जानलेवा साबित हो सकती है नगर निगम की वाटर सप्लाई

punjabkesari.in Monday, Jun 17, 2019 - 12:03 PM (IST)

लुधियाना(हितेश): एक तरफ  महानगर के ज्यादातर हिस्सों में लोगों द्वारा गंदा पानी आने की शिकायत की जा रही है लेकिन दूसरी तरफ जिन लोगों को यह तसल्ली है कि उन्हें साफ  पानी मिल रहा है, वे भी गलतफहमी का शिकार हो रहे हैं, क्योंकि 680 ट्यूबवैलों के पानी की क्लोरीनेशन नहीं हो रही है और यह कीटाणुयुक्त पानी की सप्लाई जानलेवा साबित हो सकती है।

यहां बताना उचित होगा कि लुधियाना में हर साल गर्मी के मौसम में बड़ी संख्या में लोग गन्दे पानी की वजह से होने वाली बीमारियों की चपेट में आकर मौत के मुंह में चले जाते हैं। इस मामले में नगर निगम के अधिकारियों द्वारा किसी कार्रवाई से बचने के लिए वाटर सप्लाई में क्लोरीनेशन करने का दावा किया जाता है लेकिन असलियत यह है कि पिछले लंबे समय से उक्त भारी संख्या में ट्यूबवैलों का पानी क्लोरीनेशन से वंचित है। यह हालत उस समय है जब लुधियाना के ग्राऊंड वाटर को काफी समय पहले ही पीने के लिए हानिकारक करार दे दिया गया था। ऐसे में क्लोरीनेशन के बिना सप्लाई किया जा रहा पानी इस गर्मी के मौसम में जानलेवा साबित हो सकता है जिसे लेकर नगर निगम के अधिकारियों व नेताओं को कोई चिंता नहीं है।


हाई रिस्क एरिया के 120 ट्यूबवैलों पर हो रही है क्लोरीनेशन
नगर निगम अधिकारियों की मानें तो इस समय सिर्फ हाई रिस्क एरिया के 120 ट्यूबवैलों पर क्लोरीनेशन हो रही है जिसमें ग्यासपुरा, ढंडारी हेबोवाल, सलैम टाबरी के कुछ एरिया में लगे हुए ट्यूबवैल शामिल हैं। यहां पर क्लोरीनेशन के लिए ट्विन ऑक्साइड की तकनीक का इस्तेमाल किया जा रहा है।

 ट्यूबवैलों पर नहीं है क्लोरीनेटर
एक तरफ जहां 680 ट्यूबवैलों के पानी में क्लोरीन न मिलाने का मामला सामने आया है, वहीं इससे भी बड़ा मामला यह है कि 450 ट्यूबवैलों पर क्लोरीनेटर है ही नहीं हैं जिनमें छोटे पम्प भी शामिल हैं जिनका पानी लाइन में आकर बड़े ट्यूबवैल के पानी के साथ मिलने की दलील दी जा रही है जिसके लिए बड़े ट्यूबवैल पर निर्धारित मात्रा से अधिक क्लोरीन मिलाने की कोशिश भी लोगों की सेहत के लिए नुक्सानदायक साबित हो सकती है।


 

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