निजी स्कूलों की कमाई पर शिकंजा

punjabkesari.in Monday, Mar 19, 2018 - 02:05 PM (IST)

लुधियानाः पंजाब स्कूल शिक्षा बोर्ड ने निजी स्कूलों की मोटी कमाई पर शिकंजा कसना शुरू कर दिया है। पंजाब स्कूल शिक्षा बोर्ड के नियमों के मुताबिक सभी निजी स्कूल संचालकों को बोर्ड की किताबें पढ़ानी जरूरी हैं। स्कूल बोर्ड की किताबें पढ़ा रहे हैं इसके सबूत के तौर पर बोर्ड स्कूलों से किताबों के बिल मांगता है। इसके बावजूद स्कूल संचालक निजी प्रकाशकों की किताबें पढ़ाते रहे। जिसकी वजह से बोर्ड की किताबें डंप होती रहीं।  बोर्ड ने बाद में स्कूल संचालकों को आदेश दिए कि उन्हें 60 फीसदी किताबें बोर्ड से खरीदनी होंगी और बिल बोर्ड मुख्यालय में देने होंगे। लेकिन बोर्ड अफसरों की लापरवाही का फायदा उठाते हुए स्कूल फिर भी निजी प्रकाशकों की किताबें पढ़ाते रहे। 

 

नए चेयरमैने ने दिखाई सख्ती 
बोर्ड के नए चेयरमैन मनोहर कांत ने हिदायतें जारी कर दी हैं कि स्कूलों को 60 फीसदी के बजाय 90 फीसदी किताबें खरीदकर बिल बोर्ड में जमा करवाने होंगे। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया है कि जो स्कूल संचालक बोर्ड की किताबों के बजाय निजी प्रकाशकों की किताबें पढ़ाएंगे उनकी मान्यता रद की जाएगी। 

 

ऐसे होता है खेल
पंजाब स्कूल शिक्षा बोर्ड निजी स्कूल संचालकों की किताबों पर 15 फीसदी कमीशन देता था जबकि इस बार बोर्ड ने इसे घटाकर 10 फीसदी कर दिया। वहीं निजी प्रकाशक किताबों पर मनमाने रेट प्रिंट करके स्कूल संचालकों को मोटी कमीशन देते हैं। यही नहीं कुछ प्रकाशक तो विद्यार्थियों की संख्या ज्यादा होने पर कमीशन का रेट भी बढ़ा देते हैं। 

 

ऑनलाइन डिमांड ले चुका है बोर्ड
पंजाब स्कूल शिक्षा बोर्ड ने इस बार स्कूल संचालकों से विद्यार्थियों की संख्या के हिसाब से पहले ही ऑनलाइन डिमांड ले ली है। ऐसे में स्कूल संचालक अब किताबें लेने से मुकर नहीं पाएंगे। शिक्षा बोर्ड ने सभी स्कूलों को जारी कर दिए आदेश। बोर्ड की सैक्रेटरी हरगुनजीत कौर के आदेश पर बोर्ड की एफिलिएशन ब्रांच ने सभी निजी स्कूल संचालकों को यह आदेश जारी कर दिए हैं कि अप्रैल से शुरू हो रहे नए शिक्षा सत्र में सभी स्कूलों को 90 फीसद किताबें बोर्ड के बुक डिपो से खरीदनी हैं और उसका सबूत बोर्ड मुख्यालय को जमा करवाना है।  
 

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