पंजाब पुलिस में भर्ती करवाने का झांसा देकर छात्र से ठगे 4.12 लाख

punjabkesari.in Tuesday, Sep 18, 2018 - 05:22 PM (IST)

लुधियाना(महेश): बी.सी.ए. के एक छात्र को पंजाब पुलिस में भर्ती करवाने का झांसा देकर 4.12 लाख रुपए की ठगी करने का मामला सामने आया है। टिब्बा पुलिस ने पीड़ित की शिकायत पर बलदेव सिंह संधू, संधू की पत्नी परमिंदर कौर, संधू के बेटे रणजोध सिंह व अनमोल सिंह के खिलाफ धोखाधड़ी व सबूतों को खुर्द -बुर्द करने के आरोप में केस दर्ज किया है। होशियारपुर निवासी 24 वर्षीय पीड़ित राहुल शर्मा ने बताया कि वह सैकेंड ईयर का स्टूडैंट है। आरोपी बलदेव से उनकी जान पहचान उसके फूफा रजिंदर प्रशाद के माध्यम से हुई थी। जिनका ताजपुर रोड पर ज्योतिषी का काम है। बलदेव ने राज्य के डी.जी.पी. से सीधी जान पहचान होने की बात कही। वह उसकी बातों में आ गए। आरोपी ने उसे पुलिस की नौकरी दिलाने के लिए एक फाइल तैयार की और उसके हस्ताक्षर करवाए।   

रिसैप्शन पर बैठाकर खुद डी.जी.पी. से मिलने गया आरोपी
उसने बताया कि 16 जुलाई को वह और उसके फूफा बलदेव व बलदेव के छोटे बेटे रणजोध के साथ डी.जी.पी. कार्यालय गए। जहां बलदेव उन्हें रिस्पैशन पर बिठाकर खुद डी.जी.पी. और उसके पी.ए. से मिलने की बात कह कर चला गया। 2 घंटे बाद लौट कर वापस आकर कहा कि उसे नौकरी मिल जाएगी। डी.जी.पी. से उसकी बात हो गई है। जल्द ही उसे मैसेज आ जाएगा। 

डी.जी.पी. के नाम पर मांगे 4.50 लाख रुपए 
पीड़ित ने बताया कि चंडीगढ़ से लौटने के बाद रात करीब 9.44 बजे उसके मोबाइल पर एक प्राइवेट नंबर से मैसेज आया कि उसे पंजाब पुलिस में भर्ती कर लिया गया। नीचे डी.जी.पी. सुरेश अरोड़ा का हवाला दिया गया था। उसने आरोपी को यह बात बताई तो उसने तुरंत डी.जी.पी. के नाम पर 4.50 लाख रुपए का इंतजाम करने को कहा।

26 जुलाई को फिर लेकर गया डी.जी.पी. कार्यालय
पीड़ित ने बताया कि 25 जुलाई को उसे आरोपी का फोन आया कि 26 को डी.जी.पी. आफिस जाना है। इस पर उसने & लाख रुपए आरोपी के खाते में ट्रांसफर करवा दिए, जबकि 1.12 लाख रुपए नकदी उसने आरोपी को उसके घर पर दी। इसके बाद आरोपी फिर उसे डी.जी.पी. कार्यालय ले गया और पहले की भांति रिसैप्शन पर बिठाकर खुद चला गया। 2 घंटे बाद लौटा और कहने लगा कि अब उसकी नौकरी पक्की हो गई है। 

आरोपी के बड़े बेटे ने सबूत किए खुर्द-बुर्द 
पीड़ित ने बताया कि 5 अगस्त को आरोपी ने उसके असली प्रमाण पत्र मंगवाए। अगले दिन आरोपी यह कह कर उसके सभी प्रमाण पत्र अपने साथ ले गया कि पुलिस लाइन में स्कैन होने के बाद मोहाली वैरीफिकेशन के लिए जाएंगे। आरोपी ने एक सोची समझी साजिश के तहत उसे 2 दिनों तक अपने घर रखा जहां आरोपी के बड़े बेटे अनमोल ने उसके मोबाइल से बातचीत के सभी सबूत मिटा दिए। जब उसे इस बात का पता चला तो वह बहुत घबरा गया और अपने घर वापस आ गया। 

 

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