प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड सख्त : प्लास्टिक की बजाय कम्पोस्ट बैग यूज करने का फरमान

punjabkesari.in Wednesday, May 02, 2018 - 02:09 PM (IST)

लुधियाना(बहल) : पंजाब सरकार द्वारा वर्ष 2016 में पर्यावरण में तेजी से बढ़ रहे प्रदूषण की रोकथाम के मद्देनजर प्लास्टिक बैग के इस्तेमाल पर पूर्ण पाबंदी लगा दी गई थी, लेकिन प्लास्टिक बैग का विकल्प न मिलने के कारण पंजाब प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड इस मुद्दे पर नरम रुख बरतता जा रहा था। अब पंजाब में प्लास्टिक बैक के विकल्प में कम्पोस्ट बैग की उपलब्धता बढऩे से पी.पी.सी.बी. ने प्लास्टिक बैग के इस्तेमाल को खत्म करने के इरादे से सख्ती शुरू कर दी है। 

इसी संदर्भ में आज विभाग के आर.ओ.-2 लुधियाना के एक्स.ई.एन. मनोहर लाल चौहान की अध्यक्षता में संदीप कौर एस.डी.ओ., रवदीप सिंह एस.डी.ओ. और मलकीत सिंह एवं मङ्क्षनद्रजीत सिंह जे.ई. पर आधारित टीम ने विभिन्न अस्पतालों, मैडीकल स्टोर, ढाबों, करियाना की दुकानों और स्वीट शॉप्स पर सरप्राइज विजिट करके उन्हें प्लास्टिक बैग का इस्तेमाल न करने की चेतावनी दी। रीजनल ऑफिस-2 के एक्स.ई.एन. मनोहर लाल ने बताया कि पॉल्यूशन विभाग की टीम ने रामजी स्वीट शॉप, पाहवा अस्पताल ड्रग स्टोर, अपोलो अस्पताल, गोइंदवाल मैडीकल स्टोर, दयाल स्वीट्स, ज्ञानी स्वीट्स, मॉडर्न करियाना स्टोर, अजय करियाना, अन्नपूर्णा ढाबा, महेश ट्रेडर्स, बांसल ट्रेडर, पतंजलि स्टोर, पंडित स्वीट्स, सुंदर फ्रूट आदि करीब 2 दर्जन स्थानों पर दौरा करके उन्हें कम्पोस्ट बैग का इस्तेमाल करने संबंधी जागरूक किया। 

इस अवसर पर विभाग की टीम ने अस्पतालों, ड्रग स्टोर, ढाबों और दुकानदारों को 50 किलोग्राम कम्पोस्ट बैग खरीदने के लिए बाध्य किया। एक्स.ई.एन. मनोहर लाल ने कहा कि प्लास्टिक बैग 100 वर्ष तक पानी में रहने के बावजूद गलते नहीं हैं और इसमें इस्तेमाल होने वाले हानिकारक कैमिकल लोगों के स्वास्थ्य पर बेहद बुरा प्रभाव डालते हैं। मनोहर लाल ने विभाग की ओर से चेतावनी देते हुए कहा कि लोगों को जागरूक करने के बावजूद भविष्य में प्लास्टिक बैक का इस्तेमाल करने वालों पर कानूनी कार्रवाई भी की जाएगी। इस संबंध में दयाल स्वीट्स के मालिक गुरप्रीत सिंह ने बताया कि विभाग द्वारा कम्पोस्ट बैग खरीदने की हिदायत तो जारी की गई है लेकिन इन लिफाफों के मात्र 2 साइज उपलब्ध होने के अलावा इनकी कीमत सामान्य से 3 गुना अधिक है। उन्होंने कहा कि वह विभाग के आदेशों का पालन करेंगे, लेकिन इसके साथ ही प्लास्टिक बैग का पूर्ण विकल्प न मिलने तक इसका इस्तेमाल मजबूरी में करना पड़ सकता है। 

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