इश्क में अंधे आशिक की हैवानियत, अपने ही दोस्त को किया आग के हवाले

punjabkesari.in Thursday, Jan 03, 2019 - 11:17 AM (IST)

लुधियाना(ऋषि): सिटी सैंटर के पास से 70 प्रतिशत झुलसे मिले दिनेश सेठी के मामले को आई.पी.एस. लांबा की टीम ने 24 घंटे में सुलझा लिया है। आग लगाने वाला घायल का पड़ोसी इंजीनियर अरुण कुमार (24) निकला, जो न्यू ईयर मनाने के बहाने दोस्त एम.आर. को अपने साथ ले गया और उस पर पैट्रोल डालकर आग लगा दी। उपरोक्त जानकारी ए.डी.सी.पी.-2 सुरेंद्र लांबा, ए.सी.पी. रमनदीप सिंह भुल्लर ने बुधवार को पत्रकार सम्मेलन दौरान दी। 
 

दोस्त की पत्नी से थे अवैध संबंध
उन्होंने बताया कि जांच शुरू करने पर पहले तो दिनेश कुछ भी बताने में असमर्थ था, लेकिन उसने बाद में अपने पड़ोसी अरुण कुमार का नाम लिया, जिसके आधार पर पुलिस ने जांच आगे बढ़ाई तो मामला सुलझ गया। अरुण इंजीनियरिंग का स्टूडैंट है और इन दिनों 3-डी डिजाइनर का काम करता है और गली नं.-1 संत विहार, हैबोवाल में 2 वर्ष पहले अपने परिवार सहित रहने आया था, जहां उसके पड़ोस में रहने वाले एम.आर. की पत्नी से अवैध संबंध बन गए, जो एक 8 वर्षीय बेटे की मां है। दिनेश कई बार घरेलू क्लेश होने के चलते अपनी पत्नी से मारपीट करता था, जिस कारण वह अरुण को रोते हुए सब कुछ बताती थी। इसी कारण अरुण ने गत 27 दिसम्बर को अपने पड़ोसी का काम तमाम करने का मन बना लिया ताकि वह अपनी प्रेमिका के साथ पूरी उम्र रह सके। गत 31 दिसम्बर को वह एम.आर. को न्यू ईयर मनाने के बहाने अपने साथ ले गया और शराब के नशे में बेसुध कर आग लगा हत्या का प्रयास किया। फिलहाल उक्त मामले में थाना दुगरी की पुलिस ने घायल की मां के बयान पर आरोपी पर हत्या प्रयास का केस दर्ज किया है। 
व्हाट्स एप पर की कॉल, कैमरे में भी हुआ कैद
पुलिस के अनुसार आरोपी इस कदर शातिर है कि उसने एम.आर. को अपने साथ ले जाने के लिए मोबाइल पर कॉल नहीं की ताकि हत्या के बाद डिटेल निकलवाने पर उसका नंबर सामने न आ जाए, वह व्हाट्सएप के माध्यम से ही उससे बात कर रहा था, लेकिन पुलिस को जांच दौरान कई जगह की फुटेज हाथ लगी है, जिसमें आरोपी अरु ण एम.आर. को अपने साथ एक्टिवा पर बैठाकर ले जा रहा है।


संगू चौक के पास पिलाई शराब, एक्टिवा पर बैठा कर ले गया आरोपी
पूछताछ दौरान आरोपी ने बताया कि गत 31 दिसम्बर शाम लगभग 7 बजे वह एम.आर. को घर के बाहर से अपनी एक्टिवा पर ही बैठाकर ले गया और उसे घर में किसी को कुछ न बताने की बात कही। पहले दोनों संगू चौक के पास गए, जहां अरुण ने अपने एक दोस्त का ऑफिस खुलवाया और वहां दोनों ने खूब शराब पी, शराब की बोतल सुबह ही एम.आर. के घर से अरुण ले गया था, फिर उन्होंने पास में स्थित एक चिकन कार्नर से आर्डर कर खाना मंगवाया। रात लगभग 11.30 बजे अरुण एम.आर. को एक्टिवा पर बैठाकर पक्खोवाल रोड की तरफ घुमाने के बहाने ले गया और सिटी सैंटर के पास जाकर पहले सुनसान जगह पर अपनी एक्टिवा खड़ी की और बेसुध एम.आर. की हत्या का प्रयास किया।

पहले पैरों, फिर हाथों पर डाला पैट्रोल, 15 फुट नीचे फैंका 
ए.एस.आई. सुनील कुमार के अनुसार आरोपी ने बताया कि वह दोनों मिट्टी पर जाकर बैठ गए, जहां एम.आर. नशे की हालत में लेट गया तभी वह एक्टिवा से पैट्रोल की बोतल निकाल कर लाया। पहले उसने एम.आर. के पैरों पर, फिर हाथों पर पैट्रोल डाला ताकि उसे शक न हो, जब एम.आर. को कुछ पता न चला तो उसने आग लगा दी और बोतल में पड़ा सारा तेल उसके सिर पर डाल दिया, जब वह पूरी तरह झुलसने लगा तो 15 फुट नीचे गड्ढे की ओर फैंक कर फरार हो गया।

रात 3 बजे आया घर, सुबह पिता के साथ पुलिस स्टेशन भी गया
वारदात करने के बाद आरोपी रात 3 बजे अपने घर आया और सुबह उसके पिता के साथ पुलिस स्टेशन भी गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज करवाने गया। इतना ही नहीं शाम 5 बजे तक डी.एम.सी. अस्पताल में भी घायल के पास रहा, लेकिन उसे इस बात की उम्मीद नहीं थी कि एम.आर. बच जाएगा। पूछताछ दौरान आरोपी हर बार अपने बयान बदलता रहा, जहां पुलिस ने मोबाइल की लोकेशन निकलवाई तो सच सामने आ गया।

माडल टाऊन से लिया बोतल में पैट्रोल, चैक किए पुलिस के सभी नाके
इंस्पैक्टर गुरबचन सिंह के अनुसार आरोपी ने पहले माडल टाऊन इलाके से स्थित एक पैट्रोल पंप से सुबह 130 रुपए का बोतल में पैट्रोल डलवा कर अपनी एक्टिवा की डिग्गी में रख दिया, जिसके बाद उसने पूरा दिन सिटी सैंटर के आस-पास के इलाके की रेकी की ताकि एम.आर. को ले जाते समय पुलिस नाकों पर उसे रोक न सके क्योंकि उसे पता था कि नव वर्ष के चलते रात को पूरे शहर में पुलिस नाकाबंदी पर तैनात होगी। संगू चौक से सिटी सैंटर जाते समय जिस जगह पर भी पुलिस का नाका था, वहां से बचने के लिए वह मोहल्लों से निकलता रहा, हीरो बेकरी चौक के पास पुलिस खड़ी देख कुछ समय के लिए अपनी एक्टिवा भी सड़क किनारे खड़ी कर ली।

पी.सी.आर. दस्ता आग लगी देख पहुंचा, अंधेरे में नहीं लगा कुछ पता
पुलिस के अनुसार रात को गश्त कर रही पी.सी.आर. पार्टी भी घटनास्थल के पास से गुजरी तो आग लगी देख फोर्स वहां गई लेकिन 15 फुट नीचे झुलसे व्यक्ति के गिरे होने के चलते कई बार आवाज लगाने पर भी अंधेरे में पुलिस को कुछ पता न चल सका। दूसरी तरफ नशे में धुत्त होने के चलते एम.आर. भी मदद के लिए पुकार नहीं पा रहा था।

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