गांव मुठड़ा कलां में विक्रम चौधरी के दाखिल होते ही गांववासियों ने काले झंडे दिखा जताया विरोध

punjabkesari.in Monday, May 20, 2019 - 09:17 AM (IST)

फिल्लौर(भाखड़ी): छिटपुट घटनाओं को लेकर सब-डिवीजन फिल्लौर में चुनावी प्रक्रिया लगभग शांतिपूर्वक रही। गांव  मुठड़ा कलां में सांसद के बेटे विक्रम चौधरी के गांव में पहुंचते ही माहौल तनावपूर्ण हो गया। गांव वासियों ने काले झंडे दिखा विरोध करना शुरू कर दिया, जिसका आधे घंटे तक चुनावी प्रक्रिया पर भी असर पड़ा। 

दोपहर 12 बजे के करीब नजदीकी गांव मुठड़ा कलां में उस वक्त माहौल तनावपूर्ण हो गया जब एक बूथ के अंदर दूसरे बूथ का कांग्रेसी वर्कर आकर बैठ गया, तो गांव वासियों के साथ सरपंच कांति मोहन ने प्रोजाइडिंग अधिकारी के आगे आपत्ति जताई की उक्त कांग्रेसी वर्कर को उसी बूथ पर भेजा जाए जहां उसकी ड्यूटी लगाई गई है। जैसे ही अधिकारी ने उसे बाहर जाने के आदेश दिए तो उसने फोन कर सांसद चौधरी के सुपुत्र विक्रम चौधरी को वहां बुला लिया। जब गांव के अंदर विक्रम चौधरी की गाडिय़ां दाखिल हुईं तो सरपंच व उसके साथियों ने काली झंडियां दिखा नारेबाजी करनी शुरू कर दी। गाड़ी से उतर विक्रम चौधरी जैसे ही बूथ के अंदर दाखिल हुए तो अपने समर्थक का आई.डी. कार्ड वापस दिलवाने को लेकर उनकी अधिकारियों से तकरार हुई।

एक महिला अधिकारी ने चौधरी के आगे आपत्ति जताई की वह पोङ्क्षलग बूथ के अंदर वीडियोग्राफी नहीं कर सकते। विक्रम ने कहा कि वह वीडियो फिल्म खुद नहीं बनवा रहे। घटना की सूचना मिलते ही प्रशासनिक अधिकारी पुलिस फोर्स के साथ वहां पहुंच गए।सरपंच कांति मोहन ने कहा कि उन्होंने पहले से ही गांव में लिख कर लगाया था कि वह कांग्रेस प्रत्याशी सांसद चौधरी संतोख सिंह का गांव में दाखिल होने पर काले झंडे दिखा कर विरोध करेंगे, अगर उन्होंने गांव में आना है तो पहले उनके सवालों के जवाब देने पड़ेंगे कि उन्होंने अपने 5 वर्ष के कार्यकाल में गांव में कौन से विकास कार्य करवाए हैं और अब जब प्रदेश में कांग्रेस पार्टी की सरकार है तो आगे कौन से विकास कार्य करवाएंगे। विक्रम चौधरी ने वहां पहुंच सरकारी अधिकारियों पर उसका पहचान पत्र वापस करने के लिए दबाव डालना शुरू कर दिया, जिस कारण माहौल तनावपूर्ण हो गया। जैसे ही विक्रम चौधरी बूथ से बाहर निकले तो गांव वासी काले झंडे लेकर मुर्दाबाद के नारे लगाते हुए उनकी गाड़ी के आगे आ गए। पुलिस ने मौके की निजाकत को देख गांव वासियों को शांत करते हुए विक्रम चौधरी को वहां से निकाला।

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