जहरीली हुई मोगा की हवा, खासतौर से बच्चों का रखें ख्याल

punjabkesari.in Friday, Jun 15, 2018 - 01:51 PM (IST)

मोगा (गोपी) : पिछले दो दिनों से जिला मोगा के आसमान पर छाई धूल की चादर ने जहां लोगो का जीना मुश्किल कर दिया है वहीं दूसरी ओर शहर से बाहर जाने वाले लोग भी बाहर जाने से परहेज कर रहे हैं। नैशनल हाईवे पर जहां मिट्टी के कारण कुछ दिखाई नहीं दे रहा है वहीं सांस और फेफड़ों की बीमारियों से पीडि़त लोगो का इस मौसम में घरों से बाहर निकलना डाक्टरों द्वारा खतरा बताया गया है। 
खासतौर पर रखें बच्चों का ख्याल 
मोगा में छाई इस धूल भरी आंधी में खासतौर पर बच्चों का ख्याल रखने की हिदायत दी जाती है। परिजनों से विनती है कि अपने बच्चों को दिनभर हाइडे्रट रखने की कोशिश करें। 
-बच्चों को विशेषतौर से नारियल पानी, फलों के रस, सिट्रस फल, लस्सी, छाछ और फलों की स्मूदीज का सेवन कराएं।
-बच्चे को कार्बोनेटेड पेय पदार्थों से दूर रखें। इससे डिहाइड्रेशन हो सकता है। वहीं शरीर में शुगर का स्तर बढ़ सकता है।
-बच्चों को तेल और वसा युक्त खाद्य पदार्थों से दूर रखें।
-ऐेसे मौसम में आम, लीची, केला, तरबूज, खरबूजा, प्लम और चैरी जैसे फल बेहद लाभदायक होते हैं। जहां तक हो सके तेज धूप से दूर रखें।
-धूप में रहने से सनस्ट्रोक हो सकता है। इस मौसम में बच्चों के कपड़े आरामदायक होने चाहिए।
-उनकी आंखों को धूल, मिट्टी और गर्मी से बचा सकते हैं।

बच्चों को न करें कार में बंद  
माता-पिता बच्चों को धूप से बचाने के लिए कार में कुछ देर बंद कर देते हैं। ऐसी कई घटनाएं सामने आई हैं, जो हादसों में तब्दील हो गई हैं। लोगों के लिए यह समझना जरूरी है कि बंद जगह पर तापमान जल्दी बढ़ता है। जबकि कार का तापमान और भी ज्यादा तेजी से बढ़ता है। ऐसे में बच्चों का सांस लेना मुश्किल हो सकता है। 

धूलकण के दुष्प्रभाव
धूलकण और प्रदूषण के दुष्प्रभाव से लोगों को नेजल इंजरी का सामना करना पड़ रहा है। हवा में मौजूद धूलकण आंखों में प्रवेश करने के बाद संक्रमण की वजह बन रहा है। इस दूषित वातावरण में प्रदूषित कणों से बचना आसान नहीं रह गया है। इससे लोगों के फेफड़े प्रभावित हो रहे हैं।

Anjna