कारगिल की जंग लडऩे वाला सैनिक कैप्टन इंसाफ हेतु खा रहा दर-दर की ‘ठोकरें’

punjabkesari.in Sunday, Jul 22, 2018 - 04:08 PM (IST)

मोगा(आजाद/गोपी): एक तरफ जहां देश के लिए लडऩे वाले सैनिक जवानों को समय की सरकारों द्वारा बनता मान-सम्मान देने के दावे किए जाते हैं, वहीं जमीनी हकीकत इन दावों की पूरी तरह से पोल खोलती प्रतीत हो रही है। ताजा मामला मोगा जिले के गांव तखानवध का है, जहां का एक सैनिक कैप्टन अपनी घरेलू खेत की लड़ाई के मामले में इंसाफ लेने के लिए दर-दर की ठोकरें खा रहा है। हैरानी की बात तो यह है कि इस संबंधी बार-बार शिकायतें करने के बावजूद पुलिस प्रशासन ने कोई ठोस कार्रवाई नहीं की। अब तो पीड़ित को खेतों में बुरी तरह से मारपीट कर घायल भी कर दिया गया, लेकिन फिर भी लड़ाई के 2 दिन बीत जाने उपरांत कोई कार्रवाई नहीं हो सकी।

भाई, भतीजे ने मारपीट कर किया  घायल, अस्पताल में दाखिल
उसने कहा कि उसने खुद ही पहले मोटर इस्तेमाल करने के लिए दी थी, लेकिन जब वापस मांगी तो उससे रंजिश रखनी शुरू कर दी। वह दूसरे पक्ष से कानूनी तौर पर अपना हक मांगना चाहता है, लेकिन कोई अधिकारी बात सुनने को तैयार नहीं। 21 मार्च को भी उसने थाना अजीतवाल में मामले की शिकायत की थी। वहीं 15 मई को जिला पुलिस अधीक्षक को लिखित शिकायत भी दी, लेकिन फिर भी हकीकत में कुछ नहीं हो सका। उसने कहा कि शुक्रवार को जब वह खेतों में हरा चारा लेने के लिए जा रहा था तो उसके भाई, भतीजे व अन्य व्यक्तियों ने उसे रोककर जबरदस्त मारपीट की। उसने मांग की कि मामले की निष्पक्ष जांच करवाकर उसको इंसाफ दिलाया जाए। दूसरी तरफ सिविल अस्पताल मोगा के स्टाफ ने इस मामले संबंधी पुलिस के उच्चाधिकारियों को अवगत करवा दिया है, ताकि अग्रिम कार्रवाई अमल में लाई जा सके।

क्या कहना है पीड़ित अवतार सिंह  का

सिविल अस्पताल में उपचाराधीन अवतार सिंह का कहना है कि वह सेना में कैप्टन रिटायर्ड हुआ है तथा उसने कारगिल की जंग दौरान भी देश की रक्षा के लिए अपना योगदान डाला है। इस मामले में पहले भी मुख्यमंत्री के ओ.एस.डी. से लेकर थाना प्रभारी स्तर के अधिकारियों तक हर किसी के पास उसने अपनी फरियाद सुनाई, लेकिन उसको सिवाय वायदों से कुछ हासिल नहीं हुआ। उसने आरोप लगाया कि उसकी खेती मोटर पर भी कब्जा किया हुआ है, जिसको छुड़ाने के लिए वह रोजाना इस उम्मीद से प्रशासनिक अधिकारियों का दरवाजा खटखटाता है कि शायद  कोई उसके द्वारा देश की रक्षा हेतु किए कार्य की  कदर डालकर उसको इंसाफ मुहैया करवाने की कार्रवाई शुरू करेगा, लेकिन किसी तरफ भी कोई उम्मीद की किरण नजर नहीं आ रही।

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