पंजाब के इतिहास को बंद करने वाले जिम्मेदार व्यक्तियों विरुद्ध की जाए कार्रवाई : राणा

punjabkesari.in Wednesday, May 02, 2018 - 12:53 PM (IST)

खन्ना (कमल): पंजाब के सरकारी स्कूलों में जब से 10वीं व +2 शिक्षा प्रणाली शुरू हुई है, उस समय से सीनियर सैकेंडरी स्कूलों की 12वीं कक्षा में हिस्ट्री विषय के सिलेबस में ‘पंजाब का इतिहास’ की किताब पढ़ाई जा रही थी।

इसमें पहले 3 अध्याय में पंजाब की भौगोलिक विशेषताएंं और इनका इतिहास और प्रभाव, पंजाब के इतिहास के स्रोत, 16वीं सदी के शुरू में पंजाब के राजनीतिक, सामाजिक, आर्थिक हालात के अलावा चौथे अध्याय से लेकर 9वें अध्याय तक 10 गुरुओं के जीवन, 5वें और 9वें गुरु की शहादत का वर्णन, गुरु ग्रंथ साहिब की सृजना, 10वें अध्याय से 22वें अध्याय तक बन्दा सिंह बहादुर, सिक्खों और मुगलों के संबंध, दल खालसा, मिसलों, महाराजा रणजीत सिंह का जीवन व 23वां अध्याय नक्शों का था।

इस किताब को पढ़कर जहां विद्यार्थियों को नैतिक व धार्मिक शिक्षा मिलती थी, साथ ही वे हमारे अमीर विरसे के साथ जुड़ते थे। परन्तु पंजाब के शिक्षा विभाग ने आई सिलेबस संबंधित रूपरेखा का बहाना बना कर पंजाब के इतिहास को बंद करके इतिहास की किताब जारी कर दी है, जिसका सिलेबस नैट के द्वारा स्कूलों को भेज दिया है। इतिहास विषय के सेवा मुक्त लैक्चरर सुखदेव सिंह राणा स्टेट के नैशनल अवार्डी ने शिक्षा अधिकारियों और शिक्षा माहिरों को इस विषय पर चर्चा करने का खुला न्यौता दिया है, जिससे उनकी तरफ से जो गुमराहपूर्ण प्रचार किया जा रहा है, उसे रोका जा सके। राणा ने पंजाब सरकार से मांग की है कि इसकी उच्च स्तरीय जांच करवाई जाए और पंजाब के इतिहास को बंद करने वाले जिम्मेदार व्यक्तियों विरुद्ध कार्रवाई की जाए और पंजाब का इतिहास नामी किताब सिलेबस में शामिल की जाए। 

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