पावर ऑफ अटार्नी की रजिस्ट्रेशन बंद करने को लेकर भड़की आम जनता, जमकर किया हंगामा

punjabkesari.in Thursday, May 12, 2022 - 04:06 PM (IST)

लुधियाना (पंकज):  बिना एन.ओ.सी. संबंधी रजिस्ट्रियों पर लगी रोक से परेशान लोगों का गुस्सा उस समय फुट पड़ा जब हंबड़ा रोड स्थित सब रजिस्ट्रार (वैस्ट) में तैनात स्टाफ ने नया फरमान जारी करते हुए पावर ऑफ अटॉर्नी को भी रजिस्टर्ड करने से मना कर दिया, जिसका पता लगने पर भारी गिनती में लोग दफ्तर में जमा हो गए और धरना-प्रदर्शन कर जमकर नारेबाजी की।

वीरवार की सुबह अचानक सब-रजिस्ट्रार और उनकी स्टाफ ने पावर ऑफ अटॉर्नी रजिस्टर्ड होने के लिए आए दस्तावेज यह कहते हुए लेने बंद कर दिए की अटॉर्नी रजिस्टर्ड करने पर रोक लगा दी गई है। इतना सुनना था कि जनता भड़क उठी और सरकार और अफसरशाही खिलाफ नारेबाजी करनी शुरू कर दी। दफ्तर में ही धरने पर बैठे प्रदर्शनकारियों की अगुवाई करने वाले वकील भाईचारे ने कहा कि पहले ही पंजाब में प्रापर्टी कारोबार बर्बाद हो चुका है, जब से उच्च अदालत ने बिना एन.ओ.सी. की रजिस्ट्रियों पर रोक लगाई है तब से हजारों लोगों की तरफ से अपनी खून पसीने की कमाई से खरीदे प्लॉट्स की रजिस्ट्रियां अधर में अटकी हुई है जिसकी वजह से लोगों के करोड़ों रुपए दांव पर लगे हुए हैं।

हंगामा मचने के बाद प्रदर्शनकारियों के पास पहुंचे तहसीलदार ने उन्हें काफी देर समझाने का प्रयास किया, लेकिन लोग नहीं माने और धरने पर बैठे रहे। उन्होंने तहसीलदार से सरकार की तरफ से पावर ऑफ अटॉर्नी बंद करने संबंधी जारी किए आदेश की कॉपी दिखने के लिए कहा। इस पर जैसे ही तहसीलदार ने यह कहा कि यह फैसला सरकार का नहीं, उनकी यूनियन की तरफ से लिया गया है तो लोगों के सब्र का बांध टूट गया और उन्होंने भी नारेबाजी करनी शुरू कर दी। प्रदर्शनकारियों ने कहा कि सरकार का फिर क्या काम है। उनका आरोप था कि सब-रजिस्ट्रार दफ्तरों में भ्रष्टाचार चरम पर है, रिश्वत देकर ही काम करवाया जाता है। उनका आरोप था कि अटॉर्नी बंद करने का अधिकार सरकार के पास है जिसने ऐसा किया ही नहीं फिर तहसीलदार या उनकी यूनियन ऐसा फैसला कैसे ले सकती है।

 

 

 

 


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Vatika

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