पुरानी सब्जी मंडी में दड़ा-सट्टा लगाने वाले असामाजिक तत्वों का लगा जमावड़ा

punjabkesari.in Monday, Mar 19, 2018 - 03:43 PM (IST)

लुधियाना(महेश): पुरानी सब्जी मंडी इलाके में लॉटरी की आड़ में दड़ा-सट्टा लगाने वाले असामाजिक तत्वों का जमावड़ा लगता ही जा रहा है, जो गैर-कानूनी ढंग से दड़ा-सट्टा का गौरखधंधा करते हैं। पुलिस को इस संबंधी सब कुछ पता है और रेड पडऩे से पहले ही सूचना लीक हो जाने के कारण अपराधी बच जाते हैं। इस संबंधी मीडिया के हाथ एक वीडियो क्लिप लगी है, जिसमें दड़े-सट्टे का गौरखधंधा करने वाला एक शख्स पुलिस को महीना देने का खुलासा कर रहा है। यह इलाका सलेम टाबरी थाने के अंतर्गत आता है।

इस थाने के प्रभारी इंस्पैक्टर गुरबिन्द्र सिंह को ड्यूटी में कोताही बरतने के आरोप में रविवार को लाइन हाजिर किया गया है। बताया जाता है कि पुलिस ने शनिवार को लॉटरी की आड़ में दड़ा-सट्टा लगाने वालों पर शिकंजा कसने के लिए पूरे शहर में छापामारी की थी, जिसमें कई लोगों को काबू कर उन पर केस दर्ज किए गए हैं लेकिन सूचना लीक हो जाने के कारण दड़े-सट्टे का धंधा करने वाले अपनी दुकानें बंद करके पहले ही फरार हो गए थे। यह सूचना किसने लीक की यह जांच का विषय है।वीडियो देखने पर पता चलाता है कि यह चोरी-छिपे बनाई गई है। कुछ समय पहले इस मंडी सब्जी में दूर-दूर से व्यापारी यहां कारोबार करने के लिए आते करते थे, जब पूरा कारोबार नई सब्जी मंडी में चला गया तो यहां दुकानें खाली हो गईं। अब इन दुकानों में लॉटरी की आड़ में दड़े-सट्टे का करोड़ों रुपए का कारोबार धड़ल्ले से चल रहा है। सलेम टाबरी के चांदनी चौक, छावनी मोहल्ला व जालंधर बाईपास आदि इलाकों में भी खुलेआम लॉटरी की आड़ में दड़े-सट्टे का कारोबार चल रहा है लेकिन कुछ भ्रष्ट अधिकारियों की मिलीभगत के चलते यह गौरखधंधा बतदस्तूर जारी है। 

पर्ची देने की बजाय स्कैच पैन से नंबर करते हैं नोट
बताया जाता है कि दड़े-सट्टे का कारोबार करने वाले हाथ से कॉपी-पैन पर नंबर लिखने की बजाय टेबल पर स्कैच पैन से नंबर नोट करते थे, जिसे बाद में मिटा दिया जाता है। पुलिस की रेड पडऩे पर उनके हाथ कुछ नहीं लगता। इतना ही नहीं दिखावे के तौर पर इन्होंने डम्मी कम्प्यूटर व स्क्रीनें रखी हैं। 

घर पर बिठा रखे हैं कर्मी
दड़े-सट्टे का गौरखधंधा करने वाले इतने शातिर हैं कि उन्होंने नंबर नोट करने के लिए अपने घर पर कर्मी बिठा रखे हैं, जो फोन पर ग्राहक का नंबर लिखा देते हैं। ऐसा सब पुलिस से बचने के तरीके हैं। 

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