बच्चे को चाकू की नोक पर लेकर हुई थी लूट, 2 माह बाद पुलिस ने दर्ज की चोरी की FIR

punjabkesari.in Monday, Nov 18, 2019 - 10:50 AM (IST)

लुधियाना(राज): थाना डाबा की पुलिस का एक नया कारनामा सामने आया है। डाबा में 3 महीने के बच्चे को चाकू की नोक पर लेकर एक लुटेरा घर से गहने लूट ले गया व पुलिस ने इलाके में हुई लूट के मामले को 2 महीने तक दबाने का प्रयास किया। जब शिकायतकत्र्ता 2 महीने लगातार थाने के चक्कर काटकर थक गया तो वह मदद के लिए विधायक के पास गया। जब सिफारिश हुई, तब जाकर उसकी सुनवाई हुई लेकिन बावजूद इसके पुलिस ने पर्चा दर्ज करने में भी गोलमाल कर दिया।

लूट की वारदात को पुलिस ने चोरी में तबदील कर दिया। जहां लूट की धाराएं लगानी थी, वहां चोरी की धाराएं जोड़ कर खानापूर्ति कर दी। शहीद अजीत सिंह कालोनी के रहने वाला अरुण कुमार ने बताया कि वह साहनेवाल स्थित एयरपोर्ट में इलैक्ट्रीशियन का काम करता है। वारदात वाले दिन (17 सितम्बर को) वह और उसका भाई काम पर थे। घर में उसकी मां, पत्नी और भाभी के अलावा उसका 3 महीने का बच्चा भी था। अरुण का कहना है कि सुबह करीब 11 बजे एक युवक ने उनके घर का गेट खटखटाया तो उसकी भाभी ने गेट खोल दिया। एक युवक जिसने मुंह पर रूमाल बांधा हुआ था और चश्मा लगाया था, वह भाभी को धक्का देकर अंदर आ गया, आते ही मेन गेट अंदर से लॉक किया और चाकू लेकर पहले भाभी की गर्दन पर रखा, फिर उसने उसकी पत्नी, मां और भाभी को एक जगह इकट्ठा कर लिया था। इसके बाद लुटेरे ने उसके 3 महीने के बच्चे को चाकू की नोक पर लेकर उसे मारने को धमकाया और गहने एवं कैश देने के लिए कहा। लुटेरे ने यह भी कहा कि बाहर उसके 2 साथी और खड़े हैं। अगर कोई चिल्लाया तो वे भी अंदर आ जाएगें। इसके बाद उसकी मां, पत्नी और भाभी ने अपने गहने उतारकर लुटेरे को दे दिए जोकि करीब 8 से 10 तोले के थे। इसके बाद युवक उन्हे धमकाता हुआ मेन गेट खोल कर भाग गया। 

वारदात के तुरंत बाद पुलिस कंट्रोल रूम पर दी थी सूचना 
अरुण का कहना है कि जब उसे वारदात का पता चला तो उसने तुरंत पुलिस को सूचना दी। उसके घर पहले पी.सी.आर. दस्ता, फिर थाना डाबा की पुलिस पहुंची। पुलिस ने सभी के बयान लिए और घर की वीडियो बनाई। इसके बाद पुलिस ने छानबीन की और आरोपी की एक सी.सी.टी.वी. फुटेज भी मिली जिसमें आरोपी पैदल जाता हुआ नजर आ रहा था।
 

पुलिस बोली-एफ.आई.आर. दर्ज करवाने की कोई जरूरत नहीं 
अरुण का कहना है कि वह कार्रवाई करवाने के लिए लगातार थाने के चक्कर लगाता रहा, मगर उसकी सुनवाई नहीं हुई। पुलिस उसे बार-बार कह रही थी कि एफ.आई.आर. दर्ज करवाने की जरूरत नहीं है। पुलिस मुलाजिम कह रहा था अगर आरोपी पकड़ा गया तो एफ.आई.आर. दर्ज करेंगे। फिर जब उसकी सुनवाई नहीं हुई तो उसने विधायक बैंक से इसकी बात की, तब जाकर उसकी सुनवाई हुई। 

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