पराली को आग लगाने का सिलसिला जारी,बीमारियों की चपेट में आम जनता

punjabkesari.in Thursday, Nov 01, 2018 - 12:25 PM (IST)

मोगा (गोपी ): एक तरफ जहां इस बार पंजाब सरकार ने किसानों को पराली को आग लगाने से रोकने के लिए बड़े स्तर पर सख्ती करने की घोषणा की हुई है।  वहीं दूसरी तरफ किसानों ने सरकार को आंखें दिखाते हुए पुन: बड़े स्तर पर पराली को आग लगाने का सिलसिला शुरू कर दिया है। इस कारण समूचे पंजाब के अलावा राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में भी प्रदूषण बढने लगा है। इस तरह की स्थिति के कारण लोगों का सांस लेना भी दूभर हो गया है।

मनाही के बावजूद जलाई जा रही है पराली
 मनाही के बावजूद 4 दिन पहले इक्का-दुक्का किसानों द्वारा पराली को आग लगाते देख अन्य किसानों ने भी यह सिलसिला शुरू कर दिया है तथा सिर्फ 4 दिनों में ही स्थिति इतनी गंभीर बन गई है कि शाम के 5 बजे से पहले ही आसमान में धुएं की काली चादर बिछ जाती है। हवा का सूचकांक शाम 4 बजे ही 401 पर पहुंच जाता है जिससे हालात गंभीर बनने लगे हैं। दूसरी तरफ किसानों का कहना है कि पराली जलाना उनकी मजबूरी बन गई है क्योंकि पहले ही आर्थिक मंदहाली झेल रहे किसान अगर पराली को जमीन में दबाते हैं तो बड़ा खर्चा होता है । छोटे किसानों के पास तो पराली को जमीन में नष्ट करने के लिए ट्रैक्टर व अन्य खेती औजारों की भी कमी है।

बीमारियों में हुई बढ़ौतरी
 जब से किसानों द्वारा पराली को आग लगाने का सिलसिला शुरू किया गया है तब से लोगों को नजला, आंखों की बीमारियों व सांस की बीमारियों ने घेर लिया है। सेहत विभाग से जुड़े डाक्टर ने बताया कि हवा प्रदूषित होने से मनुष्य के शरीर को लगने वाली बीमारियों में पहले से अधिक बढ़ौतरी हुई है।

सरकार द्वारा खेती औजार पर दी गई सबसिडी का नहीं कोई लाभ
सरकार ने किसानों को पराली जलाने से रोकने के लिए इस बार करोड़ों रुपए की सबसिडी हैवी सीडर, रोटावेटर व अन्य खेती औजारों पर दी थी ताकि किसान पराली को जलाए बिना इन खेती औजारों से गेहूं की सीधी बिजाई करें लेकिन सरकारी की दलीलों से सहमत होकर चाहे किसानों ने सबसिडी पर खेती औजार लेने के लिए दिलचस्पी तो दिखाई परंतु सहकारी सभाओं में खेती औजार होने के बावजूद किसानों ने सरकारी आदेशों को आंखें दिखाते हुए पराली जलाने का रुझान शुरू कर दिया है।

आने वाले दिनों में स्थिति और गंभीर बनने की संभावना
 जानकारी अनुसार अभी तक 40 प्रतिशत से भी कम धान की कटाई हुई है तथा इस दौरान ही किसानों ने पराली जलाने का रुझान शुरू कर दिया है लेकिन आने वाले दिनों में जब धान की कटाई का कार्य मुकम्मल होगा तो एकदम ही किसानों द्वारा बड़े स्तर पर पराली को आग लगानी शुरू कर दी जाएगी जिस कारण स्थिति और भी गंभीर बन सकती है।

लोगों ने सुबह की सैर की बंद
शारीरिक तंदुरुस्ती के लिए चाहे सुबह की सैर का महत्व अहम है लेकिन अब पिछले 4 दिनों से वातावरण दूषित होने के कारण शहर के पार्कों में शहर निवासियों की रौनक पहले से कम होकर रह गई है। शहर निवासियों का कहना है कि वह शारीरिक तंदुरुस्ती के लिए पार्क में आते हैं लेकिन जब तक वातावरण साफ नहीं होता तब तक सुबह की सैर बंद कर दी है। पता चला है कि शाम होते ही बुजुर्ग तथा बच्चे घरों में ही बैठने को तरजीह देते हैं।

कार्रवाई करना प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड का कार्य : मुख्य कृषि अधिकारी

इस मामले संबंधी संपर्क करने पर मुख्य कृषि अधिकारी डा. परमजीत सिंह बराड़ का कहना है कि खेतीबाड़ी विभाग का काम सिर्फ किसानों को पराली न जलाने प्रति जागरूक करना है जबकि कोई भी कार्रवाई करना प्रदूषण कंट्रोल का कार्य है। 

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