राज्य में बिकने वाली शराब की जांच से ठेकेदार चिंतित, उपभोक्ता खुश

punjabkesari.in Thursday, Feb 21, 2019 - 04:05 PM (IST)

लुधियाना (सहगल): राज्य के सेहत विभाग ने राज्य में बिक रही शराब की जांच मुहिम शुरू करने का फैसला किया है, क्योंकि हाल ही में फूड कमिश्नर पंजाब द्वारा करवाए सैम्पल सर्वे के दौरान कई प्रकार की अनियमिताओं के अलावा शराब में पार्टिकल मिले हैं।

फूड एंड ड्रग प्रबंधन के.एस. पन्नु ने बताया कि शराब फूड कैटागरी के अंतर्गत आती है। सैंपल सर्वे के दौरान शराब के 20-25 ब्रांडों की जांच की गई है, जिसमें मौजूद अल्कोहल की मात्रा 2 से 12 फीसदी कम पाई गई है और कई ब्रांडों में सस्पैंडिड पार्टिकल भी पाए गए हैं। उन्होंने कहा कि इस सर्वे में देसी व भारत में बनी विदेशी शराब की ब्रांडों को भी शामिल किया गया है। उन्होंने शराब के ठेकेदारों व उत्पादकों को चेतावनी देते हुए कहा कि बोतल पर लगे लेबल के अनुसार ही शराब की गुणवत्ता को यकीनी बनाया जाए और लेबल पर दर्शाया विवरण व फूड सेफ्टी एंड स्टैंडर्ड एक्ट-2006 के तहत शराब की बिक्री होनी चाहिए। शादी-विवाह आदि सामाजिक कार्यक्रम के दौरान शराब की अधिक खरीदारी करने वाले लोगों को स्टेट फूड लैब खरड़ व बायोटैक्नोलॉजी इंक्यूबेटर लैब फेज-5 मोहाली से जांच कराकर ही शराब वितरित करनी होगी। ऐसे में राज्य में बिकने वाली शराब की जांच से ठेकेदार चिंतित हैं, जबकि उपभोक्ता खुश हैं। सूत्रों की मानें तो &0 से अधिक लोकल ब्रांड बाजार में उपलब्ध हैं। 


शराब की बोतल पर छपेंगी चेतावनियां 
फूड सेफ्टी एंड स्टैंडर्ड अथॉरिटी ऑफ इंडिया ने अपने निर्देशों में शराब/बीयर आदि की बोतलों पर लगे लेबल पर शराब पीना सेहत के लिए हानिकारक है और शराब पीकर गाड़ी न चलाएं लिखा होना अनिवार्य कर दिया है। उक्त निर्देश 1 अप्रैल से लागू होंगे, जो बोतल पर & एम.एम. फोंट साइज में लिखी होने चाहिए, जबकि 200 एम.एल. के पैक पर डेढ़ एम.एम. फोंट व 200 एम.एल. से अधिक पैकिंग पर & एम.एम. फोंट में लिखा होना अनिवार्य कर दिया गया है।


 

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