सिद्धारमैया के लिए 2018 वैसा ही रहेगा जैसे हेगड़े के लिए 1985 था

punjabkesari.in Friday, Apr 27, 2018 - 09:24 AM (IST)

जालंधर(धवन): कर्नाटक विधानसभा चुनावों को लेकर विभिन्न सियासी चर्चाएं चल रही हैं परन्तु सियासी विशेषज्ञों का मानना है कि कांग्रेस के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया के लिए 2018 वैसे ही रहेगा जैसा कि रामकृष्ण हेगड़े के लिए 1985 रहा था। सियासी विशेषज्ञों ने कहा कि इस बार कांग्रेस की सारी कम्पेन सिद्धारमैया के इर्दगिर्द घूम रही है। भाजपा ने चाहे हिंदुत्व व भ्रष्टाचार के मामले उठाए हैं परन्तु उनका ज्यादा असर मतदाताओं पर दिखाई नहीं दे रहा।
भाजपा भी अब हिंदुत्व जैसे मुद्दों को छोड़ कर मुख्यमंत्री सिद्धारमैया पर ही सीधा निशाना साधने की स्थिति में आ गई है, क्योंकि उसे पता है कि सिद्दारमैया का मतदाताओं पर सीधा असर पड़ रहा है। 1985 में रामकृष्ण हेगड़े के इर्दगिर्द विधानसभा चुनाव में सारी कम्पेन घूम रही थी। हेगड़े ने यह चुनाव भारी बहुमत के साथ एकतरफा जीत लिया था। अब वैसे ही सिद्धारमैया की स्थिति बनी हुई है। 

12 मई को होंगे मतदान
कर्नाटक में विधानसभा चुनाव के लिए 12 मई को मतदान होना है। विशेषज्ञ आर. पूॢणमा ने कहा कि सिद्धारमैया पर विपक्षी दलों द्वारा फोक्स करने से उन्हें बल मिला है। सिद्धारमैया ने लिंगयात समुदाय को भी अपने साथ कुछ हद तक जोडऩे में कामयाबी हासिल की है जो अब तक आंखें बंद कर भाजपा को समर्थन देते थे।

राहुल गांधी राष्ट्रीय राजनीति में मजबूत होकर उभरेंगे
कर्नाटक में ऐसी ही स्थिति अब बनती हुई दिखाई दे रही है। कांग्रेस अगर कर्नाटक विधानसभा चुनाव में एक तरफा जीत हासिल करती है तो इससे सिद्धारमैया की स्थिति तो मजबूत होगी ही परन्तु साथ ही कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी भी राष्ट्रीय पटल पर मजबूत होकर उभरेंगे। राहुल गांधी ने कर्नाटक में सिद्धारमैया को चुनाव जीतने के लिए खुली छूट दी हुई है। टिकटों का बंटवारा भी सिद्धारमैया की सिफारिश पर कांग्रेस नेतृत्व द्वारा किया गया। 

Anjna