होमगार्ड व पास्को कर्मचारी पर गिरी गाज

punjabkesari.in Wednesday, May 16, 2018 - 12:40 PM (IST)

लुधियाना(स्याल): सैंट्रल जेल से फरार हुए दोनों फरार सगे भाइयों का अभी तक कोई सुराग नहीं लग पाया है लेकिन इसकी गाज एक होमगार्ड जवान विद्यासर और पास्को कर्मचारी दर्शन सिंह पर गिर गई। होमगार्ड अपनी कमीज के बटन खोले ड्यूटी कर रहा था और पास्को कर्मचारी दर्शन सिंह अपनी टांगों के बीच सिर रखकर सो रहा था। दोनों पर कार्रवाई करते हुए विभाग ने होमगार्ड की ट्रांसफर कर दी जबकि पास्को कर्मचारी को आराम करने के लिए घर भेज दिया। 

आज सायं 7 बजे के लगभग ए.डी.सी.पी. राजबीर सिंह बोपाराय जांच करने ताजपुर रोड, केन्द्रीय जेल में पहुंचे। जिस बैरक में उक्त फरार होने वाले दोनों बंदी भाई रहते थे वहां से एक मोबाइल लिखे नम्बर की पर्ची मिली है जिस पर एक बंदी की पत्नी व माता का मोबाइल नम्बर लिखा है। पता चला है कि उक्त मोबाइल की काल डिटेल निकलवाई जा रही है। इसके साथ उन्होंने सी.सी.टी.वी. की फुटेज दोबारा खंगाली। सूत्र बताते हैं कि उक्त मामले में कुछ बंदियों को जेल से प्रोटैक्शन वारंट पर लेकर भी पूछताछ की जा सकती है।पुलिस ने फरार आरोपी हवालातियों के पकडऩ के लिए उके घर पर भी रेड की है। मालूम हुआ है कि फरार बंदियों को पकडऩे के लिए पुलिस टीमें गठित की गई हैं। 
 

4 सी.सी.टी.वी. खराब
जेल के परिसर व अन्दर विभिन्न स्थानों के साथ कई बैरकों में 62 के लगभग सी.सी.टी.वी लगे हुए हंै लेकिन फुटेज के बारे में पूछे जाने पर पता चला है कि चार सी.सी.टी.वी खराब पड़े हैं। इनके लिए स्थापित कंट्रोल रूम में जाकर भी अधिकारियों ने समय-2 पर रिकार्डिंग की भी जांच की। जेल ड्यूडी से अंदर दाखिल होने पर दाएं और महिला जेल व सैंट्रल जेल दीवार की नुक्कड़ व बाएं और वीडियो कान्र्फेसिंग व मुलाकात कमरे के साथ लगती नुक्कड़ की दीवार से उक्त हवालातियों के भागने का रहस्य बना हुआ है। हालांकि मुलाकात कमरे के साथ लगती बाहरी दीवार पर कुछ निशान भी नजर आ रहे हैं। 

टावर सुरक्षा की दृष्टि से ठीक नहीं
जेल की सुरक्षा के लिए 5 टॉवर स्थापित किए हुए हैं। जिन पर होमगार्ड के जवान ड्यूटी करते हैं, मगर उक्त टॉवर सुरक्षा की दृष्टि से ठीक नहीं है। उनकी हालत इतनी जर्जर बनी हुई है कि डयूटी करने वाले कर्मचारी टॉवर के इर्द-गिर्द कम्बल का टुकड़ा लपेट कर गर्म हवा से अपना बचाव कर रहे हैं।

देखे जा रहे सीवरेज
जेल में डिप्टी सुपरिडैंडैंट मनजीत सिंह टिवाना ने बताया कि जेल में मोबाइल ले जाने का अधिकारियों पर भी प्रतिबंधित हो गया है।  उक्त फरार बंदियों के लिए जेल के अन्दर विभिन्न-2 सीवरेज को देखा जा रहा है।

बैरकों में हो रही कैदियों की गिनती
वर्ष 2001 में ताजपुर रोड, सैंट्रल जेल में एक बंदी कल्लू सिंह चौहान पर थाना डिवीजन नं. 4 में चाकू का मामला दर्ज होने पर सैंट्रल जेल में आया था। उक्त बंदी को रसीव करने के बाद बी .के.यू में बंदी गिनती डाल दी गई। जब रात्रि के समय बैरकों में बंदियों की गिनती हो रही थी तो 189& बंदी होने की बजाए 1892 की गिनती निकली। सैट्रल जेल के अन्दर उस समय कई स्थानों पर बड़ी-2 झाडिय़ां होती थी, पूरी रात सर्च करने पर उक्त बंदी का पता नहीं चला। उस समय बोस्टल जेल का एक रास्ता सैंट्रल जेल से निकलता था। जांच करने पर मालूम हुआ कि वहां पंजे के कैदी मशक्कत कर रहे थे। पंजे के कैदियों ने बताया कि उक्त आरोपी बंदी बाहर जा रहा था तो उन्होंने पूछा तो बोला मैं रिहा हो गया हूं। जिस का रहस्य आज तक बरकरार है। इस सम्बन्ध में जेल के तत्कालीन अधिकारी व कर्मचारी चार को सस्पैंड कर दिया गया। लेकिन कुछ समय के बाद वह अदालत से बरी हो गए। 

Vatika