भारतीय किसान यूनियन कादियां ने कहा- किसानों पर पुलिस केस पराली के मुद्दे का हल नहीं

punjabkesari.in Friday, Nov 08, 2019 - 04:37 PM (IST)

लुधियाना (सलूजा): पराली को जलाने के मामले में किसानों पर पुलिस केस पराली के मुद्दे का हल नहीं है। किसान मजबूरी में ही पराली को आग लगाते है, वह कानून की उल्लघंना करने के बिलकुल हक में नहीं है। सरकारों के भ्रिष्ट सिस्टम की वजह से ही आज पंजाब का वातावरण प्रदषित हो रहा है। किसानों को मिलने वाली सब्सिडी नहीं मिल रही। पराली की संभाल हेतु सरकारों की तरफ से मशीनरी उपलब्ध करवाने के बड़े बड़े दावे किए जा रहे है। जबकि सच्चाई यह है कि गरीब व मध्य वर्गीय किसान को सरकारों की तरफ से कोई सुविधा उपलब्ध नहीं हो रही। 

भारतीय किसान यूनियन कादियां के प्रधान हरमीत सिंह कादियां ने आज यहां गुरदुारा सराभा नगर में यूनियन की राज्य स्तरीय मीटिंग को सम्बोधित करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने जो किसानों को 100 रूपए प्रति कुविंटल बोनस देने का सरकारो को आदेश जारी किया है, वह यूनियन की दलीलो से सहमत होने पर ही दिया है। इससे पता चलता है कि अफसरशाही व राजनीतिक पार्टियां किसानों के प्रति गंभीर नहीं है और किसानों के मुद्दों को अनदेखा करते आ रहे है। राजनीतिक पार्टियां तो किसानों को सिर्फ वोट बैंक समझते है। किसान नेता जगदेव सिंह कानियांवाली ने सम्बोधित करते हुए कहा कि जो सहकारी बैंको की तरफ से किसानो को नजायज तौर पर तंग किया जा रहा है, वह सरासर अन्याय है। 

उन्होंने कहा कि सरकार ने किसानो से यह कह कर वोटे ली कि उनके कर्जे माफ कर दिए जाएगे। लेकिन आज तक किसी एक भी किसान का कर्जा माफ नहीं हुआ। यदि सरकार ने किसानों को कुकीयों के माध्यम से परेशान करना बंद ना किया तों मंत्री पंजाब सरकार सुखजिंदर सिंह रंधावा का घेराव किया जाएगा। इससे निकलने वाले नतीजो के लिए सीधे तौर पर कैप्टन सरकार ही जिम्मेवार होगी। किसान नेता गुरमीत सिंह गोलेवाल ने बताया कि जो 85 रूपए प्रति कुविंटल गेहू के एमएसपी में इजाफा किया गया है, उसको यूनियन रद्द करती है। इससे भद्दा मजाक किसानों के साथ और क्या हो सकता है।

उन्होंने कहा कि स्वामीनाथन कमिशन की रिपोर्ट के मुताबिक गेहू का भाव 2020 के लिए 3200 रूपए प्रति कुविंटल बनता है। किसान नेता कुलदीप सिंह चकबाईके ने किसानो के खिलाफ दर्ज किए गए मामलो को रद्द करने की पुरजोर मांग की। इस मीटिंग में सुखजिंदर सिंह खोसा, मनप्रीत सिंह संधू, गुलजार सिंह, तलविंदर सिंह,बलजिंदर सिंह बब्बी, बुध राम बिशनोई, जसपिंदर सिंह, अमरीक सिंह, जसवीर सिंह, गुरिंदर सिंह खैहरा आदि शामिल हुए।
 

Mohit