आए दिन लोग चढ़ रहे बेसहारा पशुओं की भेंट, प्रशासन की नहीं टूटी नींद

punjabkesari.in Monday, Sep 10, 2018 - 01:40 PM (IST)

मोगा (गोपी): मोगा शहर नगर कौंसिल से वर्ष 2015 में नगर निगम बना था, लेकिन मोगा निवासियों को बेसहारा पशुओं से अभी तक निजात नहीं मिली।मोगा शहर में बेसहारा पशुओं की संख्या दिनों-दिन बढ़ रही है। अब ये पशु बाजारों, भीड़भाड़ वाले स्थानों, गलियों-मोहल्लों में भी घूम रहे हैं। इस कारण इन पशुओं के झुंड जहां लोगों के लिए परेशानी का कारण बनते हैं, वहीं किसी बड़े हादसे का सबब भी बनते हैं। सरकार द्वारा लोगों से वसूले गए काऊसैस का भी कोई फायदा नहीं मिल रहा। इन बेसहारा पशुओं के चलते हमेशा डर बना रहता है। मोगा के कई लोग इन पशुओं के चलते घायल भी हो चुके हैं तथा कइयों की तो इन पशुओं की चपेट में आने से मौत हो चुकी है। मोगा शहर निवासियों की डिप्टी कमिश्नर से मांग है कि लोगों के लिए बड़ी सिरदर्दी बने बेसहारा पशुओं से निजात दिलाई जाए।

पशुओं की संभाल करना सरकार की जिम्मेदारी : वरिंद्र अरोड़ा
बेसहारा पशुओं के चलते हो रहे हादसों पर चिंता जाहिर करते लोक भलाई समाज सेवा क्लब जिला मोगा के अध्यक्ष वरिंद्र अरोड़ा ने कहा कि इन पशुओं से एक्सीडैंट होने कारण कइयों के घर उजड़ चुके हैं, लेकिन प्रशासन गहरी नींद सोया पड़ा है। गत रात्रि भी थाना सिटी साऊथ मोगा के ए.एस.आई. बलवीर सिंह की भी बेसहारा पशुओं के चलते मौत हो गई। इन पशुओं की संभाल करना सरकार की जिम्मेदारी है क्योंकि सरकार बिजली बिलों व कोई वाहन खरीदने आदि पर काऊसैस वसूल कर बेसहारा पशुओं के मालिक बन चुकी है।

बेसहारा पशु मानवीय जिंदगी के लिए खतरा : हरीश अरोड़ा
समाज सेवी नेता हरीश अरोड़ा का कहना है कि आजकल बेसहारा पशुओं की गिनती कई शहरों में बहुत ज्यादा बढ़ चुकी है, जो मानवीय जिंदगी की मौत का कारण बन रही है। उन्होंने कहा कि इन पशुओं की बढ़ रही गिनती को रोकना बहुत जरूरी है।

गौशालाओं में भेजे जाए बेसहारा पशु : धीरज
समाज सेवी धीरज कुमार ने इस पर चिंता जाहिर करते प्रशासन से मांग की कि इन बेसहारा पशुओं के चलते आम जनता को कई मुसीबतों का सामना करना पड़ रहा है। ये पशु आम ही अपना झुंड बनाकर बैठ जाते हैं, जिससे ट्रैफिक में विघ्न पड़ता है तथा कई हादसे भी घटित होते हैं। उन्होंने कहा कि पशुओं को पकड़कर पक्के तौर पर गौशालाओं में भेजने के प्रबंध किए जाएं, ताकि कोई भी जानी-माली नुक्सान न हो।

bharti