नगर निगम लुधियाना: सिद्धू ने अधिकारियों के खिलाफ दिए कार्रवाई के आदेश

punjabkesari.in Saturday, Feb 23, 2019 - 09:15 AM (IST)

चंडीगढ़(रमनजीत): विधानसभा में आम आदमी पार्टी द्वारा उठाए गए नगर निगम लुधियाना के 98-सी नक्शा पास करने संबंधी मामले में स्थानीय निकाय मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू ने एक्शन शुरू कर दिया है। सिद्धू द्वारा 7 जुलाई, 2018 को इस मामले की जांच का फैसला लेते हुए नक्शे की मंजूरी लंबित करने के आदेशों की पालना नहीं करने वाले अधिकारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने का आदेश दिया गया है।

आरोपी अधिकारियों पर होगी सख्त कार्रवाई
सिद्धू ने कहा कि जरूरी दस्तावेजों की हेराफेरी करने के बावजूद सी.एल.यू. का केस आगे भेजने वाले दोषी पाए जाने वाले अधिकारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई होगी। उन्होंने इस संबंधी विभाग के प्रमुख सचिव को तुरंत एक्शन के लिए कहा है। इस मामले की जांच के आदेश उनकी तरफ से ही दिए गए थे और इसकी जांच रिपोर्ट में सामने आया है कि जिस जमीन का सी.एल.यू. और नक्शा पास करवाया गया, उस जमीन की रजिस्ट्री जालसाजी करके खसरा नंबर बदले गए। उन्होंने कहा कि सी.एल.यू. की दख्र्वास्त 17 जनवरी, 2018 को दी गई थी, जिसमें दस्तावेजों की हेराफेरी की गई। सी.एल.यू. की दख्र्वास्त देने के दो दिन बाद 19 जनवरी, 2018 को रजिस्ट्री करवाई गई थी जबकि सी.एल.यू. की दरख्वास्त देने के समय दस्तावेजों के साथ रजिस्ट्री नत्थी होना लाजिमी होता है। 

दरख्वास्त देने के समय जमीन का मालिक ही नहीं था आवेदक
संबंधित अधिकारियों ने रजिस्ट्री के दस्तावेजों का केस बिना किसी पड़ताल के सी.एल.यू. पास करवाने के लिए आगे भेज दिया। उन्होंने कहा कि सी.एल.यू. के लिए दख्र्वास्त देने के दो दिन बाद हुई रजिस्ट्री के खसरा नंबर में फर्क होने के कारण हेराफेरी करके सी.एल.यू. की दरख्वास्त देते समय लगे दस्तावेजों में से सबसे ऊपरवाला पेज बदल दिया गया जबकि बाकी दस्तावेजों में खसरा नंबर आदि वही रहे। स्थानीय निकाय मंत्री ने बताया कि उस समय के लुधियाना के ए.डी.सी. (जनरल) इकबाल सिंह संधू द्वारा जांच में भी इस बात की पुष्टि हुई है कि रजिस्ट्री करवाने की तारीख 19 जनवरी, 2018 है जबकि सी.एल.यू. की दख्र्वास्त 17 जनवरी 2018 को दी गई। इस हिसाब से आवेदक तो दरख्वास्त देने के समय जमीन का मालिक ही नहीं था। रिपोर्ट में कहा गया है कि जिस जमीन की रजिस्ट्री 19 जनवरी, 2018 को हुई, उसका सी.एल.यू. बिना स्वामित्व रजिस्ट्री के 2 दिन पहले कैसे हो सकती है?

बिना शिकायतों के निपटारे के दी गई थी नक्शे को मंजूरी
सिद्धू ने बताया कि नक्शा नंबर 98-सी नगर निगम लुधियाना संबंधी मामला पिछले वर्ष जुलाई महीने में उनके ध्यान में लाया गया था कि बिना शिकायतों के निपटारे के 11 जून, 2018 को नक्शे को मंजूरी दी गई।|इस पर उन्होंने तुरंत कार्रवाई करते हुए 9 जुलाई, 2018 को प्रमुख सचिव, स्थानीय निकाय को पत्र लिखकर इस मामले की जांच डी.एस.पी. नगर निगम लुधियाना से करवा कर डिटेल रिपोर्ट चीफ विजीलैंस ऑफिसर के द्वारा एक महीने के अंदर-अंदर पेश करने के आदेश दिए गए थे। सिद्धू ने कहा कि डी.एस.पी. नगर निगम लुधियाना के द्वारा करवाई गई जांच में यही बात सामने आई है कि नगर निगम लुधियाना और स्थानीय निकाय विभाग के मुख्य दफ्तर के अधिकारियों द्वारा बिना कोई तथ्य जांच किए और इस संबंधी मिली शिकायतों के निपटारे के ही सी.एल.यू. का केस स्वीकृत करके मंत्री के समक्ष मंजूरी के लिए पेश किया गया। स्थानीय निकाय मंत्री ने कहा कि उन्होंने उस समय अपने आदेशों में जांच करवाने के अलावा नक्शे की मंजूरी तुरंत लंबित रखने के भी आदेश दिए थे। उन्होंने कहा कि इन आदेशों के बावजूद निर्माण का काम चलता रहा जबकि उन्होंने स्पष्ट कहा था कि नक्शे की मंजूरी तुरंत लंबित रखी जाए। 

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