''मौत'' का प्रदूषण: निगम की क्रॉस चैकिंग में खुलेगी डाइंग व इलैक्ट्रोप्लेटिंग यूनिटों की पोल

punjabkesari.in Tuesday, Dec 04, 2018 - 03:35 PM (IST)

लुधियाना(हितेश): बुड्ढे नाले में प्रदूषण फैलाने के लिए जिम्मेदार डाइंग व इलैक्ट्रोप्लेटिंग यूनिटों की पोल खोलने के लिए नगर निगम ने क्रॉस चैकिंग करवाने का फैसला किया है। इसके लिए कमिश्नर ने जोन वाइज टीमों का गठन कर दिया है।

यहां बताना उचित होगा कि बुड्ढे में गिर रहे पानी को लेकर नगर निगम द्वारा सीवरेज ट्रीटमैंट प्लांटों के ओवरफ्लो होने का हवाला दिया जाता है। इसके अलावा ट्रीटमैंट प्लांट से छोड़े जा रहे पानी के मापदंड पूरे न होने के लिए प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड द्वारा नगर निगम को नोटिस जारी किया जा चुका है। इसे लेकर नगर निगम द्वारा डाइंग व इलैक्ट्रोप्लेटिंग यूनिटों पर ठीकरा फोड़ा जा रहा है कि वह अपने अंदर लगे प्लांट से साफ किए बिना पानी को सीधा सीवरेज लाइन में डाल रहे हैं। डाइंग व इलैक्ट्रोप्लेटिंग यूनिटों की पोल खोलने के लिए नगर निगम ने क्रॉस चैकिंग करने की योजना बनाई है। इसके तहत जोन वाइज गठित की टीमों को डाइंग व इलैक्ट्रोप्लेटिंग यूनिटों के वाटर डिस्चार्ज प्वाइंट से सैम्पल लेकर चैक करवाने की जिम्मेदारी सौंपी गई है।

प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड की बनती है जिम्मेदारी
वैसे तो डाइंग व इलैक्ट्रोप्लेटिंग यूनिटों के अंदर लगे हुए प्लांट के जरिए पानी साफ करके सीवरेज लाइन में डालने की जिम्मेदारी प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड की बनती है। मगर बुड्ढे नाले के प्रदूषण व सीवरेज ट्रीटमैंट प्लांट की वर्किंग ठीक न होने को लेकर नगर निगम पर ठीकरा फोड़ा जाता है। इसके मद्देनजर नगर निगम ने खुद क्रॉस चैकिंग कराकर पी.पी.सी.बी. को रिपोर्ट भेजने का फार्मूला अपनाया है।

हो सकती है यह कार्रवाई
नगर निगम की क्रॉस चैकिंग के दौरान जिन डाइंग व इलैक्ट्रोप्लेटिंग यूनिटों द्वारा पानी को साफ किए बिना सीवरेज लाइन में डालने की बात साबित हो गई है और उनके खिलाफ कनैक्शन काटने व सीलिंग की कार्रवाई की जाएगी।

50 करोड़ का जुर्माना लगने के बाद खुली निगम की नींद
डाइंग व इलैक्ट्रोप्लेटिंग यूनिटों के खिलाफ इस तरह की चैकिंग करने के फैसले को नैशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल द्वारा नदियों व नालों के प्रदूषण की रोकथाम करने में नाकाम रहने के मामले में  50 करोड़ जुर्माना लगाने के ऑर्डर से जोड़कर देखा जा रहा है, क्योंकि इस जुर्माने की वसूली नगर निगम से करने की कोशिश की गई है और इससे बचने के लिए नगर निगम यह साबित करने में जुट गया है कि बुड्ढे नाले के प्रदूषण के लिए डाइंग व इलैक्ट्रोप्लेटिंग यूनिटों की जिम्मेदारी है।

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