केजरीवाल जी! अब तो देखें सच्चाई, दिल्ली के वायु प्रदूषण के लिए पंजाब जिम्मेदार नहीं : अमरेंद्र सिंह

punjabkesari.in Friday, Oct 16, 2020 - 09:56 AM (IST)

नई दिल्ली/चंडीगढ़ (नवोदय टाइम्स/अश्वनी): दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल राजधानी में बढ़ते वायु प्रदूषण के लिए पंजाब में पराली जलाने को जिम्मेदार ठहराते आए हैं, लेकिन वीरवार को केंद्रीय पर्यावरण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने उनके इस दावे के जवाब में कहा कि असल में दिल्ली-एन.सी.आर. में वायु प्रदूषण का मुख्य कारण पंजाब में पराली जलाना नहीं बल्कि स्वयं दिल्ली में बायोमास जलाने, कचरा निस्तारण, कच्ची सड़कों, धूल, निर्माण और तोडफ़ोड़ जैसी गतिविधियां हंै। उन्होंने कहा कि जहां तक पराली जलाने की बात है तो उसके कारण दिल्ली में मात्र 4 प्रतिशत प्रदूषण होता है, जबकि 96 प्रतिशत प्रदूषण स्थानीय कारणों से है। 

प्रकाश जावड़ेकर द्वारा दिल्ली में प्रदूषण पर पराली की भूमिका स्पष्ट किए जाने के तुरंत बाद मुख्यमंत्री कै. अमरेंद्र सिंह ने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल पर तीखा हमला किया। कैप्टन ने कहा कि केजरीवाल राष्ट्रीय राजधानी के पर्यावरण को बचाने में हुई अपनी नाकामी पर पर्दा डालने और इससे लोगों का ध्यान भटकाने के लिए झूठ बोलना बंद करें। उन्होंने कहा कि इन आंकड़ों से इस मुद्दे पर पंजाब सरकार के पक्ष की पुष्टि हुई है। केजरीवाल की टिप्पणी कि ‘इंकार करने से कोई लाभ नहीं’ पर अमरेंद्र ने कहा कि वास्तव में केजरीवाल ने सच्चाई से मुख मोड़ा हुआ है। यदि केजरीवाल दिल्ली के संकट से निपटने के लिए गंभीर हैं तो सच्च्चाई की अनदेखी करना छोड़कर समस्या का उचित हल ढूंढने के लिए तुरंत तह तक जाकर काम करें। मुख्यमंत्री ने कहा कि केजरीवाल की तरफ से असली स्थिति से दिल्ली निवासियों को अंधेरे में रखने के अपने एजैंडे के अंतर्गत गलत जानकारी फैलाई जा रही है। सच्चाई यह है कि वास्तव में ऐसे तथ्य नहीं हैं, जो दिल्ली के मुख्यमंत्री के दावों का समर्थन करते हों और इसके विपरीत अध्ययन दिखाते हैं कि पराली जलाना राष्ट्रीय राजधानी की समस्या की बहुत-ही छोटी वजह है।

आई.आई.एस.ई.आर. के आंकड़ों से पंजाब की बात सच साबित हुई
वैज्ञानिक शिक्षा और खोज संबंधी भारतीय संस्थान (आई.आई.एस. ई.आर.) के 2018 और 2019 के आंकड़ों पर आधारित शोधपत्र में बताया गया है दिल्ली का प्रदूषण स्थानीय कारणों से है और इसकी वजह पंजाब में पराली जलाना नहीं है। शोध में कहा गया है कि पंजाब का हवा गुणवत्ता सूचकांक (ए.क्यू.आई.) दिल्ली की अपेक्षा बहुत बेहतर है। कैप्टन ने कहा कि यह ऐसा पक्ष है जिसको पंजाब पिछले कई सालों से रख रहा है, क्योंकि पंजाब में प्रदूषण का स्तर दिल्ली के बुरे पर्यावरण के आसपास भी नहीं है। 


आज भी पंजाब का आसमान साफ
अमरेंद्र सिंह ने कहा कि आज भी पंजाब में आसमान साफ है और वायु गुणवत्ता बहुत बढिय़ा है। कोई भी ब‘चा दोनों के बीच फर्क देख सकता है। उन्होंने कहा कि केजरीवाल ने लगातार इसको अनदेखा किया और पंजाब को दोषी ठहराने के यत्न किए। कैप्टन ने कहा कि उनकी सरकार पराली जलाने के मामले घटाने के लिए पूरी संजीदगी से काम कर रही है परंतु बदकिस्मती से किसान इस उद्देश्य के लिए वित्तीय सहायता के अभाव में पराली के प्रबंधन में बड़ी समस्या का सामना कर रहे हैं। नकद सहायता के लिए बार-बार अपीलें किए जान के बावजूद केंद्र सरकार की तरफ से अब तक कोई रचनात्मक समर्थन नहीं दिया गया । 


नासा ने पंजाब में देखी पराली जलाने की घटनाएं 
नासा के कृ त्रिम उपग्रह द्वारा ली गई तस्वीरों में पंजाब के अमृतसर, पटियाला, तरनतारन और फिरोजपुर तथा हरियाणा के अम्बाला और राजपुरा में बड़े पैमाने पर खेतों में पराली जलाए जाने की घटनाएं सामने आई हैं। 

पंजाब सरकार से पराली जलाने से रोकने की अपील
जावड़ेकर ने कहा कि हाल में जब वह लुधियाना के दौरे पर गए थे तो पराली जलाने के कारण उठ रहे धुएं से उनका दम घुटने लगा था। मैं पंजाब सरकार से अपील करता हूं कि वह कार्रवाई करे और पराली जलाए जाने पर रोक लगाए।

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