नशे की लत ने बना दिया AIDS का मरीज

punjabkesari.in Tuesday, Nov 19, 2019 - 12:41 PM (IST)

लुधियाना(तरुण): आज की युवा पीढ़ी मौज-मस्ती के लिए नशे का सेवन करने से जरा भी नहीं चूकती। बुरी संगत वालों के लिए नशे का सेवन आम बात हो चुकी है। कई शराब, सिगरेट, हुक्के का सेवन करते हैं। जबकि इनसे ऊपर चिट्टे का सेवन करने वाले मौत का दरवाजा खटखटाते हैं। परंतु जो युवक चिट्टे का सेवन इंजैक्शन के जरिए करते हैं वे एड्स जैसी खतरनाक बीमारी का शिकार हो सकते हैं। ऐसा ही एक हादसा गिल रोड के रहने वाले 32 वर्षीय सुनील (काल्पनिक नाम) के साथ घटित हुआ जोकि अस्पताल में वैंटीलेटर पर है और एड्स जैसी खतरनाक बीमारी से जूझ रहा है। हताश सुनील 2 बार खुदकुशी का प्रयास भी कर चुका है। हालांकि सुनील अब चिट्टे का सेवन नहीं करता परंतु चिट्टे के सेवन ने सुनील को मौत की कगार पर खड़ा कर दिया है।


15 वर्ष की उम्र में ही पीने लगा था सिगरेट और शराब 
दास्तां सुनाते हुए सुनील ने बताया कि 15 वर्ष की उम्र में ही वह सिगरेट और शराब का सेवन करने लगा था। युवा होने के बाद एक दिन मौज-मस्ती में उसके दोस्तों ने उसे चिट्टे का सेवन करवाया जिसके बाद वह अक्सर चिट्टा पीने लगा। महंगा नशा होने के कारण उसने अपना कारोबार खत्म कर दिया। घर के जेवर तक बेच डाले। चिट्टे की लत ने उसे दर-दर का मोहताज बना दिया परंतु चिट्टे की लत ने उसे जकड़े रखा। एक फैक्टरी में नौकरी कर गुजर-बसर करने लगा। 


कई दोस्त एक ही सीरिंज से लगाते थे इंजैक्शन
उसने बताया कि एक दिन दोस्तों ने उसे चिट्टे का इंजैक्शन लगाया। इंजैक्शन लगाने के बाद उसे आनंद आने लगा। पहले तो वह दिन में 1 या 2 बार इंजैक्शन लगाता था परंतु धीरे-धीरे वह इसके दलदल में धंसता चला गया। एक दिन बीमारी के दौरान अस्पताल में हुए टैस्ट से पता चला कि वह एच.आई.वी. पॉजीटिव है। उसे पता ही नहीं चला कि कब वह एड्स की बीमारी से ग्रस्त हो गया। उसने बताया कि दोस्तों के साथ बैठ कर कई बार एक ही सीरिंज से वे चिट्टे का इंजैक्शन लगा लेते थे।


सारी कोशिशों के बाद परिवार ने भी मानी हार
जब उसके परिवार को पता चला तो मानो सिर पर पहाड़ टूट पड़ा हो। पत्नी सहित पूरा परिवार उसे बुरी आदतों से निकालने का प्रयास करते रहे परंतु आखिर में उन्होंने भी हार मान ली। इतनी भयंकर व लाइलाज बीमारी से ग्रस्त होने के बाद रिश्तेदारों ने भी उससे मुंह मोडऩा शुरू कर दिया। हालांकि अब सुनील चिट्टे की लत को छोड़ चुका था परंतु एड्स की बीमारी से ग्रस्त होने के बाद वह अपनी मौत के दिन गिन-गिन कर काट रहा है। वर्तमान में सुनील वैंटीलेटर पर है और उसकी हालत दिन-ब-दिन बदतर होती जा रही है। सुनील ने बताया कि वह शादीशुदा है। थोड़ी सी मौज-मस्ती ने कब उसे मौत की कगार पर खड़ा कर दिया उसे पता ही नहीं चला। वह जीना चाहता है परंतु उसकी बुरी संगत व आदत उसे पुराने दिन लौटा नहीं सकते।


युवा पीढ़ी के लिए है नसीहत
सुनील की यह दास्तां युवा पीढ़ी के लिए नसीहत है। आए दिन चिट्टे का सेवन करने वाले मर रहे हैं परंतु जैसा हाल सुनील का हुआ है वह चिट्टे का सेवन करने वाले नशेडिय़ों के लिए एक नसीहत है। अब भी समय है वे नशे की लत को छोड़ कर सामान्य जीवन जी सकते हैं।

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