एस.टी.पीज की जालियां हैं खराब, कैसे होगी पानी में से गंदगी की सफाई

punjabkesari.in Monday, Jun 04, 2018 - 12:39 PM (IST)

लुधियाना (हितेश): पंजाब सरकार द्वारा बुड्ढे नाले को प्रदूषण मुक्त बनाने के प्रति दिखाई जा रही गंभीरता के तहत हुई सीवरेज ट्रीटमैंट प्लांट की चैकिंग में यह बात सामने आई है कि वहां गंदगी साफ करने के  लिए लगाई गई जालियां ही खराब पड़ी हैं तो पानी कैसे साफ हो सकता है। यहां बताना उचित होगा कि ब्यास दरिया में मछलियां मरने के बाद सतलुज दरिया व बुड्ढे नाले के प्रदूषण का मुद्दा भी गर्माया है।

इसके मद्देनजर चीफ मिनिस्टर कैप्टन अमरेंद्र सिंह ने पर्यावरण मंत्री ओ.पी. सोनी की अध्यक्षता में विभिन्न विभागों के आलाधिकारियों की कमेटी का गठन किया है। जिस कमेटी को वाटर प्रदूषण की रोकथाम के लिए उठाए जाने वाले कदमों बारे रिपोर्ट तैयार करने के निर्देश दिए गए हैं। चीफ सैक्रेटरी द्वारा बुलाई गई मीटिंग में जो पहलू सामने आए उसके मुताबिक चीफ मिनिस्टर के टैक्नीकल एडवाइजर की टीम को सीवरेज ट्रीटमैंट प्लांट की चैकिंग करने को भेजा गया है।विभागीय सूत्रों के मुताबिक इस टीम ने जो रिपोर्ट तैयार की है उसके मुताबिक सीवरेज ट्रीटमैंट प्लांट पर गंदगी रोकने के लिए जो जालियां लगी हैं वे खराब पड़ी हैं। इन स्क्रीन रूपी जालियों का साइज 15 एम.एम. होना चाहिए, जबकि यहां 50 एम.एम. साइज की जालियां लगी हैं। इससे गंदगी बिना रुके ही नाले में जा रही है, जिसका हल करने के लिए टीम ने स्क्रीन बदलने की जरूरत बताई है।

ओवर वाटर सप्लाई रोकने के लिए ट्यूबवैल पर टाइमर लगाने का ट्रायल शुरू 
जब भी बुड्ढे नाले के प्रदूषण की समस्या के पीछे के कारण जानने की बात होती है तो नगर निगम द्वारा सीधे सीवरेज का पानी गिराने के लिए ट्रीटमैंट प्लांट की कैपेसिटी कम होने का हवाला दिया जाता है। इसकी बड़ी वजह 135 लीटर प्रति व्यक्ति के नियम के उल्ट करीब 250 लीटर पानी की सप्लाई दी जा रही है, जिससे ग्राऊंड वाटर लैवल डाऊन जा रहा है। इसके मद्देनजर सरकार द्वारा लम्बे समय से ओवर वाटर सप्लाई में कटौती की सिफारिश की जा रही है लेकिन सियासी नुक्सान के डर से उस पर अमल नहीं हो पाया। इस समस्या का अस्थायी रूप से हल करने के नाम पर ट्यूबवैल पर टाइमर लगाने की योजना बनाई गई है, जिससे आप्रेटर द्वारा अपनी मर्जी के साथ 10 घंटे से ज्यादा ट्यूबवैल चलाने की रिवायत खत्म हो जाएगी। इसके अलावा ग्राऊंड वाटर लैवल बचाने के साथ बिजली के बिल में भी कमी आएगी। इसके लिए वर्क ऑर्डर जारी कर दिया गया है और 4 ट्यूबवैल पर ट्रायल स्टार्ट कर दिया गया है।

सैम्पलिंग के लिए अगले सप्ताह आएगी CPCB की टीम
नदी-नालों का प्रदूषण जानवरों के अलावा मालवा से राजस्थान तक इंसानी जिंदगी पर भी खतरा मंडराने को लेकर लगी याचिका पर नैशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल ने सी.पी.सी.बी. व सी.पी.सी.बी. को ब्यास, सतलुज दरिया के अलावा बुड्ढे नाले के पानी की सैम्पङ्क्षलग कर रिपोर्ट देने के निर्देश दिए हैं। इसके मद्देनजर नगर निगम ने पहले ही अपने अधिकारियों की ड्यूटी लगा दी है और सी.पी.सी.बी. की टीम अगले सप्ताह सैम्पलिंग को आ सकती है।

 

फाइनल पॉलिशिंग यूनिट की नहीं हुई सफाई
स्क्रीन के अलावा सीवरेज ट्रीटमैंट प्लांट में एक और खराबी फाइनल पॉलिशिंग यूनिट में भी है, क्योंकि जब पानी में से कैमिकल निकालने के बाद क्लोरिन मिलाने के लिए फाइनल पॉलिशिंग यूनिट में डाला जाता है तो उसमें पहले से गंदगी जमा होने की वजह से सारी प्रोसैसिंग का कोई फायदा नहीं हो रहा है। इसके मद्देनजर टीम ने फाइनल पॉलिशिंग यूनिट की सफाई करवाने के निर्देश दिए हैं। यह भी कहा गया है कि सफाई के दौरान पानी की निकासी के लिए अलग से लाइन बिछाई जाए।

गैस से चलेंगी मोटरें व जैनरेटर
सीवरेज ट्रीटमैंट प्लांट में बनने वाली मीथेन गैस को काफी समय से जलाया जा रहा है, जिसे लेकर बिजली बनाने का सुझाव भी टीम ने दिया है। इसके तहत ऐसी प्राइवेट कम्पनी को बुलाने के लिए टैंडर लगाने की वकालत की गई है, जो गैस से बनने वाली बिजली से जैनरेटर व मोटरें चलाने की पेशकश करे और लागत पूरी करने के लिए उसे बाकी बिजली बेचने की छूट मिल जाए।

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