अवैध हथियारों का हब बनता जा रहा लुधियाना

punjabkesari.in Monday, Dec 09, 2019 - 10:42 AM (IST)

लुधियाना(राज): दरेसी इलाके में हुई फायरिंग में अवैध हथियार इस्तेमाल हुआ है। अगर इससे पहले की बात करें तो महानगर में 3 माह के दौरान फायरिंग की डेढ़ दर्जन से ज्यादा वारदातें सामने आ चुकी हैं जिनमें से ज्यादातर वारदातों में अवैध हथियारों का इस्तेमाल हुआ है। इससे साफ जाहिर होता है कि लुधियाना अवैध हधियारों का हब बनता जा रहा है। यू.पी. और बिहार से अवैध हथियार लुधियाना के साथ-साथ पंजाब के हर जिले में सप्लाई किए जा रहे हैं। पहले पकड़े गए कई आरोपियों से भी पुलिस पूछताछ में यह बात सामने आ चुकी है। पुलिस सूत्रों के मुताबिक अधिकतर मामलों में सामने आया है कि बदमाश यू.पी. से अवैध हथियार लेकर आते हैं, मगर अब राजस्थान से भी अवैध हथियारों की सप्लाई शुरू हो गई है। लुधियाना में बैठे कई बदमाश यू.पी. और राजस्थान से अवैध हथियार मंगवाकर सप्लाई करने लगे हैं। 


गैंगस्टर ही उपलब्ध करवाते हैं अवैध हथियार 
नशे के साथ-साथ आजकल गैंगस्टर अवैध हथियारों की सप्लाई भी करने लगे हंै। वे ऑन डिमांड हथियार मंगवाकर देते हैं। कई गैंगस्टर जेल के अंदर बैठे हुए ही अवैध हथियार सप्लाई करने का धंधा चला रहे हैं। मोबाइल पर डीङ्क्षलग होती है, फिर सप्लाई में गैंगस्टर अपने गुर्गों का इस्तेमाल करते हैं जोकि उनकी बताई जगह पर हथियार देकर आते हैं।

ऑन डिमांड 1 लाख तक बिकता है 20-30 हजार का हथियार
अवैध हथियारों की ज्यादातर सप्लाई यू.पी. और बिहार से होती है। अगर कोई बदमाश खुद यू.पी. और बिहार से हथियार लेकर आता है तो उसमें उसका रिस्क होता है। मगर अब ऑन डिमांड भी हथियार मिलने शुरू हो गए हैं। यू.पी. से जो हथियार 20 से 30 हजार में बिकता है, अगर वही हथियार ऑन डिमांड मंगवाया जाए तो 90 हजार से एक लाख के अंदर बिकता है। 


राजनीतिक पहुंच के कारण सप्लायरों तक नहीं पहुंच पाती पुलिस
कुछ महीने पहले चौकी ललतों की पुलिस ने बठिंडा के 2 गैंगस्टर काबू किए थे जिन्होंने पुलिस मुलाजिमों पर फायर किए थे। जब पुलिस ने उनसे पूछताछ की तो आरोपियों ने बताया कि उन्होंने लुधियाना के ही एक पुराने गैंगस्टर से हथियार लिया था। उनके साथी भी उसी से हथियार लेकर जाते थे लेकिन राजनीतिक रसूख के करण पुलिस हथियार बेचने वाले आरोपी तक नहीं पहुंच पाई। अगर पुलिस सूत्रों की मानी जाए तो हर पुराने-नए गैंगस्टरों और बदमाशों ने अवैध हथियार रखे हुए है जिसमें कइयों का राजनीतिक रसूख होने के कारण पुलिस उन पर हाथ नहीं डालती। अगर पुलिस पुराने आरोपियों का रिकार्ड बनाकर उनके घरों या रिश्तेदारों की तलाशी ले तो अवैध हथियार बरामद हो सकते हैं। 

गन हाऊसों से पहुंचती हैं अवैध हथियार वालों को गोलियां
शहर में कई गन हाऊस हैं, मगर कुछ गन हाऊस ऐसे हैं जोकि अपने जानकारों को बिना किसी पड़ताल या डिटेल लिए गोलियां दे रहे हैं। ऐसे में अगर उन गोलियों का बदमाश अवैध हथियार से इस्तेमाल करते हैं तो पुलिस के लिए साबित कर पाना बहुत ही मुश्किल होता है। 


कुछ महीने में हुई फायरिंग की वारदातें 

  • 28 अक्तूबर- सिविल सिटी पी.ए.यू. के रिटायर्ड कर्मी जगजीत सिंह के घर कुछ युवकों ने हमला कर फायरिंग की थी। उसे अगवा करने की कोशिश भी की गई थी।29 अक्तूबर- सुंदर नगर के रहने वाले कारोबारी अमित कुमार के घर में कुछ अज्ञात लोगों ने फायरिंग की थी।
  • 09 अक्तूबर- ट्रांसपोर्ट नगर स्थित शंकर ढाबे पर & युवकों ने फायर किए थे जिसमें एक युवक भी घायल हुआ था।
  • 7 अक्तूबर- दुगरी के निर्मल नगर शादी समारोह में भी युवकों ने फायरिंग की थी।
  • 25 अक्तबूर- ईस्टमैन चौक के पास स्थित मोबाइल शॉप के मालिक मिथलेश कुमार पर लुटेरों ने फायरिंग की थी।
  • 225 सितम्बर- दुगरी स्थित इमीग्रेशन ऑफिस के बाहर 2 लोगों ने फायरिंग की थी। जोकि सी.सी.टी.वी. में कैद हो गई थी।
  • 223 सितम्बर- थाना सलेम टाबरी के बाहर ही युवक पर कुछ युवकों ने गोलियां चला दी थीं।
  • 214 सितम्बर- पैवेलियन मॉल के अंदर पार्टी में एक कांग्रेसी वर्कर ने गोली से एक व्यक्ति की हत्या कर दी थी। हालांकि इसमें लाइसैंसी हथियार इस्तेमाल हुआ था।
  • कुछ समय पहले चौकी ललतों की पुलिस पर बदमाशों ने फायरिंग की थी। जोकि बाल-बाल बचे थे।
  • गिल रोड स्थित कारोबारी के ऑफिस में बदमाशों ने देसी पिस्तौल की नोक पर 8 लाख लूटे थे।
  • 24 नवम्बर को जवाहर नगर कैंप बर्थ-डे पार्टी में कुछ युवकों ने हवाई फायर किए थे।

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