नगर निगम में खाली खजाने के साथ आज होगी एफ . एंड सी.सी. की पहली मीटिंग

punjabkesari.in Monday, Jun 18, 2018 - 11:15 AM (IST)

लुधियाना(हितेश): नगर निगम के जनरल हाऊस का गठन होने के 3 माह बाद तक अब औपचारिक रूप से वित्त एंड ठेका कमेटी के मैम्बर्स नहीं बनाए गए हैं लेकिन पहले से मनोनीत मैम्बर्स द्वारा सोमवार को पहली मीटिंग बुलाई गई है। इस दौरान विकास कार्यों से संबंधित सैंकड़ों प्रस्ताव मंजूरी के लिए पेश किए जाएंगे लेकिन खाली खजाने के दौर में इस एजैंडे पर अमल करने के लिए पैसा कहां से आएगा, इसे लेकर किसी के पास जवाब नहीं है।जिक्रयोग्य है कि निगम मुलाजिमों को पिछले 2 महीने से सैलरी नहीं मिल रही है।

इसके अलावा ठेकेदारों को विकास कार्यों के बदले में पेमैंट देने या रूटीन खर्चों के लिए पैसा नहीं है, जिसके लिए सरकार से जी.एस.टी. शेयर न मिलने का हवाला दिया जाता है। इस हालात से उबरने के लिए बकाया रैवेन्यू की कलैक्शन पर जोर दिया जा रहा है और डिस्पोजल चार्जिस की चोरी पकडऩे के लिए सबमर्सीबल पम्पों की डोर-टू-डोर चैकिंग कर नोटिस दिए जा रहे हैं, जिसका अभी तक परिणाम सामने नहीं आया है। मेयर ने सोमवार को एफ . एंड सी.सी. की पहली मीटिंग बुलाई है, जिसमें सीनियर डिप्टी मेयर व डिप्टी मेयर के अलावा कमिश्नर द्वारा मैम्बर्स के तौर पर फैसलों पर कोरम पूरा होने का हवाला देते हुए मोहर लगाई जाएगी। इस मीटिंग के लिए सैंकड़ों प्रस्तावों का एजैंडा तैयार किया गया है, जिसमें सड़कों, गलियों, पानी, सीवरेज, पार्कों व स्ट्रीट लाइट आदि के निर्माण से संबंधित प्रस्ताव शामिल किए गए हैं। मगर इन कामों को पूरा करवाने के लिए पैसा कहां से आएगा यह फिलहाल एक पहेली बना हुआ है।

एंटीसिपेशन से संबंधित फाइलों पर लगेगी मोहर
जब से जनरल हाऊस व एफ . एंड सी.सी. की मीटिंग नहीं हुई है उस समय से लेकर अब तक एंटीसिपेशन के तहत फैसले लिए जा रहे हैं। इनमें विकास कार्यों के अलावा वित्तीय व पॉलिसी मैटर से संबंधित फाइलें भी शामिल हैं, जिन पर अब एफ . एंड सी.सी. में मोहर लगाई जाएगी।

पार्षदों को शांत करने की कवायद
निगम के जनरल हाऊस का गठन हुए 3 महीने से ज्यादा का समय बीत चुका है लेकिन फंड की कमी का हवाला देते हुए नए विकास कार्यों के एस्टीमेट नहीं बनाए जा रहे हैं। इसे लेकर विरोधी पार्टियों के कौंसलर द्वारा दबाव बनाया जा रहा है, क्योंकि उनके इलाके में पहले से पास हो चुके विकास कार्य भी शुरू नहीं हो पा रहे हैं। इसके मद्देनजर एस्टीमेट पास करने का फैसला किया गया है, क्योंकि उन पर टैंडर लगाने के बाद वर्कऑर्डर जारी होने से लेकर विकास कार्य शुरू होने में ही कई महीनों का समय लग जाएगा।

Vatika