कब होगा पंजाब नशामुक्त- बढ़ रहे नशों की चिंता ने दुविधा में लोग

punjabkesari.in Friday, Aug 23, 2019 - 01:21 PM (IST)

मोगा(बिन्दा): पंजाब में नशा कई सालों से सामाजिक तथा राजनीतिक मुद्दा बना हुआ है। चिट्टे की ओवरडोज से मौत के मुंह में जाने वाले नौजवानों की खबरें अखबारों की सुर्खियां बन रही हैं। पिछले साढ़े 5 सालों दौरान लगभग 609 नौजवान नशे के अधिक सेवन के कारण अपनी जानों से हाथ धो बैठे हैं। ये घटनाएं नशे मुहैया करवाने वाले तस्करों के पंजाब छोड़ जाने के सरकार के दावों पर प्रश्न चिन्ह लगाती हैं। ऐसे में बढ़ रहे नशे ने लोगों को दुविधा में डाल दिया है। इस संबंधी ‘पंजाब केसरी’ के साथ शहर के कई नेताओं ने अपने विचार सांझे किए।

नशे के खिलाफ समाजसेवी संस्थाओं का मिल रहा काफी सहयोग: डी.एस.पी. परमजीत
डी.एस.पी. सिटी मोगा परमजीत सिंह संधू ने कहा कि पंजाब के डी.जी.पी. दिनकर गुप्ता के दिशा-निर्देशों अनुसार पुलिस की ओर से समय-समय पर गांव-गांव नशा करने व बेचने वालों की शिनाख्त करके छापेमारी की जा रही है तथा उन पर कानूनी कार्रवाई करके मामले भी दर्ज किए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि जब तक लोग तन-मन से नशे के खातमे के लिए पुलिस को सहयोग नहीं देते, तब तक नशा खत्म नहीं हो सकता। नशे के खातमे के लिए उनको शहर की समाजसेवी संस्थाओं के पदाधिकारियों से काफी सहयोग मिल रहा है।

नशे से संबंधित फिल्मों व गायकों पर शिकंजा कसना चाहिए: विजय धीर
जिला इंटक मोगा के अध्यक्ष विजय धीर एड. ने कहा कि नशों को सिर्फ राजनीतिक मुद्दों तक ही सीमित नहीं करना चाहिए, बल्कि नशों से संबंधित फिल्मों व गायकों पर भी शिकंजा कसना चाहिए। उन्होंने कहा कि हर धर्म नशे के खिलाफ है। नौजवानों के नशों की तरफ जाने के 2 ही कारण हैं, एक अच्छी जीवन सेध का न होना तथा दूसरी बेरोजगारी। सरकारों को चाहिए कि शिक्षा, सेहत व रोजगार के मुद्दों पर बढ़िया कार्य किए जाएं, ताकि पंजाब की नौजवानी को इस बुराई से बचाया जा सके।

सैमीनार लगाकर नौजवानों को किया जाए जागरूक: प्रवीण शर्मा
नगर निगम मोगा के पूर्व पार्षद प्रवीण शर्मा पीना ने कहा कि सरकार की ओर से 31 नशा छुड़ाओ केन्द्रों का योग्य प्रबंध करने के साथ-साथ नशा छोड़ने के बाद संबंधित नौजवानों के पुनर्वास का बंदोबस्त भी उतना ही जरूरी है। उन्होंने कहा कि नौजवानों में पनप रहा यह व्यवहार विशेष ध्यान की मांग करता है। नशा करने वालों के साथ हमदर्दी से पेश आकर उनका भरोसा जीतना भी जरूरी है। उन्होंने कहा कि सरकार को समाजसेवी संस्थाओं के माध्यम से नशा छोड़ने संबंधी सैमीनार लगाकर नौजवानों को नशे से होने वाले नुक्सानों बारे जागरूक करना चाहिए।


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