासन को बिना कुछ सोचे समझे आत्महत्या करने की तरफ बढ़ते जा रहे नौजवान लड़के-लड़कियों को स्कूलों कालेजों में सैमीनारों के माध्यम या अन्य साधनों से आत्महत्याएं करने के बुरे नतीजों की जानकारी देनी चाहिए, जिससे नौजवान लड़के-लड़कियों द्वारा की जा रही आत्महत्याओं को कम किया जा सके।

बेरोजगारी व गरीबी के कारण भी नौजवान आत्महत्या करने को मजबूर
पिछले समय देखने में आया है कि नौजवान लड़के-लड़कियां पढ़ लिखकर जब अपने पैरों पर खड़े होने के काबिल बन जाते हैं लेकिन उनको नौकरी नहीं मिलती और यदि नौकरी मिल भी जाती है तो नौजवानों को उनकी योग्यता मुताबिक पैसे नहीं मिलते। यही कारण है कि वे पढ़ लिखकर भी अपने परिवार का पेट पालने में कामयाब नहीं होते। इसी वजह से बेरोजगार नौजवान भी बिना सोचे समझे नहरों आदि के पास जाकर मौत के मुंह में चले जाते हैं। इसके अलावा कई गरीब और जरूरतमंद व्यक्ति शाहूकारों से कर्ज ले लेते हंै और जब वे कर्ज वापस नहीं कर पाते तो परेशानी के कारण नहरों में छलांग लगा कर अपने आपको खत्म करने में ही भला समझते हैं। उसके बाद उनके परिजनों का बुरा हाल हो जाता है।  

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