गांव तखानवध निवासियों ने अध्यापक की बदली रुकवाने के लिए दिया मांग पत्र

punjabkesari.in Wednesday, Dec 05, 2018 - 12:21 PM (IST)

मोगा (गोपी): पंजाब सरकार द्वारा अध्यापकों के वेतनों में कटौती व दूर-दूर बदलियां करने के खिलाफ अध्यापकों द्वारा धरने-रैलियां की जा रही हैं। वहीं अध्यापकों की स्कूलों में गैर-हाजिरी कारण इसका खमियाजा सरकारी स्कूलों में पढ़ते विद्यार्थियों को भुगतना पड़ता है। सरकारी स्कूलों में ज्यादातर पिछड़े वर्ग के लोगों के बच्चे ही पढ़ते हैं, लेकिन अध्यापकों द्वारा अपनी मांगें मनवाने तथा दूर की बदलियों को रुकवाने के लिए किया जा रहा लंबा संघर्ष विद्यार्थियों के भविष्य पर प्रश्न चिन्ह जरूर लगाता है। इसी तरह गांव तखानवध के सरकारी सीनियर सैकेंडरी स्कूल में साइंस विषय के अध्यापक किक्कर सिंह की अवैध तौर पर की बदली को रुकवाने के लिए गांवों के गण्यमान्यों के प्रतिनिधिमंडल ने डिप्टी कमिश्नर मोगा को मांग पत्र दिया है।

सरपंच राजविन्द्र कौर, पंच सतपाल सिंह, अध्यक्ष सुखदेव सिंह, इकबाल सिंह, विजय कुमार, हरदेव ने सांझे तौर पर बातचीत करते कहा कि किक्कर सिंह एक ईमानदार अध्यापक हैं। वह अपनी ड्यूटी टाइम के अलावा अन्य समय भी विद्यार्थियों को पढ़ाते हैं, जिस कारण नतीजा 100 प्रतिशत आता है। वहीं विभाग द्वारा बिना कारण किक्कर सिंह की बदली कर दी गई, जिसको कभी भी बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। उन्होंने कहा कि यदि विभाग ने किक्कर सिंह को दोबारा तखानवध न लगाया तो ग्राम पंचायत के अलावा समूह गांववासियों द्वारा विभिन्न संघर्षशील जत्थेबंदियों को साथ लेकर संघर्ष शुरू करने में देरी नहीं की जाएगी, जिसकी जिम्मेदारी प्रशासन की होगी। इस मौके पर कामरेड इकबाल सिंह, इंद्रजीत सिंह, पंच सुखदेव सिंह, हरदेव सिंह पूर्व सरपंच, दर्शन सिंह पूर्व सरपंच कामरेड बूटा सिंह, बलविन्द्र सिंह, सतपाल सिंह, स्वर्णजीत कौर, मनजीत कौर, जगदीश व भारी संख्या में गांववासी हाजिर थे।

बलवंत सिंह बहिरामके महासचिव भाकियू मोगा ने कहा कि जो टीचर अपनी ड्यूटी ईमानदारी, लगन से कार्य करता है, उसकी बदली बिना कारण से करनी जायज नहीं। इससे विद्यार्थियों का भविष्य धुंधला होता है। इससे मेहनती मुलाजिमों का मनोबल ही नहीं गिरता, बल्कि विद्यार्थियों का पढ़ाई का भी नुक्सान होता है।सुखचैन सिंह रामूवालिया राष्ट्रीय सचिव यूथ अकाली दल मोगा ने कहा कि जो मुलाजिम अपनी संस्था में अच्छा काम करते हैं, उनकी हौसला-अफजाई की जानी चाहिए, न कि अवैध तौर पर बदलियां। सरकारी संस्थाओं का पहले ही बुरा हाल है। यदि ईमानदार मुलाजिम की इस तरह विभाग बदलियां करेगा तो विद्यार्थियों की पढ़ाई का अत्यंत नुक्सान होगा।

समाजसेवी जगतार सिंह डरोलीभाई ने कहा कि सरकारी स्कूलों में गरीब, पिछड़े हुए लोगों के ही बच्चे पढ़ते हैं। यदि किक्कर सिंह जैसे ईमानदार अध्यापक की बदली की जाती है तो विद्यार्थियों  का भविष्य अंधेरे में आ जाएगा। उन्होंने कहा कि किसी भी मुलाजिम विशेषकर अध्यापक वर्ग की बिना कारण से बदली नहीं की जानी चाहिए।

 

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