डी.टी.ओ. दफ्तर बंद होने उपरांत बढ़ी लोगों की परेशानी

punjabkesari.in Monday, Aug 20, 2018 - 11:34 AM (IST)

मोगा (गोपी राऊंके): एक तरफ जहां पंजाब सरकार ने राज्य भर के जिला ट्रांसपोर्ट दफ्तरों में कथित तौर पर भ्रष्टाचार को रोकने के लिए राज्य भर के डी.टी.ओ. दफ्तरों को बंद कर दिया है, वहीं दूसरी तरफ पंजाब सरकार का यह ‘पैंतरा’ भी लोगों को रास नहीं आ रहा है। असलियत यह है कि डी.टी.ओ. दफ्तर बंद होने उपरांत अभी तक भी लोगों के वाहनों संबंधी काम सही तरीके से शुरू नहीं हो सके हैं। इस तरह की बनी स्थिति का सबसे अधिक खामियाजा मालवा क्षेत्र के मोगा, मुक्तसर व फरीदकोट जिलों के निवासियों को उठाना पड़ रहा है क्योंकि इन तीनों जिलों का क्षेत्रीय ट्रांसपोर्ट अथारिटी (आर.टी.ए.) का दफ्तर फरीदकोट में होने के कारण लोगों को अपने कार्यों के लिए लंबा सफर तो तय करना ही पड़ता है, साथ ही लोगों की समस्या इस कारण भी अधिक है क्योंकि फरीदकोट में सिंगल विंडो होने की मजबूरी के कारण लोगों को प्राइवेट एजैंटों के हाथों से भी आर्थिक लूट का शिकार होना पड़ रहा है। हैरानी की बात तो यह है कि सरकारी अधिकारियों के नाक तले चल रहे इस कार्य को रोकने के लिए अभी तक पंजाब सरकार के उच्चाधिकारियों ने इस तरफ ध्यान ही नहीं दिया है, जिस कारण लोगों की परेशानी कम होने की बजाय बढ़ती जा रही है

एजैंसी के कर्मचारी भी एजैंटों को दे रहे तरजीह
विभागीय सूत्रों से प्राप्त हुए अहम ब्यौरों में यह खुलासा हुआ है कि दफ्तर का समूचा कार्य कथित तौर पर प्राइवेट एजैंटों की कमान में हो रहा है। प्राइवेट एजैंट सरकारी दफ्तरी कर्मचारियों की तरह सरेआम दिन-दिहाड़े दफ्तरों में बैठकर ही काम कर रहे हैं। सूत्र कहते हैं कि दफ्तरी कार्य का ठेका भी एक प्राइवेट एजैंसी के पास है तथा एजैंसी के कर्मचारी भी कथित तौर पर एजैंटों को ही तरजीह देते हैं। आम लोग अपने काम करवाने के लिए रोजाना दफ्तर के चक्कर लगाकर निराश घरों को लौटते हैं। एक कार चालक ने इसकी पुष्टि करते हुए कहा कि उसने कार रजिस्ट्रेशन को रिन्यू करवाने के लिए लगभग अढ़ाई महीने पहले बनती फीस भरी थी, लेकिन अभी तक उसका कार्य नहीं हुआ। उन्होंने कहा कि आर.टी.ओ. तक पहुंच करने के बावजूद उसकी फाइल कभी प्राइवेट एजैंट तो कभी क्लर्क के मेज पर घूम रही है।

सबसे अधिक भारी वाहनों की गिनती मोगा में
एक अन्य व्यापारिक वाहन के चालक अवतार सिंह लाडी का कहना था कि जब से व्यापारिक गाडिय़ों के नए लाइसैंस व अन्य कार्य फरीदकोट के क्षेत्रीय दफ्तर में शुरू हुए हैं, तब से परेशानियां बढ़ गई हैं। बताना बनता है कि इन तीनों जिलों में से सबसे अधिक भारी वाहनों की गिनती 10 हजार मोगा में होने के चलते भी इस जिले के लोगों को अधिकतर दिक्कतों का सामना करना पड़ता है, जबकि फरीदकोट तथा फिरोजपुर में लगभग भारी वाहनों की गिनती 3-3 हजार के लगभग है। इसके साथ ही मोगा के अलावा पूर्व मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल के हलके लंबी के लोग भी काम के लिए अधिकतर  चिंतित हैं क्योंकि उनको फरीदकोट 80 से 100 किलोमीटर तक पड़ता है। वहीं क्षेत्रीय ट्रांसपोर्ट अफसर के फोन न उठाने के चलते उनसे संपर्क नहीं हो सका। सरकारी अधिकारियों का पक्ष अतिरिक्त क्षेत्रीय ट्रांसपोर्ट अफसर गुरनाम सिंह का कहना था कि ऑनलाइन नए साफ्टवेयर में तकनीकी समस्याओं के कारण आम लोग नहीं, बल्कि दफ्तरी स्टाफ भी काफी परेशान है। उन्होंने दावा किया कि सिस्टम में सुधार होने के लिए तकरीबन 6 महीने का और समय लग सकता है। कई बार नैटवर्क की समस्या भी इसका कारण बन जाती है।

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