स्मार्ट सिटी के बोर्ड ऑफ डायरैक्टर्स ने दी पक्खोवाल रोड रेलवे ओवरब्रिज को हरी झंडी

punjabkesari.in Wednesday, Jun 20, 2018 - 11:07 AM (IST)

लुधियाना(हितेश): पक्खोवाल रोड रेलवे क्रॉसिंग पर अंडर व ओवरब्रिज बनाने के प्रोजैक्ट को स्मार्ट सिटी के बोर्ड ऑफ डायरैक्टर्स ने हरी झंडी दे दी है। टै्रफिक समस्या के समाधान के नाम पर बनाई गई यह योजना वैसे तो करीब 2 दशक पुरानी है, लेकिन फंड की कमी के चलते उस पर अमल नहीं हो पाया और अब वित्तीय मदद के लिए इस प्रोजैक्ट को स्मार्ट सिटी मिशन का हिस्सा बनाया गया है। इसके तहत काफी समय तो डिजाइन व डी.पी.आर. फाइनल करने में ही गुजर गया। अब रेलवे से फिजिबिलिटी क्लीयरैंस मिली है तो योजना को एग्जीक्यूटिव कमेटी व बोर्ड ऑफ डायरैक्टर्स के सामने पेश किया गया जहां से टैंडर लगाने की प्रक्रिया शुरू करने की मंजूरी दे दी गई है। 

कमांड एंड कंट्रोल सैंटर बनाने का रास्ता भी हुआ साफ
स्मार्ट सिटी मिशन में कमांड एंड कंट्रोल सैंटर बनाने का पहलू मुख्य रूप से शामिल है, जिसके तहत सारी पब्लिक सॢवसिज की ऑनलाइन मॉनीटरिंग की जाएगी। इसमें सफाई, वाटर सप्लाई, स्ट्रीट लाइट, पब्लिक ट्रांसपोर्ट, फायर ब्रिगेड, एम्बुलैंस आदि को शामिल किया जाएगा। इस प्रोजैक्ट को स्थापित करने के लिए जगह का चयन किया जा रहा है। 

निगम पर नहीं पड़ेगा एल.ई.डी. लाइटों के इंफ्रास्ट्रक्चर का बोझ
नगर निगम द्वारा सोडियम लाइटों को बदलकर एल.ई.डी. प्वाइंट लगाने का काम जो काम शुरू करवाया गया है उस पर आने वाली लागत का बोझ पहले तो कंपनी उठाएगी और बिजली की सेविंग में से मिलने वाले हिस्से से उसकी भरपाई होगी। इससे पहले खंभों, तारों व बक्सों आदि की रिपेयर पर आने वाले खर्च का बोझ नगर निगम को उठाना पड़ेगा। कमिश्नर द्वारा नगर निगम की खस्ता आर्थिक हालत का हवाला देने के मद्देनजर स्मार्ट सिटी के बोर्ड ने यह पैसा अपने खाते में से देने की हामी भर दी है।    


ये हुए मीटिंग में शामिल
-लोकल बॉडीज के प्रिंसीपल सैक्रेटरी वेणु प्रसाद
-पी.एम.आई.डी.सी. के एम.डी. अजय शर्मा
-डी.सी. प्रदीप अग्रवाल
-ए.डी.सी.पी. संदीप गर्ग
-केंद्र सरकार के प्रतिनिधि राहुल महाना
-एल.एम.ए. के कमल वढेरा ,आर्कीटैक्ट एसो. के संजय गोयल 

वर्ल्ड बैंक के पास पहुंचा नहरी पानी को पेयजल का विकल्प बनाने संबंधी प्रोजैक्ट
महानगर में नहरी पानी को पेयजल का विकल्प बनाने संबंधी प्रोजैक्ट भी काफी देर से पाइप लाइन में अटका हुआ है, जिसकी बड़ी वजह करीब 4 हजार करोड़ के फंड की कमी होना ही रही है। उसके मद्देनजर काफी देर तक केंद्र व रा’य सरकार से मदद मांगी जाती रही है। इसके मंजूर होने की संभावना इसलिए भी लगाई जा रही है, क्योंकि पहले वल्र्ड बैंक की टीम द्वारा इस प्रोजैक्ट की स्टडी किया गया जिसमें ग्राऊंड वाटर लैवल व ट्यूबवैलों की बिजली बचाने के अलावा 24 घंटे वाटर सप्लाई देने का पहलू शामिल किया गया है।

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