सिंचाई विभाग की जमीन पर निगम कर्मियों ने लगवा दी अवैध सब्जी मंडी

punjabkesari.in Tuesday, Aug 21, 2018 - 02:25 PM (IST)

लुधियाना (हितेश): नगर निगम ने जब सड़कों के किनारे रेहड़ी-फड़ी लगाने वालों से मासिक फीस वसूलने की योजना लागू की तो अवैध कब्जों के खिलाफ  कार्रवाई न करने की एवज में तहबाजारी विंग के स्टाफ  द्वारा इकट्ठा किया जाने वाला पैसा सरकारी खजाने में आने का हवाला दिया गया था।

मगर नगर निगम कर्मियों ने अधिकारियों के इस दावे की हवा निकाल कर दी है, जिसका सबूत उस समय देखने को मिला जब सिंधवा नहर के किनारे सिंचाई विभाग की जमीन पर लगी अवैध सब्जी मंडी को हटाने की बजाय जोन-डी की टीम ने उन रेहड़ी-फड़ी वालों से फीस वसूलने का ड्रामा रच दिया।जानकारी के मुताबिक सिंधवा नहर के किनारे जवद्दी पुल के पास खाली पड़ी जगह पर काफी देर से अवैध सब्जी मंडी लगाने की कोशिश हो रही है, जिसे नगर निगम व पुलिस द्वारा हर बार नाकाम कर दिया जाता है। इसी बीच निगम ने स्ट्रीट वैंडिंग पॉलिसी के ट्रायल का हवाला देते हुए रेहड़ी-फड़ी वालों को हटाने की जगह उनसे मासिक फीस वसूलने की योजना लागू कर दी है। इस योजना की आड़ में निगम के जोन-डी की तहबाजारी ब्रांच के कुछ कर्मियों ने अवैध रूप से सब्जी मंडी लगाने की रणनीति तैयार की।

अकाली दल से आए कांग्रेस नेताओं के साथ माफिया का संरक्षण
इस मामले में खुलासा यह हुआ कि अवैध रूप से सब्जी मंडी लगवाने के पीछे उन कांग्रेस नेताओं का हाथ है जो विधानसभा चुनाव से पहले अकाली दल छोड़कर आए थे। इनके साथ वह माफिया भी मिला हुआ है जो मंडी लगाने वालों को टेबल, लाइट व छतरी तक मुहैया करवाने के बदले में अवैध वसूली करते हैं।

मासिक फीस वसूलने की योजना का हो रहा विरोध
निगम द्वारा रेहड़ी वालों को हटाने की जगह उनसे मासिक फीस वसूलने की योजना का पहले दिन से विरोध हो रहा है, जिसे लेकर रेहड़ी-फड़ी यूनियन द्वारा फीस काफी ज्यादा होने का मुद्दा उठाया गया है और निगम के स्टाफ  पर मिलीभगत के चलते फीस वसूलने की प्रक्रिया में पिक एंड चूज करने का आरोप भी लगाया गया है, जबकि अकाली दल व बैंस ग्रुप द्वारा कोई सुविधा दिए बिना रेहड़ी-फड़ी पर भारी फीस का बोझ लादने को लेकर एतराज जताया गया है।

फीस वसूलने की आड़ में करवाए जा रहे रेहड़ी-फड़ी के नए कब्जे
स्ट्रीट वैंडिंग पॉलिसी के तहत उन रेहड़ी-फड़ी वालों को नई मार्क की जाने वाली साइटों पर शिफ्ट किया जा सकता है, जिनकी पहले ऑनलाइन सर्वे के दौरान रजिस्ट्रेशन हुई है। मगर यह योजना लागू होने से पहले ही शुरू हुई मासिक फीस वसूलने की प्रक्रिया की आड़ में अधिकारियों ने रेहड़ी-फड़ी वालों के नए कब्जे करवाने शुरू कर दिए हैं।

ये भी हैं योजना की खामियां
-फीस के नाम पर हो रही ओवर चाॄजग।
-पिक एंड चूज की काटी जा रही रसीद।
- फीस न देने वालों पर नहीं हो रही कार्रवाई।
- निगम के अलावा दुकानदार भी ले रहे चार्जिस।
-नहीं हल हुई ट्रैफिक जाम की समस्या।

यह है मेयर की दलील 
जहां तक मासिक फीस वसूलने की योजना का सवाल है। नगर निगम के मुताबिक उसमें सिर्फ  उन रेहड़ी-फड़ी वालों को शामिल किया जा सकता है जिनको बाद में स्ट्रीट वैंडिंग पॉलिसी के तहत मार्क किए गए प्वाइंटों पर शिफ्ट किया जाना है। इसके अलावा फीस के लिए वह पैटर्न ही अपनाया गया है जो अकाली-भाजपा सरकार के समय किया गया था।

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