सरकारी जमीन को हड़पने की कोशिश नाकाम

punjabkesari.in Sunday, Dec 08, 2019 - 11:05 AM (IST)

मोगा(संजीव): बग्गेयाना छप्पड़ जो अब एक स्टेडियम का रूप धारण कर चुका है। इस स्टेडियम के साथ कुछ रकबा वक्फ बोर्ड के नाम पर है, जिस पर लैंड माफिया ने लंबे समय से कब्जा किया हुआ है। समय-समय पर इस जमीन को हड़पने की कोशिशें इन लैंड माफिया द्वारा की जाती हैं, जिसकी ताजा मिसाल पिछले कुछ दिनों से देखने को मिली जब दूसरे हलके के पटवारी मोगा महिला सिंह फर्स्ट ने नियमों की अनदेखी करके अजीत सिंह पटवार सर्कल में पड़ते रकबे की रिपोर्ट लैंड माफिया से मिलकर केंद्रीय सरकार के इस रकबे को लाल लकीर में दिखाकर तहसीलदार को गुमराह करके करवाने का प्रयास किया। उसके मनसूबे को नायब तहसीलदार सुरेन्द्र कुमार पब्बी ने बड़ी सूझबूझ से मौके पर जांच करके नाकाम कर दिया।

जानकारी के अनुसार असल में यह रकबा लाल लकीर में नहीं पड़ता था। यह रकबा नंबर खसरा 1004-1005-1006 में पड़ता था, जोकि अजीत सिंह पटवार सर्कल में पड़ता है। इस संबंधी रिपोर्ट सब रजिस्ट्रार मोगा सुरेन्द्र कुमार पब्बी द्वारा 20 नवम्बर 2019 को डिप्टी कमिश्नर संदीप हंस को आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए भेज दी गई है। इसमें लिखा है कि अजमेर सिंह पुत्र मंगल सिंह व चमकौर सिंह पुत्र प्रीतम सिंह निवासी बग्गेयाना बस्ती अगवाड़ हाकम का पुरानी घल्लकलां रोड ने तहसीलदार मोगा को शिकायत दी थी कि उनकी अपनी मलकीयत वाली कुछ प्रॉपर्टी लाल लकीर में पड़ती है। उसकी मालिकी पटवारी हलका से तस्दीक करवाई जाए, ताकि वह अपनी प्रॉपर्टी को आगे बेच सकें। रकबे के लाल लकीर के अंदर होने की तस्दीक पटवारी निर्भय सिंह ने वार्ड नंबर-32 की पार्षद जसमेर कौर गिल से करवा ली। जबकि पटवारी इस हलके की रिपोर्ट करने के लिए जायज नहीं था, क्योंकि यह हलका जीत सिंह के पटवार सर्कल में आता था।

लैंड माफिया से आजाद करवा जमीन को शहर की भलाई हेतु किया जाए प्रयोग
आम जनता में चर्चा है कि अगर सरकारी प्रॉपर्टी ही सेफ नहीं है तो आम जनता की प्रॉपर्टी किस तरह इस लैंड माफिया से सेफ रह सकती है। प्रशासन को चाहिए कि वह सरकारी प्रॉपर्टी को इन लैंड माफिया के कब्जे में से आजाद करवाकर इन प्रॉपर्टियों की चारदीवारी करवाकर रखे या फिर शहर की भलाई के लिए प्रयोग करें तथा उन कर्मचारियों के खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई करें, जो रक्षक की जगह भक्षक की भूमिका निभा रहे हैं।

जनता का मत है कि इसके साथ-साथ प्रशासन को चाहिए कि वह पटवार खातों को भी प्राइवेट प्रश्न जो कि पटवारियों के निजी सहायक में काम करते हैं तथा यह निजी सहायक इन लैंड माफिया की रीड़ की हड्डी बनकर उनके नाकाम मनसूबों को कामयाब होने में अहम भूमिका अदा करते हैं। लोगों का यह भी कहना है कि उतने तो मुख्यमंत्री के ओ.एस.डी. नहीं होंगे, जितने मोगा महिला सिंह के पटवार खाने में निजी सहायक बैठते हैं।

Edited By

Sunita sarangal