नगर निगम में ठेकेदारों को अब पिक एंड चूज के तहत हुई पेमैंट

punjabkesari.in Thursday, Sep 20, 2018 - 02:33 PM (IST)

लुधियाना(हितेश): नगर निगम अधिकारियों द्वारा एक ठेकेदार को आऊट ऑफ टर्न जाकर 47 लाख रुपए की पेमैंट करने का विवाद अभी सुलझा ही नहीं था कि अब बाकी ठेकेदारों को पिक एंड चूज के आधार पर पेमैंट मिलने का मुद्दा गर्मा गया है। 

इस मामले में नगर निगम द्वारा काफी देर से खजाना खाली होने का हवाला देते हुए ठेकेदारों को करीब 200 करोड़ रुपए के पैंडिंग बिलों की पेमैंट नहीं की जा रही है, जिसके विरोध में अधिकतर ठेकेदारों ने भी नए-पुराने विकास कार्य ठप्प किए हुए हैं।इसी बीच कुछ अधिकारियों ने आऊट ऑफ टर्न जाकर एक ठेकेदार को 47 लाख रुपए की पेमैंट कर दी, जिसे लेकर बाकी ठेकेदारों ने विरोध किया तो यह बात सामने आई कि डी.सी.एफ.ए. ने रिटायर्ड होने के & दिन बाद बैक डेट में चैक पर साइन किए हैं। 

हालांकि डी.सी.एफ.ए. ने एडिशनल कमिश्नर के आदेशों का हवाला दिया है लेकिन जनरल हाऊस में मुद्दा उठने पर कार्रवाई करने बारे किए ऐलान के तहत कमिश्नर ने अकाऊंटैंट की छुट्टी रद्द करके जोन-डी ऑफिस की रिशैप्शन पर बिठा दिया है।यह विवाद अभी सुलग ही रहा है कि नगर निगम द्वारा ठेकेदारों 5 करोड़ रुपए की पेमैंट जारी करने के तरीके को लेकर सवाल खड़े हो गए हैं। इसके तहत कई ठेकेदारों को बिल्कुल ही पेमैंट नहीं मिली है और जिनको मिली है वे भी संतुष्ट नजर नहीं आ रहे हैं।   

ये हैं विवाद
-पहले बिलों के पैंडिंग रहने या बकाया पेमैंट के आंकड़ों का अनुपात बनाकर होती थी पेमैंट।
-अब उन ठेकेदारों को भी पेमैंट हो गई जिनके बिल हाल ही में बने थे या काफी कम पेमैंट पैंडिंग रहती थी।
- करोड़ों की पैंडिंग पेमैंट होने के बावजूद दिए जा रहे हैं 5 से 10 लाख।

पेमैंट देने के लिए अपनाया गया यह पैटर्न
सूत्रों के मुताबिक ठेकेदारों को पेमैंट देने के लिए विधायकों व कौंसलरों की सिफारिशों को आधार बनाया गया है, जिसमें उन ठेकेदारों को ही पेमैंट दी गई है जिनका किसी एरिया में काम चल रहा है या उसे पेमैंट मिलने पर नए विकास कार्य शुरू करने के लिए राजी किया गया है।

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