यहां लोगों के खून-पसीने की कमाई लूटने का खेल चल रहा है जोरों पर

punjabkesari.in Tuesday, Oct 23, 2018 - 02:13 PM (IST)

लुधियाना(ऋषि): शहर में लोगों के खून पसीने की कमाई लूटने का खेल जोरों पर चल रहा है। ऐस नहीं कि धड़ल्ले से चल रहे अवैध लाटॅरी के कारोबार बारे पुलिस को पता नहीं है, लेकिन पैसे कमाने में व्यस्त पुलिस ने अपनी आंखें बंद कर रखी है। ढोल्लेवाल पुल के नीचे, गणेश नगर, समराला चौक, जनकपुरी, कश्मीर नगर मार्कीट में बेखौफ होकर चलाई जा रही अवैध लॉटरी की दुकानों को देखकर यह कहना भी गलत नहीं होगा कि इन पर इलाका पुलिस का पूरा आशीर्वाद है। इन अवैध लॉटरी की दुकानें चलाने वालों की तरफ से सरकार को हर रोज लाखों करोड़ो का टैक्स के रूप में चूना भी लगाया जा रहा है।   

स्नैचिंग और चोरी की वारदातों की एक बड़ी वजह लॉटरी
पुलिस की तरफ से पकड़े जाने वाले ज्यादातर स्नैचरों और चोरों की तरफ से बताया जाता है कि वह जुआ खेलने के आदी है और लॉटरी में सब कुछ हारने के बाद क्राइम के रास्ते पर चलते है, लेकिन सब कुछ भली भांति पता होने के बावजूद भी पुलिस इन दुकानों पर कार्रवाई करने की बजाए पैसे कमाने में व्यस्त है।  

समय पर पैसे न पहुंचाने पर ही होती है रेड
ऐसा नहीं कि पुलिस की तरफ से इन अवैध लॉटरी की दुकानों पर रेड नहीं की जाती, लेकिन रेड सिर्फ तब होती है जब उन्हें समय पर बनता हिस्सा नहीं पहुंचता। पुलिस की तरफ से रेड होने के 1 दिन बाद ही दुकानों के फिर से खोला जाना पुलिस से होने वाली सैटिंग का प्रमाण है। 

छुटभैये नेताओं की चांदी
अवैध लॉटरी का कारोबार करने वालों और पुलिस के मध्य छुटभैये नेतागण है, जो पुलिस तक उनका हिस्सा पहुंचाते है। इन नेताओं के साथ कई ऐसे शातिर भी है जो हाथों में कैमरा पकड़कर मीडिया के नाम पर उन्हें धमकाकर पैसे वसूल रहे है। दुकानदार से हर रोज के हिसाब से मिलने वाले पैसो में से उक्त नेतागण पहले अपना मुंह मीठा करते है।
 

थाना चौकियों से चंद कदमों की दूरी पर हैं दुकानें
चौकी जनकपुरी और थाना डिवीजन नं. 3 से चंद कदमों की दूरी पर भी अवैध लाटरी की दुकानें है, लेकिन थाना पुलिस को वह दिखाई नहीं दे रही। कई बार पुलिस आफिसरों को खुश करने के लिए  एफ.आई.आर. जरूर दर्ज कर दी जाती है। लेकिन चंद घंटों बाद फिर से जुए का खेल चलने लग पड़ता है। 

पुलिस कमिश्नर के आदेशों को भी नहीं मानते कारोबारी 
विधायक संजय तलवार की तरफ से अवैध लॉटरी के कारोबार के खिलाफ आवाज उठाए जाने के बाद पुलिस कमिश्नर ने अवैध लॉटरी के कारोबार को बंद करने के आदेश दिए गए थे, लेकिन कुछ समय दुकानें बंद रहने के बाद फिर से चल पड़ी, जो इस बात की तरफ इशारा करती है कि थाना चौकी में तैनात पुलिस अपने ही कप्तान के आदेश नहीं मानते।

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