‘बेरोजगारी की मार’: रोजगार के लिए 4 सालों में 5 लाख नौजवान पहुंचे विदेश

punjabkesari.in Wednesday, Jan 22, 2020 - 10:39 AM (IST)

मोगा(गोपी): एक तरफ जहां पंजाब सरकार द्वारा पंजाबी नौजवानों को राज्य में रोजगार मुहैया करवाने के बड़े दावे किए जा रहे हैं, वहीं दूसरी तरफ जमीनी स्तर पर सरकारी दावों का जरा भी लाभ न मिलने से खफा हुआ पंजाब की युवा पीढ़ी मजबूर होकर विदेशों में जा रही है। पिछले 4 वर्षों में राज्य के लगभग 5 लाख से भी अधिक नौजवान विदेश जा चुके हैं। इनके विदेशों में जाने का मुख्य उद्देश्य भी यही है कि पंजाब में उनको अपना भविष्य किसी भी तरह से सुरक्षित नहीं लगता।

हैरानी की बात तो यह है कि अपनी मिट्टी छोड़कर विदेशों में जाकर रहने वाले नौजवानों को राज्य में रोजगार के अवसर मुहैया करवाने के लिए अभी तक समय की सरकारों ने ध्यान नहीं दिया, जिस कारण यह रवैया हर वर्ष कम होने की बजाय बढ़ता जा रहा है। जानकारी के अनुसार अब जब जनवरी इनटेक की कक्षाओं के कनाडा व आस्ट्रेलिया समेत अन्य राज्यों के कालेजों में दाखिले हो गए हैं तो भविष्य में मई व सितम्बर इनटेक दौरान विदेशी कालेजों में दाखिले लेने के लिए पंजाबी युवाओं ने अब से ही कमर कस ली है। अब तो आए दिन मैरिज पैलेसों में आइलैट्स के रोजाना पेपर हो रहे हैं, जिस कारण समूचे पंजाब व विशेष कर मालवा के मोगा शहर के अनेकों पैलेस आइलैट्स सैंटरों में तबदील होने लगे हैं।

2005 में शुरू हुआ आइलैट्स का रुझान 2007-2008 से लगा बढ़ने
आइलैट्स करके पढ़ने के बहाने विदेशों के पक्के निवासी बनने का रुझान 2005 में गांवों में पता लगा तथा इस तरीके से नौजवान धीरे-धीरे विदेश जाने लगे हैं। इस उपरांत 2007-2008 में यह रुझान उस समय हद से बढ़ा जब बहुगिनती नौजवानों ने आस्ट्रेलिया की धरती पर आइलैट्स के जरिए अपने पैर रखे। इस उपरांत जब आस्ट्रेलिया ने कुछ नियम सख्त किए तो फिर आइलैट्स द्वारा 2009-2010 से कनाडा की ओर जाना शुरू कर दिया, जो अब तक लगातार जारी है।

नशों के बढ़ते रुझान के चलते अभिभावकों ने भेजा बच्चों को कनाडा
पंजाब में नशों के रुझान की पिछले वर्षों दौरान चली अंधेरी कारण अनेकों घरों के चिराग बुझे है। विशेषकर सिंथैटिक ड्रग कारण पंजाब में अनेकों नौजवान इसके आदी बने हैं। अपने बच्चों को नशों के रुझान से बचाने के लिए भी अभिभावकों ने अपने विद्यार्थियों को 12वीं करने उपरांत आइलैट्स करवाकर कनाडा भेजने में ही भलाई समझी है। आर्थिक मंदहाली से गुजर रहे राज्य के बहुगिनती पंजाबियों ने महंगे भाव की ब्याज दरों पर पैसे लेकर भी अपने जिगर के टुकड़ों को विदेश भेजा है।

आइलैट्स करके गए विद्यार्थियों को विदेशों में आती है बड़ी समस्या
आइलैट्स के जरिए विदेशों के पक्के निवासी बनने की चाहत रखने वाले नौजवानों को पहली स्टेज पर बड़ी समस्याओं का सामना करना पड़ता है, लेकिन फिर भी विदेशों में जाने वाले नौजवानों की गिनती कम नहीं हुई। दूसरी तरफ कनाडा की धरती पर ऐसे नौजवानों को मदद करने वाले प्रवासी भारतीय व पंजाब ई.टी.टी. अध्यापक यूनियन के प्रदेश अध्यक्ष जसविंद्र सिंह सिद्धू की इन दिनों सोशल मीडिया पर बड़े स्तर पर प्रशंसा हो रही है क्योंकि वह ऐसे नौजवानों की सहायता करने के लिए हर समय तत्पर रहते हैं।  


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Edited By

Sunita sarangal

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