लुधियाना में 12 करोड़ के सोने की लूट का मामलाः सियाज कार न तो कभी चोरी हुई, न ही लूटी गई

punjabkesari.in Wednesday, Feb 19, 2020 - 11:33 AM (IST)

लुधियाना (ऋषि, बेरी): गिल रोड पर सी.आई.ए.-3 के बिल्कुल सामने गोल्ड लोन देने वाली कंपनी आई.आई.एफ.एल. (इंडिया इंफोलाइन फाइनांस लि.) की ब्रांच में सोमवार सुबह गन प्वाइंट पर स्टाफ को बंधक बनाकर 25 मिनट में 12 करोड़ का 30 किलो सोना और 3.5 लाख कैश लूटकर ले जाने के मामले में 24 घंटे गुजर जाने पर भी पुलिस के हाथ कोई अहम सुराग नहीं लग पाए हैं। सोमवार देर रात ए.डी.जी.पी. लॉ एंड आर्डर ईश्वर सिंह भी घटनास्थल पर पहुंचे, उनसे पहले ए.डी.जी.पी. आर.एन. ढोके दौरा कर गए हैं। वहीं पंजाब केसरी की तरफ से केस की अपने स्तर पर इंवैस्टीगेशन की गई है।

पुलिस की अब तक की जांच में सामने आया है कि पंजाब में सफेद रंग की सियाज कार न तो कभी चोरी हुई है और नहीं कभी लूटी गई है। उक्त मॉडल की कार कंपनी की द्वारा वर्ष 2014 में लांच की गई थी और 2019 तक बेची गई है। इस दौरान पंजाब में लगभग 6 हजार सफेद रंग की कारें बिकी हैं। पुलिस द्वारा कंपनी से संपर्क साधा गया है। उम्मीद है कि 24 घंटे के भीतर पुलिस को पूरी डिटेल मिल जाएगी जिसके बाद लिस्ट के माध्यम से पुलिस एक एक कार के मालिक से पूछताछ करेगी।  वहीं वारदात में प्रयोग कार को जब कंपनी के अधिकारियों को दिखाया गया तो पता चला कि उक्त कार 2014 मॉडल की लग रही है जिसके चलते पुलिस की एक  टीम पहले साल 2014 में सियाज कार खरीदने वालों की अलग  लिस्ट तैयार कर रही है। डी.जी.पी. पंजाब द्वारा सभी जिलों के कप्तानों को डिटेल मिलने के बाद कार मालिकों की वैरीफिकेशन करने के आदेश दिए गए हैं। 

गुजरात में हुई लूट की मंगवाई फुटेज
लुधियाना पुलिस की तरफ से इसी कंपनी की गुजरात ब्रांच में लूट करने वाले बदमाशों की फुटेज मंगवाई गई है। पुलिस इस एंगल से भी जांच कर रही है कि दोनों वारदातों में लुटेरा गिरोह एक तो नहीं है।

एक भी टोल प्लाजा नहीं किया क्रॉस, लगाईं परफैक्ट नंबर प्लेटें
बदमाशों द्वारा अब तक एक भी टोल प्लाजा क्रॉस नहीं किया गया जो इस बात की तरफ इशारा करता हैं कि लुटेरे वारदात स्थल से लेकर सेफ जगह तक पहुंचने की भौगोलिक स्थित से अवगत थे और उनकी तरफ से पहले रैकी कर पूरा प्लान तैयार किया गया। कार पर जो जाली नंबर प्लेट लगी है, वह भी बिल्कुल परफैक्ट है ताकि किसी को शक न हो। कार पर लगी सारी असैसरी भी कंपनी की है। 

जेलों से बाहर आए गैंगस्टरों पर भी नजर
विगत 2 से 3 वर्षों के अंदर जेल से जमानत पर आए गैंगस्टरों व लुटेरों की पुलिस द्वारा अलग लिस्ट तैयार करवाई गई है जिसके लिए अलग टीम बनाई गई है। उक्त टीम इन सभी पर नजर रखे हुए है।

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