पर्यावरण को बचाने के लिए पंजाब सरकार का सार्थक प्रयास

punjabkesari.in Friday, Jun 15, 2018 - 12:16 PM (IST)

मोगा (गोपी राऊंके): पर्यावरण को शुद्ध रखने के लिए सरकार ने महत्वपूर्ण फैसला लेते हुए किसानों को फसलों में ही ‘घासफूस’ नष्ट करने वाली मशीनों पर 665 करोड़ रुपए की सबसिडी मुहैया करवाने का फैसला लिया है। इसके तहत किसानों द्वारा सबसिडी पर खेती औजार हासिल करने के लिए कागजी कार्रवाई पूरी करने की मुहिम तेज कर दी गई है।
‘पंजाब केसरी’ द्वारा हासिल की जानकारी में यह तथ्य उभरकर सामने आए कि 8 तरह की खेती मशीनों पर सबसिडी दी जानी है, जिनमें हैपी सीडर, जीरो ड्रिल, कंबाइन हार्वैस्टर, रोटावेटर, चोपर सरैडर, रिवर्सिबल पलाओ, पैडी कटर, पैडी सलैशर मशीनें शामिल हैं। सरकार ने ये मशीनें इस ढंग से मुहैया करवाने की योजना बनाई है कि  पहले किसान यह कहकर फसलों की ‘घासफूस’ को आग लगाकर अपना पल्ला झाड़ देते थे कि किसानों के पास इसको नष्ट करने के बिना कोई और रास्ता नहीं है, लेकिन सबसिडी पर इस खेती औजार मिलने उपरांत किसानों को फसलों की ‘घासफूस’ को धरती में ही नष्ट करना पड़ेगा।

फार्म भरने का 15 जून आखिरी दिन
सबसिडी पर खेती औजार हासिल करने संबंधी खेतीबाड़ी विभाग के पास आवेदन भरने की आज 15 जून आखिरी तारीख है। इस संबंध में 2 दिन पहले ही सबसिडी के फार्म भरने के लिए अफरा-तफरी मच गई है। किसान वर्ग में रोष है कि खेतीबाड़ी विभाग ने इस संबंध में जागरूक ही नहीं किया। बुघीपुरा चौक के नजदीक खेती औजारों का काम करने वाले संघा सेल्स कार्पोरेशन के मालिक अंग्रेज सिंह संघा का कहना है कि सरकार द्वारा वातावरण बचाने के लिए लिया फैसला बेहद सार्थक है। उन्होंने कहा कि 2 दिन पहले से ही किसानों ने फार्म भरने शुरू किए हैं। आज कई किसानों के सबसिडी वाले फार्म भरकर विभाग को जमा करवाए हैं।

फैसले से मिलेगी किसानों को राहत
कंबाइन व एस.एम.एस. हार्वैस्टर लगाने वाले झंडेयाना इंडस्ट्री के मालिक सुखतेज झंडेयाना का कहना है कि धान की पराली को आग लगाने समय तो चारों तरफ इतना धुआं हो जाता था कि हर मनुष्य को बीमारियों का सामना करना पड़ता था। उन्होंने कहा कि अगर किसान वर्ग फसलों के ‘घासफूस’ को आग न लगाए तो वातावरण स्वच्छ बन सकता है। उन्होंने कहा कि कंबाइनों पर किसान धड़ाधड़ नए यंत्र लगा रहे हैं, जिससे पराली का कुतरा हो जाएगा तथा फिर किसानों को इसकी धरती में नष्ट करने समय कोई परेशानी पेश नहीं आएगी। सरकार के फैसले संबंधी किसानों को जागरूक किया जा रहा है।

क्या कहना है कृषि विभाग का
इस मामले संबंधी जब सहायक खेतीबाड़ी विकास अफसर डा. अमरजीत सिंह से संपर्क किया तो उन्होंने कहा कि सोशल ग्रुपों तथा अन्य साधनों द्वारा किसानों को सबसिडी संबंधी अवगत करवाया गया है। ब्लाक स्तर पर किसानों द्वारा आवेदन के फार्म भरकर दिए जा रहे हैं, जिस उपरांत खेती औजार सबसिडी पर मिलेंगे। उन्होंने कहा कि सरकार के इस फैसले से किसानों को राहत मिलेगी।

Anjna