लाडोवाल टोल प्लाजा पर अब नहीं लगेगा जाम, सभी बूथों पर लगे फास्ट टैग

punjabkesari.in Monday, Aug 20, 2018 - 03:34 PM (IST)

फिल्लौर (भाखड़ी): नैशनल हाईवे से गुजरने वाले वाहन चालकों को अब लाडोवाल टोल प्लाजा पर लंबी लाइनों में अपनी बारी का इंतजार नहीं करना पड़ेगा। टोल प्लाजा के सभी बूथों पर फास्ट टैग रेडियो फ्रिक्वैंसी लगने के कारण अब वाहन बिना रुके वहां से गुजरेंगे।  

फास्ट टैग लगे वाहनों को सस्ता पड़ेगा प्लाजा से गुजरना
दिनेश शर्मा ने बताया कि जिन वाहनों को फास्ट टैग से जोड़ा जा रहा है, उन्हें प्लाजा से गुजरना सस्ता पड़ेगा, क्योंकि फास्ट टैग को 20 बैंकों के साथ जोड़ा गया है। जैसे ही वाहन प्लाजा से गुजरेगा तुरंत उसी वक्त 7.5 प्रतिशत भुगतान वाहन मालिक के खाते में वापस चले जाएंगे जबकि पे.टी.एम. से 5 प्रतिशत कैश बैक की सुविधा मिलेगी। 

7 प्रकार के हैं फास्ट टैग स्टिकर 
फास्ट टैग स्टिकर 7 प्रकार के हैं जिनमें कार, जीप, वैन के लिए अलग प्रकार के हैं जबकि बस और ट्रकों के लिए अन्य रंग के बनाए गए हैं। मल्टीएक्सल गाडिय़ों के लिए सबसे अलग रंग के बनाए गए हैं। 

क्या है फास्ट टैग, कैसे करता है काम
लाडोवाल टोल प्लाजा के वरिष्ठ अधिकारी दिनेश शर्मा ने बताया कि फास्ट टैग एक आधुनिक टैग है जो वाहन चालकों को स्टिकर के रूप में प्राप्त होता है। इसमें एक छोटी सी चिप लगी हुई है। इस स्टिकर को वाहन की विंड स्क्रीन के मध्य भाग में लगाया जाता है। इस फास्ट टैग चिप को टोल प्लाजा पर लगे रेडियो फ्रिक्वैंसी (आर.एफ.आई.डी.) से जोड़ा गया है और इसे वाहन चालक के बैंक खातों से लिंक किया जाता है। वाहन जैसे ही टोल प्लाजा के नजदीक पहुंचता है तो रेडियो फ्रिक्वैंसी 8 मीटर के दायरे से वाहन पर लगे स्टिकर को स्कैन कर तुरंत बैरियर खोल देती है, जिससे वाहन बिना रुके गुजर जाता है और आटोमैटिक तरीके से गुजरने वाले वाहन का भुगतान बैंक खाते से हो जाता है। 

देश के 700 टोल प्लाजा जोड़े गए हैं फास्ट टैग से
दिनेश शर्मा ने बताया कि नैशनल हाईवे पर पडऩे वाले अब तक देश के कुल 700 टोल प्लाजा को हाईटैक कर फास्ट टैग स्कीम से जोड़ा गया है। इसमें केवल लाडोवाल टोल प्लाजा ऐसा है जिसे हाईबै्रड स्कीम से जोड़ा गया है। इसके सभी बूथ फास्ट टैग है। बाकी के टोल प्लाजा पर फिलहाल फास्ट टैग से एक ही लाइन को जोड़ा गया है। सप्ताह के हर शनिवार धार्मिक स्थल ब्यास को जाने वाले वाहनों की संख्या 12 से 14 हजार के करीब होती है जो रविवार को वापस लौटते हैं। इन वाहनों पर फास्ट टैग स्टिकर न लगे होने के कारण जाम जैसी स्थिति का सामना करना पड़ रहा है। अगर वे लोग भी अपनी गाडिय़ों पर फास्ट टैग स्टिकर लगवा लें तो बिल्कुल भी जाम लगने की नौबत नहीं आएगी। 

600 रुपए है कीमत
वर्ष 2018 में नए खरीदे जाने वाले वाहनों को यह टैग पीछे से लगा आता है। एक डिवाइस की कीमत ओस्तन 600 रुपए निर्धारित की गई है। 200 रुपए टोल प्लाजा पर ट्रांजैक्शन के तौर पर और बाकी की राशि डिवाइस की लागत व बैंक फीस के अंतर्गत शामिल है। 

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