चंदभान ड्रेन पुन: ओवर फ्लो, हिम्मतपुरा का पुल बहा

punjabkesari.in Monday, Sep 24, 2018 - 12:11 PM (IST)

निहाल सिंह वाला/बिलासपुर (बावा, जगसीर): मौसम विभाग द्वारा दी गई पंजाब में 22, 23 व 24 सितम्बर को भारी बारिश तथा तेज हवाओं की चेतावनी को निहाल सिंह वाला प्रशासन द्वारा गंभीरता से नहीं लिया गया। नतीजे के तहत 22 सितम्बर से हो रही बारिश के चलते हलके में गुजरती चंदभान ड्रेन 2 महीने बाद पुन: ओवर फ्लो हो गई है, जिस कारण मोगा-बरनाला मुख्य राष्ट्रीय मार्ग पर गांव हिम्मतपुरा के ड्रेन का अस्थायी पुल 2 महीने बाद पुन: पानी की मार से बच नहीं सका तथा तेज रफ्तार पानी के बहाव में बह गया।

गौरतलब है कि गांव मोगा-बरनाला राष्ट्रीय मार्ग को फोरलेन करने का काम युद्ध स्तर पर जारी है। इस दौरान गांव हिम्मतपुरा की हद पर बने ड्रेन के पुल को नया बनाने के लिए विभाग के अधिकारियों द्वारा पुराना पुल गिरा दिया गया, लेकिन ठेकेदार की गलती के चलते इस राष्ट्रीय मार्ग पर ट्रैफिक चालू रखने के लिए बनाया गया अस्थायी पुल बहुत ही घटिया किस्म का बनाया गया जिसमें पानी निकलने के लिए एक पतली पुली ही नापी गई थी, लेकिन पानी के बहाव के चलते इस पुली ने ज्यादा पानी नहीं खींचा। ज्यादा पानी के बहाव में ड्रेन का अस्थायी पुल बह गया, लेकिन इससे कोई बड़ा हादसा होने से बचाव हो गया।

निहाल सिंह वाला के कई गांव गंभीर संकट में
चंदभान ड्रेन के ओवर फ्लो होने के कारण हलका निहाल सिंह वाला के कई गांव गंभीर संकट में फंसे हुए हैं। सड़क को फोरलेन करने दौरान मोगा-बरनाला राष्ट्रीय मार्ग पर गांव हिम्मतपुरा की सीमा पर बना ड्रेन का अस्थायी पुल पानी के बहाव के कारण दोबारा बह जाने से राष्ट्रीय मार्ग की समूची ट्रैफिक ङ्क्षलक रोड द्वारा गांव हिम्मतपुरा में जा रही है। ड्रेन के इस ओवर फ्लो के चलते गांव हिम्मतपुरा के कई किसानों की फसल भी पानी में डूब गई।

कई जिलों का ट्रैफिक हो रहा प्रभावित
इस राष्ट्रीय मार्ग पर जहां पटियाला, दिल्ली, बठिंडा, श्री अमृतसर साहिब, मोगा, लुधियाना की लंबे रूटों की बसें गुजरती हैं, वहीं कई जिलों के लाखों लोग इस रास्ते से सफर करते हैं। यह सारा ट्रैफिक ङ्क्षलक सड़क हिम्मतपुरा में तबदील किया गया है, जो सड़क बहुत ही खस्ता हालत में है। राष्ट्रीय मार्ग का रास्ता बंद करने के बाद रात को सफर करने वाले लोग भारी समस्या का शिकार हो रहे हैं क्योंकि प्रशासनिक अधिकारियों द्वारा यात्रियों के लिए कहीं भी चेतावनी बोर्ड या रास्ता बताने के लिए बोर्ड नहीं लगाए गए। लोगों ने बताया कि रात्रि समय गाडिय़ों वाले रास्ते की तलाश में गांव में इधर-उधर भटकते देखे गए।

ड्रेनों की सफाई न होने के कारण बनी समस्या
यह गंभीर समस्या ड्रेनों की सफाई न होने के कारण पैदा हुई। ड्रेनों की सफाई न होने के चलते ड्रेनों में पैदा हुई बूटी पानी के कारण पुलों में फंस गई, जिस कारण यह गंभीर समस्या पैदा हुई। बेशक ‘पंजाब केसरी’ द्वारा 2 महीने पहले इस खतरे बारे प्रमुखता से रिपोर्ट पेश की गई थी, लेकिन प्रशासनिक अधिकारियों ने इस पर अमल करने की कोई जरूरत नहीं समझी। इसके चलते 3 दिन भारी बारिश पडऩे की चेतावनी पर पहले ही दिन लोग गंभीर संकट में फंस गए।


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