टैरिफ में अंतर से नगर निगम के रैवेन्यू पर लगी ब्रेक

punjabkesari.in Wednesday, Dec 05, 2018 - 08:44 AM (IST)

लुधियाना(हितेश): अवैध कालोनियों को रैगुलर करने संबंधी पॉलिसी के दम पर नगर निगम द्वारा करोड़ों रुपए का रैवेन्यू जुटाने का सपना देखा जा रहा है और पॉलिसी के तहत रखी फीस के टैरिफ  में काफी अंतर होने की वजह से नगर निगम को पहले मिल रहे रैवेन्यू पर भी ब्रेक लग गई है। यहां बताना उचित होगा कि अवैध कालोनियों को रैगुलर करने संबंधी पॉलिसी में प्लाट व कालोनी के लिए अलग-अलग फीस जमा करने का प्रावधान रखा गया है।

मगर इस पॉलिसी के तहत फिक्स की फीस का पैटर्न नगर निगम द्वारा पहले प्लाट रैगुलर करने के लिए ली जा रही फीस से काफी ज्यादा है। अब जो लोग नगर निगम के पास प्लाट या बिल्डिंग का नक्शा पास करवाने के लिए जा रहे हैं उन पर नई पॉलिसी के मुताबिक फीस जमा करवाने की शर्त लगाई जा रही है। इसके चलते लोगों ने बिल्डिंग बनाने के लिए नक्शा पास करवाने या बनी बिल्डिंग की कम्पाऊंडिंग करवाने से हाथ पीछे खींच लिए हैं। यहां तक कि नक्शे जमा होने के आंकड़े में काफी गिरावट दर्ज की गई है।

पब्लिक स्ट्रीट की जा चुकी है डिक्लेयर
नगर निगम द्वारा जिन प्लाट या बिल्डिंग को रैगुलर करने के लिए नई पॉलिसी के मुताबिक ही फीस लेने की शर्त लगाकर नक्शे पास करने व कम्पाऊंडिंग से इंकार किया जा रहा है उनमें से कई कालोनियों में नगर निगम द्वारा खुद पब्लिक स्ट्रीट डिक्लेयर की जा चुकी है। जानकारों का कहना है कि इस एरिया में सिर्फ  नगर निगम द्वारा फिक्स किए गए डिवैल्पमैंट चार्ज ही लिए जाने चाहिए।

इस तरह आ रहा रेटों में अंतर
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नई पॉलिसी के मुताबिक रिहायशी प्लाट को रैगुलर करने की फीस 391 रुपए गज।
*इंडस्ट्रीयल कैटागरी पर लगेगी आधी फीस।
*निगम द्वारा पहले फिक्स की गई थी फीस।
*रिहायशी प्लाट के लिए 174 रुपए गज।
*इंडस्ट्रीयल प्लाट के लिए 120 रुपए गज।

यह दी जा रही है दलील
नगर निगम द्वारा यह दलील दी जा रही है कि जिन कालोनियों में प्लाट या बिल्डिंग स्थित है उन कालोनियों को अवैध की लिस्ट में शामिल किया गया है। ऐसे में इन कालोनियों में स्थित प्लाट या बिल्डिंग को रैगुलर करने के लिए नई पॉलिसी के मुताबिक ही फीस लगाई जा सकती।

लोन लेने में आ रही है दिक्कत

रिहायशी या इंडस्ट्रीज के लिए बिजली कनैक्शन देने से पहले नगर निगम से एन.ओ.सी. लेने की शर्त पावरकॉम ने भले ही हटा ली है लेकिन बैंक लोन लेने के लिए नगर निगम से नक्शा पास या कम्पाऊंडिंग होने बारे सर्टीफिकेट साथ लगाना जरूरी है। अब फीस के विवाद में नक्शा पास करवाने या कम्पाऊंङ्क्षडग के आवेदन अधर में लटके होने की वजह से लोगों को लोन लेने में दिक्कत आ रही है।

क्या कहना है मेयर का
नगर निगम द्वारा अपने रैवेन्यू के साथ लोगों की सुविधा का भी ध्यान रखा जाएगा। इसके तहत अवैध कालोनियों को रैगुलर करने संबंधी पॉलिसी की फीस का नगर निगम द्वारा फिक्स किए पैटर्न से ज्यादा होने बारे बिल्डिंग ब्रांच अधिकारियों से रिपोर्ट मांगी जाएगी। इसके आधार पर फैसला किया जाएगा कि कौन से पैटर्न के हिसाब से फीस की वसूली की जाएगी। अगर जरूरत पड़ी तो इस बारे सरकार की मंजूरी ली जा सकती है।-मेयर बलकार संधू।

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